राजशेखर वेड्स प्रिया( शादी स्पेशल)
राजशेखर और प्रिया की हल्दी की रस्म हो चुकी थी। पूजा के बाद दी ने उसे आराम करने को कहा वो रूम में आ गई
अब आगे –
उसने आंखें मूंद लीं कि तभी उसका फोन बज उठा।
शेखर का फोन था।
हेलो! मेरी जान
प्रिया मुस्कराई पर चुप रही।
सुन रही हो???? जी
बारात ले कर आ रहा हूं कुछ देर चुप्पी छाई हुई रही।
थैंक्यू शेखर! प्रिया इमोशनल हो गई।
किस चीज के लिए???
मेरी जिंदगी में आने के लिए, मेरा सपना पूरा करने के लिए
मेरे लिए तो सचमुच प्रिंस आ रहा है,मुझे किस्मत ने जरूरत से ज्यादा दे दिया है वो रो पड़ी।
ये आंसू विदाई के लिए रखो, मुझे मेरी दुल्हन खुशमिजाज चाहिए।
“लव यू”
“जी” प्रिया मुस्कराई, फिर वही जी वह हंस पड़ा
वैसे भाभी ने हल्दी की रस्म वाला तुम्हारा फोटो दिखाया था। एक तुम हो तुमने मुझे अपना फोटो नहीं भेजा।
शाम को देख लीजिएगा।
“हुंअ” एक बात पूछनी थी,समझ गई कौन सी वाली???
मुझे नहीं समझना, मैं फोन रख रही हूं प्रिया ने फोन रख दिया।
उसके फोन रखते ही शेखर मुस्कराया “मैडम” मैं भी इंतजार कर रहा हूं।
उधर प्रिया अपने आप में हंस रही थी अचानक दी ने उसका ध्यान भंग कर दिया।
उनके हाथ में खाने की प्लेट थी, कुछ खा लो सुबह से कुछ नहीं खाया है।
हां दी बहुत भूख लगी है उसने प्लेट लेकर कहा। आपने खाया???
नहीं तुम्हारे जीजा जी और मेरा फास्ट है।
क्यों??? तुम्हारा कन्यादान करेंगे इसलिए
दी! जीजा जी की तबीयत अभी अभी ठीक हो रही है। उन्हें भूखा रखना ठीक नहीं है।
उन्होंने दूध और फ्रूट्स लिये हैं बाद में ड्रायफ्रूट्स दे दूंगी।
पर दी, पर वर कुछ नहीं तुम्हारे जीजा जी की इच्छा है। तुम्हें बहन मानते हैं अब बेटी भी बन जाओगी वो मुस्कुरा कर बोलीं।
मैं बच्चों को देखती हूं तुम खा कर रिलेक्स हो जाओ।
किसी को भी फुर्सत नहीं थी।
उधर शेखर की तरफ बड़ी हलचल थी।
कविता उसकी शेरवानी को ध्यान से देख रही थी। तुम्हारी शेरवानी और प्रिया का लहंगा कन्ट्रास्ट में है।
हां भाभी
शेखर तुमने अपने लिए मेकअप आर्टिस्ट भी बुला लिए मम्मी तेजी से अंदर आईं।
सब हंसने लगे।
शेखर ये सब क्या है??? दादी ने कहा
मुझे दुल्हन से ज्यादा सुन्दर दिखना है।
अच्छा अब इसमें तुम लड़कियों से कॉम्पिटिशन करोगे??? भैय्या ने चिढ़ाया।
सजने संवरने का हक हम ब्वायज का भी है।
“एंड आइ एम द राजशेखर बाधवा” लोगों को दिखाना है।
वो जो तुम जाने क्या क्या ट्रीटमेंट ले चुके हो उनका क्या???
ऊपर से ये सब भी मम्मी हंसते हुए बोली।
वैसे मेरा बेटा लाखों में एक है उन्होंने उसको प्यार करते हुए कहा।
“मॉम” बिजनेस टायकून राजशेखर बाधवा की शादी है। बड़े बड़े लोग शामिल हो रहे हैं तो बिजलियां अकेले आपकी बहू गिराए मैं ये नहीं होने दूंगा।
तुम तो कहीं भूचाल न ले आना भैय्या ने उसकी पीठ थपथपाई।
अरे भैय्या! मैं उन लोगों को कहूंगा कि मेरे बाद मेरे भैय्या को भी तैयार करें हमें नई भाभी भी ढूंढनी है।
आओ तुम्हें तो मैं बताती हूं कविता ने उसका कॉलर पकड़ लिया।
ऐसी खूंखार भाभी से भगवान बचाए उसने अपना कॉलर सही करते हुए कहा। भूलना मत प्रिया तुम्हें मेरी वजह से मिली।
तो कौन मना कर रहा है “भाभी द ग्रेट”
उधर प्रिया को तैयार करने वाली टीम आ चुकी थी। मैम आपको कैसा मेकअप और कैसी हेयर स्टाइल चाहिए????
