सोनू की जब शादी हुई थी
तब सदर बाजार में उसका सेंट बेचने का बिजनेस खूब चलता था किंतु 5 साल बाद उसके बिजनेस में अचानक ब्रेक लग गई तब उसकी पत्नी मीनाक्षी ने एक अस्पताल में गार्ड की नौकरी करनी शुरू कर दी
सोनू अब घर पर ही रहता था पत्नी ड्यूटी जाने लगी —
इस बात को 9 महीने बीत चुके थे ,,,
एक दिन सोनू अपने दूर के मित्र दिलीप के पास आया था जमकर खूब बातें हुई बिजनेस के बारे में ,,,, बिजनेस को दोबारा से कैसे शुरू किया जाए तमाम बातें उनकी हुई
सोनू अपने मित्र से मिलकर बाहर सड़क पर आ गया पास में ही वह अस्पताल था जिसमें सोनू की पत्नी मीनाक्षी काम करती थी
सोनू अपनी पत्नी के अस्पताल में पहुंच गया पहले तो वह घर जाने की सोच रहा था उसे याद आया कल जब शाम को उसकी पत्नी मीनाक्षी घर आई थी तो उसका चेहरा कुछ उदास लग रहा था कई दिनों से उसने ठीक से
बात भी नहीं की थी यही सोचते सोचते सोनू
,,,, ड्यूटी पर पहुंच गया किंतु वह अपनी पोस्ट पर नहीं थी किसी दूसरी महिला गार्ड ने बताया उसका अक्सर फोन आता है वह अस्पताल के पीछे चली जाती है —
सोनू कुछ सोचता हुआ अस्पताल के पीछे चल पड़ा उसकी बीवी फोन में किसी से बातें करते हुए रो रही थी उसका सारा ध्यान अपने मोबाइल पर ही था वह रोते-रोते बता रही थी जब मेरी शादी हुई थी
तब मैं अपने पति का घर पर इंतजार करती थी उनके आते ही उन्हें एक गिलास पानी पिला देती उनके जूते उतार देती उन्हें हमेशा खुश रखती लेकिन आज जब मैं ड्यूटी से घर जाती हूं तो मेरे पति ने कभी भी मुझे एक
गिलास पानी नहीं दिया क्या पानी पिलाने का अधिकार सिर्फ महिलाओं को है , पुरुषों को नहीं
सोनू अपनी पत्नी से बिना मिले ही वापस घर लौट आया घर की सफाई करने के बाद घर के बर्तन धोकर रसोई घर में सजा दिए —
मीनाक्षी जब शाम को घर पहुंची तो सोनू ने अपनी पत्नी को कुर्सी पर बिठा दिया एक गिलास पानी अपनी पत्नी को देते हुए सोनू ने जवाब दिया,,,
अब तुम्हें रोज एक गिलास पानी पीने को मिलेगा मैं अपने हाथों से दूंगा इस बात को सुनकर मिनाक्षी प्यार भरी निगाहों से अपने पति को देखने लगी,,।
पत्नी की मुस्कुराहट देखकर सोनू के भीतर से एक आवाज आई
कामकाजी महिलाएं जब नौकरी से घर आती है तो ,
उनका सम्मान करें ,, उन्हें एक गिलास पानी पिलाने में कैसी शर्म,,,,।
नेकराम सिक्योरिटी गार्ड
मुखर्जी नगर दिल्ली से
स्वरचित रचना