वज़ूद – राशि सिंह : Moral Stories in Hindi

शालिनी रसोई में फटाफट काम निपटा रही थी काम करने के साथ साथ अतिरेक सावधानी भी बरत रही थी फिर भी पता नहीं कुछ न कुछ हो ही जाता है अंजाने में क्योंकि जब हमारी गलतियों को ज्यादा हाइलाइट किया जाता है तो गलती होने के और ज्यादा चांस रहते हैं… इंसान का कॉन्फिडेंस डगमगाने  … Read more

विश्वासघाती कभी फ़लते नहीं – बीना शर्मा : Moral Stories in Hindi

“लो भाभी लड्डू खाओ बड़ी भाभी के यहां पोता हुआ है पोता होने की खुशी में उन्होंने आपके लिए लड्डू भिजवाए हैं “अनुराधा खुशी से अपनी छोटी भाभी सपना को लड्डूओ का डिब्बा देते हुए बोली तो सपना आश्चर्य से उसकी तरफ देखते हुए बोली”काजल दीदी के पास ऐसा कौन सा मंत्र है जिसके कारण … Read more

कर्म मत बिगाड़ो मां सीख बेटे की – सिन्नी पाण्डेय : Moral Stories in Hindi

मीता के पति तनुष बहुत धार्मिक,सात्विक,शुद्व शाकाहारी और संस्कारी थे।उनका स्वभाव बेहद सरल और सीधा था।वे एक बैंक में कार्यरत थे।और पति की संगति से मीता भी उसी परिवेश में ढल गयी थी और उसका 11 साल का बेटा किंशू भी अपने मम्मी पापा के पास बैठकर अच्छी बातें सुनता और सीखता था। मीता किंशू … Read more

वादा निभाना – प्रतिमा श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

बड़े भइया घर में घुसते ही चिल्ला रहे थे कहां है मधु? । चारों तरफ ऐसा सन्नाटा पसरा था की सब की जुबान पर मानो ताला लग गया हो। मां जी के बाद अगर पूरा परिवार किसी से डरता था तो वो थे बड़े भइया सुधाकर से। अरे! ” सुधाकर क्यों घर आसमान पर उठा … Read more

उल्टी पट्टी पढ़ाना – रीतू गुप्ता Moral Stories in Hindi

हीरा और पवन आपस में बात कर रहे हैं…. पवन … देख हीरा, तेरी सगाई हो गयी है.. जल्दी ही तेरी शादी हो जाएगी . आते ही भाभी को सर पे मत चढ़ा लेना .. वरना तेरी ज़िंदगी खराब हो जाएगी।  देख भाई, औरत जात पाँव की जुत्ती होती है..  उसे समय समय पर सबक … Read more

अपने तो अपने ही  होते हैं – शिव कुमारी शुक्ला  : Moral Stories in Hindi

सारिका एक न्यूक्लियर परिवार की बेटी थी जिसमें वह उसका भाई एवं  मम्मी-पापा थे। इनके अलावा उसने कभी और किसी रिश्ते को देखा नहीं था।न अपने ददीहाल के न ननीहाल के। कारण उसके पापा को किसी के साथ भी रिश्ता रखना पसंद नहीं था। वे बस हम दो हमारे दो में ही विश्वास रखते थे।न … Read more

मां का संदूक – दीपा माथुर : Moral Stories in Hindi

राहुल उस दिन घर आया तो आँगन में धूप सुनहरी चादर बिछाए खड़ी थी। कोने में माँ बैठी थीं—झुकी कमर, काँपते हाथ, आँखों पर मोटा चश्मा। उनके सामने रखा था एक पुराना लकड़ी का संदूक, जिसकी काली पेंट जगह-जगह से उखड़ चुकी थी। राहुल ने अनमनेपन से कहा— “माँ, इस जंग लगे संदूक में अब … Read more

उल्टी पट्टी पढ़ाना – एम पी सिंह : Moral Stories in Hindi

आशा की शादी कानपुर के जाने माने जूट कारोबारी अनिल गुप्ता के छोटे बेटे अमित से हुईं। दोनों भाई पिता के कारोबार में हाथ बटाते थे ओर एक ही घर में रहते थे। आशा की सास ओर उनकी बड़ी बहू घर संभालते थे। आशा के पीहर में उसके माता पिता ओर भाई भाभी थे। आशा … Read more

स्वाभिमान के लिए – डा० विजय लक्ष्मी : Moral Stories in Hindi

जगत नारायण जी अपने घर के बैठका में बैठे थे। चेहरे पर गहरी झुर्रियाँ थीं, पर उनमें जीवन का अनुभव भी झलकता था। उसी समय पड़ोसी सुबोध जी आकर पूछ बैठे— “अरे सर जी! आप यहाँ कैसे ? आपके तो तीन-तीन बेटे हैं, तीनों अच्छी नौकरियों में हैं, फिर भी आप उनके साथ क्यों नहीं … Read more

अपने मन की सुनना – विमला गुगलानी : Moral Stories in Hindi

     “ ओह माँ जी, ये बहूजी भी ना, मजाल है किसी काम को हाथ लगा ले, नाशते के बर्तन तक नहीं उठाती, और कमरा कितना बिखरा पड़ा है, सारे कपड़े पंलग पर फैला दिए” नौकरानी रामी काम भी कर रही थी और बुड़बुड़ा भी रही थी।        सुषमा सामने ही बाहर चारपाई पर बैठी मेथी साफ … Read more

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