एक प्यार ऐसा भी …(भाग -14) – मीनाक्षी सिंह : Moral Stories in Hindi

आप सबने अभी तक पढ़ा कि निम्मी और राजू ने  गांव से 12वीं पास कर ली है …. आगे की पढ़ाई के लिये राजू सर जी के कहने पर शहर आ गया है …. निम्मी से वादा करके आय़ा है कि उसका बी. ए का प्राईवेट फोर्म डलवा देगा ….. पर यह क्या शहर आते ही राजू को एक लड़की इशारे से बुलाती है ….

अब आगे….

राजू सभ्यता से  आगे आता है ……

पास आकर देखता है कि ये लड़की नहीं एक आंटी की ऊमर की है ….

वो औरत राजू के पास आते ही उसे ऊपर से नीचे तक निहारती है…..

जी आपको… कोई परेशानी है ??…..

आपने मुझे बुलाया….

राजू बड़ी शालीनता से उस औरत से बोला….

हां रे चिकने …. हां रे  छोकरे…. कुछ चाहिए तुझसे……

वो औरत बड़े ही गलत तरीके से राजू को देखते हुए बोली….

जी…. आंटी जी….मेरे पास तो वैसे कुछ है नहीं…. पर फिर भी आपको क्या चाहिए?? अगर होगा ,,,तो दे दूँगा …. वैसे भी सर जी कहते है कोई मुसीबत में हो तो उसकी मदद ज़रूर करनी चाहिए……

राजू बड़ा भोला है ….

तेरे पास ही तो है वो छोकरे…..जो मुझे चाहिए…..

ये बता …. अकेले आया है य़ा कोई और भी है साथ में….. ??

वो औरत राजू के आस पास निगाह डालती हुई बोली….

जी…. मैं अकेले ही आया हूँ अभी ….

फ़ोन खरीदूँगा तो बात करूंगा सर से अभी ….. नंबर लेके आया हूँ गांव से….

राजू बिना उस औरत की मंशा जाने बोलता जा रहा है …..

पढ़ने आया है चिकने ….. तेरे जैसे बहुत आते है फिर हमसे ही पढ़ते है वो…..

वो औरत जोर से हंसती है ….

जी मैं समझा नहीं आंटी आप क्या बोले…..

अच्छा  ये सब छोड़…. आंटी बोलना बंद कर मुझे…. ये बता पैसे लाया गांव से तो तेरा काम करवाऊँ ??

वो औरत चारों तरफ देखती हुई राजू से बोलती जा रही है …..

जी…. आप मेरा काम करवा देंगी…..ये तो बहुत अच्छी बात है….

दिये है पैसे अम्मा ने बहुत सारे पैसे…. फ़ोन खरीदने के, कमरा लेने के, खाने पीने का सामान, बरतन लेने के…… और भी खरचे के….

आप मुझे कमरा दिलवा देंगी……..

हां सब कुछ…. एक बार देख लेगा तो वहां से जाने का नाम नहीं लेगा…

चल मेरे साथ छोकरे….

वो आंटी राजू को अपने साथ ले जा रही है ….

राजू यह सोचकर बैग टांगे चला जा रहा है कि वो आंटी उसे कमरा दिलवायेगी …..

वो औरत तेज कदमों से एक संकरी सुनसान गलियों से चली जा रही है …..

ए रे छोकरे…. तू तो बड़ा धीरे चले है …..

जल्दी जल्दी चल,, नहीं तो अच्छा आईटम निकल जायेगा तेरे हाथ से …. फिर मुझसे आईटम की शिकायत ना करना कि मज़ा नहीं आया….

जी…. ठीक है … मैं ही चलता हूँ…..रूम अच्छा ही दिखाना आंटी……

आंटी रूम में पलंग, गद्दा , चादर तो होगा ना ….. मैं कुछ लाया नहीं…..

तू फिकर ना कर चिकने… ए वन रूम…. बिस्तर, पलंग, वो खुशबू वाला परफयूम ,, पानी …कंघा , शीशा सब मिलेगा तुझे….

और आंटी लाईट ठीक होनी चाहिए कमरे में….. रोशनी आनी चाहिये ठीक से…..

ओ रे … इस काम में रोशनी की क्या ज़रूरत…. सब अंधेरे में ही हो जाता है ….

वो औरत धीरे से बोल हंसी…..

क्या आंटी क्या बोले आप…..

कुछ नहीं… चल आ जा… आ गया रूम…..

अब बता कितने पैसे खर्च करेगा….. वैसा ही आईटम दिखाऊँ ??

आंटी बोली….

आंटी बोला तो अच्छा ही चाहिए…..

राजू अभी भी नहीं समझ पा रहा कि उसके साथ क्या होने जा रहा है …..

तो ठीक है …. निकाल 5 हजार… तेरे लिए फरस्ट क्लास आईटम… वो भी इतने सस्ते में….

हां सर जी ने इतने का ही बताया था… कि इतने तक अच्छा रूम मिल जायेगा राजू बेटा…..

तो फिर चल…..

इधर निम्मी राजू के जाने से बहुत दुखी  है …

वो चुपचाप राजू के घर ,,उसकी अम्मा के पास आयीं है ….

ताई ….

निम्मी धीरे से बोली….

हां बोल… निम्मी … का कह रही…….. राजू की खबर लेने आयी है …… .

राजू की अम्मा अपनी लली को नहलाती हुई बोली….

हां ताई …. राजू ने शहर जाकर फ़ोन लिया य़ा नहीं…

कह रहा था,,ज़ाते ही ले लूँगा …..

कोई खैर खबर मिली क्या ताई उसकी… उसे कमरा मिला य़ा नहीं…… ठीक तो है राजू….

हां ठीक ही होगा छोरी …… अब वो बड़ा हो  गया है …. बच्चा ना रहा….. वैसे भी मास्साब के पास जायेगा सबसे पहले …. उन्ही के संग होगा….

जैसे ही खबर मिलती है … खबर करवा दूँगी राकेश के हाथ …..

तू चिंता ना कर ….

मैँ खुद ही आती रहूँगी ताई ….

पता नहीं क्यूँ मेरा मन कह रहा कि राजू ठीक ना है ….

किसी मुसीबत में है….

निम्मी दुखी होती हुई बोली….

तू और मेरा राजू कभी दूर ना रहे ना इसलिये तुझे चिंता हो रही….

जा घर ….. तेरी अम्मा बाट जोह रही होगी…. अब तू बच्ची ना रही… ऐसे अकेले ना आया कर ….

ठीक है ताई ज़ाती हूँ…. जैसे ही कुछ पता चले बता देना….

हां ज़रूर…. जा तू अब….

निम्मी दुखी मन से लौट आयी…..

इधर राजू ने आंटी को 5000 रूपये दे दिये ….

आंटी खुश होकर पैसों को गिनते हुए राजू को कमरे में पलंग पर बैठने का इशारा कर चली गयी….

राजू कमरे को चारों तरफ से देख रहा है ….

मन ही मन बोला आंटी ने कमरा तो बहुत अच्छा दिलाया है …. आज आराम करके कल जाऊंगा सर जी के पास….

कमरा तो मिल ही गया…

मन ही मन खुश है राजू….

राजू पलंग पर लेट जाता है ….

तभी सामने से आंटी एक लड़की को साथ लेकर आ रही है ….

आगे की कहानी कल…. तब तक के लिए जय माता दी

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आगरा

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