उल्टी पट्टी पढ़ाना – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

पदमा के पिता की मृत्यु बचपन में हो गई थी माँ कमला ने ही रेलवे में नौकरी करते हुए अपनी दोनों बेटियों को पाला था । पदमा की शादी जयपुर में नौकरी करने वाले एक वकील प्रदीप से हुई । प्रदीप की तीन बहनें हैं तीनों बहनें पदमा से प्यार करती थीं । वे तीनों … Read more

बेटी के ससुराल में साजिश न करों – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

कोरियर, और गेट खटखटाया , प्रकाश नारायण जी ने उठकर गेट खोला तो सामने कोरियर वाला खड़ा था। उसके हाथ में एक लिफाफा था जो उसने प्रकाश नारायण जी को पकड़ा दिया और चला गया। प्रकाश जी लिफाफा लेकर अंदर आए तो पत्नी आरती ने पूछा क्या है जी इस लिफाफे में । देखता हूं … Read more

मंझली बहू – शुभ्रा बैनर्जी  : Moral Stories in Hindi

चार बेटों की मां,मुग्धा देवी कठोर अनुशासन प्रिय महिला थीं।उनकी मर्जी के बगैर घर में पत्ता भी नहीं हिलता था।पति के जाने के बाद पूरे परिवार की जिम्मेदारी बड़े बेटे शुभ के कंधों पर आ गई थी।अपनी कमाई से ही संयुक्त परिवार का खर्च वहन करता था वह।मंझले बेटे के साथ गुरु दर्शन को गईं,मुग्धा … Read more

उल्टी पट्टी पढ़ाना – रंजना गुप्ता : Moral Stories in Hindi

गाँव रामपुर में एक बुज़ुर्ग अध्यापक रहते थे – नाम था हरिनारायण जी। पूरे गाँव में उनका बहुत मान-सम्मान था। वे न सिर्फ़ बच्चों को पढ़ाते थे, बल्कि जीवन की सीख भी दिया करते थे। उनका मानना था कि शिक्षा का अर्थ केवल किताबों तक सीमित नहीं, बल्कि सही रास्ता दिखाना भी है। गाँव में … Read more

वक़्त पर काम आना – लतिका पल्लवी : Moral Stories in Hindi

“आजकल के बच्चों की यह बात मुझे एकदम पसंद नहीं आती है,जो कमाया सभी उड़ा दिया।आड़े वक़्त के लिए कुछ बचा कर रखते ही नहीं है।अब कुछ विपप्ति आई तो चलो किसी के आगे हाथ पैर जोड़ने।तुम्हारी शादी में इतना लेनदेन किया फिर भी मुझसे उम्मीद रखती हो। अब कहाँ से दूँ।”पापा की बात सुनकर … Read more

आप अपने बेटे के साथ क्यों नही रहते – रीतू गुप्ता : Moral Stories in Hindi

रंजन जी के एकलौते बेटे अभय की आज रिसेप्शन पार्टी चल रही थी।  सब खूब मस्ती कर रहे थे। नाच-गाना चल रहा था। रिश्तेदार दूल्हा-दुल्हन को उपहार और आशीर्वाद देकर फोटो करवा रहे थे। जैसे ही रंजन जी ने अपने बेटे-बहु को शादी के तोहफे में नए फ्लैट की चाबी दी .. और बोले बेटा….. … Read more

उल्टी पट्टी पढ़ाना – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

क्या करूं मम्मी… समझ ही नहीं आता.. कल शाम को अमित के मम्मी पापा और भैया भाभी यहां हैदराबाद घूमने के लिए आ रहे हैं, पूरे एक हफ्ते का कार्यक्रम है उनका, मम्मी मैं तो काम करते-करते ही थक जाऊंगी…. बताइए ना क्या करूं..? पूजा की बात सुनकर मम्मी बोली.. देख बेटा ऐसा है जब … Read more

 रिश्ता – एम पी सिंह : Moral Stories in Hindi

राजू के पैदा होते ही उसकी मां गुजर गई थी और जब वो 7 साल का था, उसके पिता भी गुजर गए थे। दादी थी नही, इसलिए दादा ने जैसे तैसे बड़ा किया। 15 साल की उम्र में दादा भी साथ छोड़ गए। पेट भरने के लिए उसने पढ़ाई छोड़ दी और एक स्कूटर रिपेयर … Read more

अपनों की पहचान – विमला गुगलानी :

मुसीबत में ही असली चेहरा दिखता है      इनाया, शांतनु और अभिषेक , दो दो साल के अंतराल में पैदा हुए तीनों भाई बहन माँ रेवती और पिता आलोक की जान थे। लड़ते , झगड़ते , रूठते, मानते लेकिन फिर एक हो जाते।बचपन होता ही इतना प्यारा है,दुःख सुख सांझे, कुछ पता नहीं घाटा, नफा क्या … Read more

जादुई दर्पण – नीरज श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

रजनी के किच-किच से तो मैं परेशान हो चुका हूँ। जब देखो लड़ती रहती है। आज तो घर जाऊँगा ही नहीं, चाहे कुछ भी हो जाये।”   मन में बुदबुदाता हुआ, मनोज पार्क में आकर बैठा ही था कि हवाओं ने बहना शुरू कर दिया। जैसे हवाओं को उसके आने का एहसास हो गया हो। मनोज … Read more

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