Month: August 2025
सज़ा का फ़रमान – समिता बडियाल : Moral Stories in Hindi
अमित पुणे में सॉफ्टवेयर कंपनी में इंजीनियर के पद पर काम करता है। उसका घर राजस्थान में है , इसलिए बार -बार आना -जाना नहीं हो पाता। आज पूरे तीन महीने बाद वो अपने घर आ रहा है। उसके घर में मम्मी -पापा, भाई -भाभी और उसकी पत्नी रेणुका है। भाई के दो बच्चे हैं … Read more
झूठे दिखावे से ज़िंदगी नहीं चलती – लक्ष्मी त्यागी : Moral Stories in Hindi
पवित्रा के जेठ के लड़के का, रिश्ता तय हो गया था। सारी बातें ठीक थीं , लड़की वालों के भी यहां पैसे की कोई कमी नहीं थी, और लड़के वालों के यहां भी, वे लोग, अच्छा खाते- कमाते थे। लड़का बेंगलुरु में नौकरी करता था, लड़की भी, ‘बीटेक’ करके अभी घर पर ही थी। लड़के … Read more
झूठे दिखावे से जिंदगी नही चलती – डॉ आभा माहेश्वरी : Moral Stories in Hindi
“झूठे दिखावे से जिंदगी नही चलती — बच्चो,” अध्यापक जी क्लास में बच्चों को बता रहे थे।लेकिन उनकी बात सुनकर महेश बोला,” सर– जीवन को अच्छी तरह से जीने के लिए कुछ झूठा दिखावा तो करना ही पड़ता है,” इसपर अध्यापक जी ने कहा कि,” अभी तुम्हें शायद मेरी बात समझ में नही आयेगी लेकिन … Read more
सही की कीमत अक्सर देर से समझ आती हैं – स्वाती जैंन : Moral Stories in Hindi
कर्मजलि , कलंकिनी , दोनों मां बेटी ने मिलकर जीना हराम कर दिया हैं , मन तो करता हैं दोनों को इस घर से बाहर निकाल फेंकूं , एक इसकी मां हैं जो दिनभर घर से बाहर रहती हैं और एक दूसरी यह इसकी बेटी जो पूरे दिन घर में रहकर मेरी छाती पर बैठकर … Read more
साजिश से घर नहीं बसते – अर्चना खण्डेलवाल : Moral Stories in Hindi
मम्मी जी, ये देखिए मेरी छोटी बहन रिद्धिमा और योगेश भैया की जोड़ी बहुत जमेगी, फिर एक ही घर में दोनों बहनें आयेगी तो दोनों भाईयों में भी प्यार बना रहेगा। अभी उसने पढ़ाई पूरी कर ली है और उसकी मुंबई में नौकरी लग गई है, इस घर में आयेगी तो हम सबके भाग्य खुल … Read more
आसमान की ओर मुस्कान – ज्योति आहूजा :
कविता की आदत थी कि हर रात सोने से पहले छत पर जाकर आसमान देखे। टिमटिमाते तारों को ताकते हुए उसके मन में एक ही सवाल बार-बार उठता— “अगर मैं कल न रही… तो मेरे बच्चों का क्या होगा?” उसका जीवन बच्चों में ही बसता था। सुबह से लेकर रात तक उनकी हँसी, उनकी पढ़ाई, … Read more
सीख – नीरज श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi
“झूठे दिखावे से जिंदगी नहीं चलती। सूझबूझ और संघर्ष का नाम जिंदगी है। जो जीवन में इतिहास रचते हैं वह लोगों की परवाह नहीं किया करते। वह तो बस अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते हैं।…….” नीरज ने अभी इतना ही कहा था कि रोहित वहाँ से नाराज हो उससे दूर चला गया। नीरज ने … Read more
पता नहीं तुम लोगों को कैसे संस्कार मिले हैं – सिन्नी पाण्डेय : Moral Stories in Hindi
वैसे तो मंजूजी अपने पोतों, पारस और मानस से बड़ा लगाव रखती थीं पर जब भी उनसे नाराज़ होतीं,तो अपनी बहू आभा को ज़रूर लपेट लेती थीं। आभा चाहे उस जगह पर मौजूद हो या न हो,अगर बच्चे कुछ भी शैतानी करते,तो बच्चों को डांटने के साथ साथ उनसे कहतीं,”पता नहीं तुम लोग कैसे हो,हमारे … Read more