अब और नहीं – अंकिता सिंह : Moral Stories in Hindi

सपना एक समझदार, मेहनती लड़की थी। माँ के गुज़रने के बाद घर की सारी ज़िम्मेदारी उसी पर आ गई। घर के छोटे भाई-बहनों की पढ़ाई, खाना, सिलाई—हर काम में वह निखरती गई, लेकिन खुद को पीछे छोड़ती गई। उसका सपना था एक दिन शिक्षिका बनने का, लेकिन हालातों ने उसकी ज़ुबान को चुप करा दिया। … Read more

*अहम * – मिन्नी मिश्रा : Moral Stories in Hindi

आकाश को घर से निकले पाँच दिन हो गये । एक-दो दिन मुझे अकेलेपन का जरा भी अहसास नहीं हुआ, सब कुछ अपनी मनमर्जी से किया । परंतु , आज सवेरे से ही मन बेचैन था.. . कभी टीवी खोलती, कभी खिड़की के पास खड़ी होती, तो कभी वार्डरॉब में उनके कपड़ों को निहारती । … Read more

जहाँ चाह वहाँ राह – करुणा मलिक

आज सुबह से ही बारिश की टिप-टिप लगी थी । सुहास को न जाने क्यों बारिश के दिन मालिनी की याद आ ही जाती थी । मालिनी , उसकी बेस्ट फ़्रेंड होने के साथ- साथ उसकी छोटी चचेरी बहन भी थी । पर तीन सालों से हालात ऐसे बन गए थे कि आज सुहास के … Read more

मुंँहबोली बहन – सुनीता मुखर्जी “श्रुति”

आओ मेरी प्यारी बहना….! जब से तुम मेरी जिंदगी में आई हो, बिल्कुल मेरी जिंदगी बदल सी गई है। मेरी अपनी भी बहन हैं, वह भी मुझे इतना मान नहीं देती है जितना तुम मेरा ख्याल रखती हो..! शुभम की पत्नी सोनम भी हां में हां मिलाते हुए बोली -बिल्कुल सही कहा आपने‌..! मेरी अपनी … Read more

माँ का विश्वास – रश्मि प्रकाश

आज बहुत दिनों बाद प्रफुल्ल घर आ रहा है… मनोरमा जी ने बेटे को फ़ोन करके आने के लिए जो कहा था कॉलेज की पढ़ाई करने शहर गया तो अतिव्यस्त दिनचर्या और पढ़ाकू प्रफुल्ल के लिए घर आने का वक़्त ही नहीं मिल रहा था पर मनोरमा जी ने बेटे को इस बार कैसे भी … Read more

प्रेम और विश्वास की जीत – रेखा सक्सेना : Moral Stories in Hindi

“पापा… मम्मी मुझे पहचानती क्यों नहीं हैं “ 10 साल की साक्षी की यह मासूम, डरी-सहमी सी आवाज़ राजीव के सीने में कहीं चुभ गई। राजीव ने बेटी को अपनी गोद में उठाया और उसके सिर पर हाथ फेरते हुए कहा, “बस थोड़ा और वक्त बेटा… तुम्हारी मम्मी सबकुछ याद कर लेंगी। हमें हिम्मत नहीं … Read more

“जब माँ साथ चलीं…” – ज्योति आहूजा : Moral Stories in Hindi

“मेघा कहाँ हो?” पति विवेक ने पत्नी मेघा को आवाज दी। तभी मेघा किचन से आकर पति को कहती है, “कहिए! क्या बात है?” इस पर विवेक मेघा से कहता है, “इस बार मुझे सैलरी में अच्छी बढ़ोतरी हुई है और बोनस भी ठीक मिला है। तो मैं सोच रहा था कि इस बार बच्चों … Read more

विश्वास की डोर… – रश्मि झा मिश्रा : Moral Stories in Hindi

“…लेकिन रितेश… हम मां को ऐसे तो नहीं छोड़ सकते ना… उनके लिए कुछ व्यवस्था तो करनी पड़ेगी…!” ” व्यवस्था… मतलब… तुम कहना क्या चाहती हो…!” ” देखो… मां हमारे साथ नहीं रह सकती… तुम्हारी मां के साथ उनकी नहीं बनती… यह तो हम दोनों जानते हैं… लेकिन मैं उन्हें अकेले घर में बिना किसी … Read more

मत भूलो कि यह मेरा परिवार है। – मधु वशिष्ठ : Moral Stories in Hindi 

पवन ने रीना से कहा मत भूलो कि यह मेरा परिवार है। तुम सुबह-सुबह फेसबुक पर नकारात्मक कमेंट्स पढ़कर प्रतिक्रिया देने की बजाय तैयार हो जाओ। मैंने दफ्तर से छुट्टी ले रखी है। दोनों बेटियों के कॉलेज से आने से पहले ही हम तुम्हारी मम्मी को उनके जन्मदिन की मुबारकबाद देकर आ जाएंगे।     आइए आपको … Read more

विश्वास की अटूट डोर – गीता वाधवानी

 आज पल्लवी के पास, जब जेठानी शारदा का फोन आया, तब पल्लवी का  मन खिन्न हो गया। जेठानी की बातों से ईर्ष्या और नकारात्मकता साफ झलक रही थी। उसे समझ नहीं आ रहा था कि उसके बेटे से जेठ और जेठानी जी इतना जलते क्यों है?         उनके अपने भी तो दो बेटे हैं। हम तो … Read more

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