मेकअप बहुत ही सिंपल कीजिए फेक आई लेसेज लगाने की जरूरत नहीं है।
हेयर स्टाइल जो सूट करता है वो बना दीजिए।
वैसे मैम आपको मेकअप की इतनी जरूरत नहीं है। पर मेकअप फंक्शन के हिसाब से करना ठीक रहेगा।
वो लोग प्रिया को तैयार करने लगे।
प्रिया जब तैयार हुई तो सब देखते ही रह गए दी की आंखें नम हो गईं ।
उनकी सासू मां ने प्रिया की नजर उतार ली।
प्रिया इधर करो दी ने उसके गले में मां का बनाया हुआ हार डाल दिया, ये मां की इकलौती निशानी है।
प्रिया की आंखें भर आईं, रोना मत मेकअप खराब हो जाएगा दी ने उसे हौले से कहा।
बारात का भी टाइम हो गया है मैं देखती हूं स्वागत करने मुझे और तेरे जीजा को जाना है।
उनके जाने के बाद प्रिया ने खुद को देखा तो शरमा गई।
शेखर! आज तो आपके होश उड़ने वाले हैं
तभी उसके फोन पर मैसेज आया।
तैयार हो????
जी प्रिया ने आंसर किया शेखर ने उसे कोट कर हंसने का इमोजी भेज दिया।
ये एक हसीन ख्वाब था जो आज मुक्कमल हो रहा था।
शेखर की बारात बहुत सज धज के साथ दरवाजे तक पहुंच चुकी थी।
उसकी अदा ही अलग थी दूल्हे राजा क्लासिक विंटेज कार में तलवार के साथ निराले अंदाज में नजर आ रहे थे।
वेन्यू में एंटर करते ही दी ने आरती उतार कर नाक खींचने की रस्म की जो शेखर ने आराम से करने दी जिस पर कविता तुनक पड़ी तुम तो हमारी नाक कटा दो शेखर।
अंदर आ कर जब पूजा विधि प्रारम्भ हुई तो कविता ने शेखर के जूते चुरा लिए।
भैय्या ने देख कर ताना मारा कुछ लोग चोरी करते हुए अपना पराया कुछ नहीं देखते।
तुम हो किसकी साइड??
भैय्या! ये देखभाल की आपने मेरे जूतों की???? शेखर ने मुंह फुलाकर कविता को देखा।
अब तुम बताओ शेखर दी बड़ी हैं इसलिए वो जूते नहीं चुराएंगी,चीनू छोटी है वो नहीं कर पाएगी। इसलिए मैं नहीं चुराऊंगी तो कौन चुराएगा????
छि कितने कंजूस हो तुम???? वो हंस पड़ी।
इतने में शोर मच गया कि दुल्हन आ गई, सब देखने लगे।
प्रिया को देख कर ऐसा लग रहा था मानो कोई परी जमीन पर उतर आई हो। शेखर की तो जैसे सांसें ही थम गई वो बड़े प्यार से प्रिया को देख रहा था। प्रिया ने शरमा कर नजरें झुका ली।
वो आगे बढ़ी शेखर ने उसका हाथ पकड़ा और मुस्कराया।
“माई लाइफ” “लव यू फोर एवर”
जयमाला की रस्म हो रही थी।
भैय्या और शेखर के दोस्तों ने कहा, शेखर हम सबकी इज्जत का सवाल है झुकना मत।
देखते हैं जीत किसकी होगी??
