कठोर कदम – निभा राजीव”निर्वी” :

Moral Stories in Hindi ज्योति सब को चाय देकर शीघ्रता से हाथ चलाते हुए सुबह के नाश्ते के प्रबंध में लगी हुई थी। दोनों बच्चे 4 साल का विपिन और 6 महीने का नितिन। दोनों अभी सो ही रहे थे तो उसने सोचा शीघ्रता से काम निपटा ले। तभी अजीत की आवाज आई, “-ज्योति एक … Read more

 ये बंधन सिर्फ कच्चे धागों का नहीं है – लक्ष्मी त्यागी

कल्पिता मन ही मन खुश हो रही है ,’श्रावण मास’ जो चल रहा है ,इन दिनों’ शिवपूजन’ के साथ -साथ’ हरियाली तीज ‘ उसके पश्चात’ रक्षाबंधन’ भी आती है। कल्पिता मन ही मन गुनगुनाने लगती है -”अब के बरस भेजो ,भैया को बाबुल सावन में लीजो बुलाए !” जब से विवाह करके अपनी ससुराल आई … Read more

कठोर कदम – लक्ष्मी त्यागी :

Moral Stories in Hindi आज रविना और उसकी जेठानी प्रिया दोनों ही तैयार होकर ,अपनी ननद यानि सुप्रिया के यहां जा रहीं हैं। रविना बैंक में नौकरी करती है ,तो उसकी जेठानी किसी आई.टी. कम्पनी में मैनेजर के पद पर हैं। दोनों ही ,अपने को आज के जमाने की ,सफलतम महिला समझती हैं ,और इस … Read more

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