कविता और दी ने उन्हें चिढ़ाया।
शेखर ने प्रिया को देखा और सिर झुका दिया। प्रिया ने जयमाला पहना दी।
जोरू का गुलाम हम सबकी नाक कटा दी भैय्या ने उसे डांट दिया
भैय्या मैं तो शेखर की साईड हूं समर ने कहा।
तुमसे तो मुझे और ज्यादा उम्मीदें हैं समर तुम तो अपनी बीवी के कदमों में गिर जाओगे।
उनकी बातें सुन समर और शेखर हंस दिए।
शेखर ने प्रिया को जयमाला पहनाई तो दी की आंखें नम हो गई उन्होंने आसमान की तरफ देखा मां आज तुम्हारा सपना पूरा हो गया।
आज तो तुम्हारे सो कॉल्ड देखने वाले लोग हमारी शादी को लाइव देख रहे हैं।
अब तुम्हें डर नहीं लग रहा है मौका पाते ही शेखर ने उसे छेड़ा।
आपको तो मैं……… देख लूंगी।
कब देखोगी???? उस पल का तो मैं कब से इंतजार कर रहा हूं।
“फिफ्टीन डेज” आखिर बीत ही गए।
सप्तपदी के वचनों के साथ प्रिया और शेखर ने सात फेरे लिए।
प्रिया के गले में मंगलसूत्र और मांग में सिंदूर भर कर शेखर ने उसे अपने प्यार में बांध लिया था।
आठवां वचन मैं दे रहा हूं उसने हौले से प्रिया के कान में कुछ कहा।
जिसे सुनकर प्रिया का चेहरा सुर्ख हो गया।
विदाई के समय माहौल बहुत भारी था। प्रिया ने चावल अंजुली में भर कर पीछे डाले
जो दी ने अपने आंचल में समेट लिए।
दी ने रोते हुए उसे बाहों में भर कर गले से लगा लिया। जीजा जी प्यार से उसके सिर पर हाथ फेर रहे थे।
जिसे देखकर शेखर इमोशनल हो गया।
कविता ने शेखर के जूतों की ज्यादा ऊंची कीमत लगाई तो शेखर ने ना कर दिया।
बहस बाजी जारी थी शेखर ने प्रिया की तरफ देखा तुम किसकी तरफ हो ???
आपकी तरफ हूं।
तुमसे मैं कभी बात नहीं करूंगी कविता ने गुस्से से प्रिया को घूरा।
आप भाभी हैं या साली????
पहले आप ये बताओ?
तुम्हें देना है तो दो नहीं तो नंगे पैर जाओ।
तभी शेखर की मॉम आई उन्होंने हंस कर शेखर के हाथ में एक बॉक्स दिया शेखर ने बॉक्स कविता को दे दिया ये चीटर लोगों के लिए हम लोग उनका भी ख्याल रखते हैं।
उसमें डायमंड के कंगन थे जिन्हें देखकर कविता खुशी से उछल पड़ी।
दुल्हन विदा हो गई।
इधर शेखर का घर दुल्हन के इंतजार में दुल्हन की तरह सजा हुआ था।
शादी और सफ़र की थकान से प्रिया को नींद आ रही थी उसका सिर शेखर के कंधे पर टिक गया।
शेखर उसका माथा चूम मुस्कराया इस कंधे पर केवल तुम्हारा हक है मिसेज बाधवा
घर पहुंच कर भव्य स्वागत हुआ। प्रिया से देहरी पर रोली और हल्दी के छाप लगवाए गए।
अब द्वार रोकने की रस्म थी।
द्वार रोकने की रस्म में शेखर की मॉम ने दी की बेटी चीनू को आगे कर दिया।
आपको क्या चाहिए??? ढेर सारी चॉकलेट शेखर ने प्यार से पूछा।
चीनू ने बड़ी मासूमियत से हां में सिर हिला दिया।
“ओके डन” उसने उससे हाथ मिलाया।
अच्छा चीनू बच्ची है तो उसे सिर्फ चॉकलेट शेखर “दिस इज नॉट फेयर” कविता ने आगे बढ़ कर कहा।
ऐसा कैसे हो सकता है???? शेखर की दादी ने चीनू को प्यार करते हुए कहा।
ये हमारी चीनू का गिफ्ट उन्होंने बहुत खूबसूरत डायमंड इयरिंग्स दी के हाथ में दे दिए।
शेखर! चीनू को चॉकलेट्स तुम दोगे मॉम ने चीनू को अपनी तरफ खींच कर प्यार किया।
प्रिया! अब तुम कलश गिराओ और कुमकुम से भरे हुए इस थाल में पैरों को भिगो कर मंदिर तक चलो।
बहू लक्ष्मी का रूप होती है सुख और समृद्धि हमेशा इस घर में बनी रहे।
सब एक साथ मंदिर में चल दिए।
वहां प्रिया ने जोत जला कर सभी बड़ों का आशीर्वाद लिया।
उसके बाद रिंग ढूंढने की रस्म हुई दूध और गुलाब की पंखुड़ियों के बीच शेखर की रिंग डाल दी।
शेखर ने प्रिया को रिंग पकड़ाने की कोशिश की उसने आंखों से मना कर दिया।
इस रस्म को शेखर ने जीत लिया।सब बेहद खुश थे।
चलो अब बहू को बहुत थकान हो गई होगी उसे उसके रूम में छोड़ आओ दादी ने हुक्म दिया।
कविता उसको लेकर चली गई।
मुझे मेरे रूम तक कौन ले जाएगा ???? शेखर ने पीछे से कहा।
तुम तो जहां हो वहीं रहो कविता ने पीछे मुड़कर कहा।
कविता वो भी थक गए हैं प्रिया ने धीरे से कहा।
सच में ,
लगता है तुम्हें भी जल्दी है। चलो तुम भी आओ पर वहां पर भी जेब ढीली करनी होगी।
अपनी पत्नी के लिए मैं कुछ भी कर सकता हूं शेखर ने प्रिया को देखा।
शेखर और प्रिया अपने रूम में आए वहां पर शगुन के लिए कविता ने जिद करनी शुरू कर दी।
सब कुछ आपको कैसे मिल सकता है भाभी अब आप पीछे हटिए अब नव्या ( कविता की बेटी)को देंगे।
उसे बुलाओ, कविता ने नव्या को बुला लिया।
नव्या बेटा चाचू से क्या चाहिए???
चाचू मुझे तो यूरोप ट्रिप चाहिए जो आप प्लान करेंगे।
“ओके मेरी जान, चाचू आलवेज लव्स यू” शेखर ने उसका माथा चूम लिया।
रूम को बहुत खूबसूरती से डेकोरेट किया गया था।
शेखर ने प्रिया की तरफ देखा वो बहुत थकी हुई लग रही थी???
क्या हुआ?? कुछ नहीं
आराम करो मैं बाहर चला जाता हूं।
आप भी आराम कीजिए
तुम्हें देखूंगा तो क्या आराम कर पाऊंगा???
शेखर! प्रिया ने शेखर की आंखों में देखा तो शेखर ने झटपट उसे अपनी बाहों में कस लिया।
अब मत कहना कि ये रूम रात के लिए डेकोरेट किया गया है।
चलो सुहाग डे मनाते हैं, वो उसके होंठों की तरफ बढ़ा।
एक मिनट रूको पोज में बैठो मैं घूंघट तो उठा लूं।
मैं आपसे पूछ रही हूं कि मैं ये लहंगा बदल लूं और आपको मजाक सूझ रहा है।
प्लीज! घूंघट करो न
“आप भी न” वो घूंघट ओढ़ कर बैठ गई। शेखर ने घूंघट उठाया और उसे हौले से चूम लिया।
एक बात पूछूं तुमने रिंग ढूंढने की रस्म में मुझे क्यों जीतने दिया।
आपको जीतने का शौक है, मैं तो प्यार में अपने आप को हार गई हूं।
और मैं आपको हर वक्त जीतते देखना चाहती हूं । उसने पलकें झुका लीं।
आज भी शरमा रही हो??? तो बेशर्म हो जाऊं???
शेखर ने उसे अपने सीने से लगा लिया। कुछ मिनट यूं ही बीत गए।
शेखर! चेंज कर लूं ।
मैं तुम्हारी हैल्प करता हूं, नहीं मैं खुद कर लूंगी आपकी हेल्प लेना मतलब खुद को मुसीबत में डालना है।
शेखर ने जबरदस्ती हैल्प शुरू की।
प्रिया पूरी तरह से उसके आगोश में समा चुकी थी। इसमें भी मैं ही जीत गया हूं उसने खुमारी में कहा।
शेखर !
हुंअ,
अब तो छोड़ दीजिए। ओके जान उसने अपने हाथों को खोल दिया।
प्रिया ने प्यार से शेखर को देखा और झुक कर उसके होंठों को चूम लिया।
मिसेज बाधवा, मत जाओ उसकी आंखें बंद थी।
वो धीरे से खड़ी उठी और चेंज करने चल दी। ड्रेसिंग रूम में उसने खुद को देखा और निहारती रही।
“एक बार फिर प्यार मिला” वो भी सच्चा इस प्यार पर तो जान कुर्बान है।
शेखर आपने मेरी आत्मा को छुआ है। मैं आपसे बेइंतहा प्यार करती हूं। अब मैं मरते दम तक आपकी हूं।
“मोहब्बत कोई लिबास नहीं जो हर रोज बदला जाए।
मोहब्बत कफ़न है जो पहन कर उतारा नही जाता।’
उसने इश्क के खुमार में डूब कर आंखें बंद कर ली।
समाप्त
©® रचना कंडवाल
एक बार फिर भाग 44
रचना कंडवाल
Bhut amazing👍😍🤩 aur excellent💯 story thi…. Bs thode jyada din laga diye aapne isse khtm krne me….
https://www.betiyan.in/kajal-sandhya-tripathi-moral-stories-in-hindi/