समझौता – खुशी : Moral Stories in Hindi

रीना एक निम्न वर्गीय परिवार से संबंध रखती थी।घर में दो भाई बहन मां बाप सब थे। बाप दिना नाथ एक चपरासी की नौकरी करता था।मां घर घर बर्तन मंlजा करती थीं। रीना सबसे बड़ी थी और देखने में भी सुंदर थी तो मोहल्ले के लड़के उस पर फब्तियां कसते रहते थे। शुरु शुरू में … Read more

बुरा वक्त – मधु वशिष्ठ : Moral Stories in Hindi

हमारा बुरा वक्त हमारे जीवन को नई दिशा दे जाता है देखो ना आज ही स्कूल से प्रिंसिपल का फोन आया था मुझसे पूछ रही थी कि निशि अब तुम कब ज्वाइन करोगी? अच्छा! हंसते हुए विनय ने पूछा फिर तुमने क्या कहा? अरे कैसे ज्वाइन कर सकती हूं? अब तो मेरा यही काम कितना … Read more

माधवी – डाॅ उर्मिला सिन्हा : Moral Stories in Hindi

    आफिस से आते ही रमण दरवाजे पर ताला देख झुंझला उठा,” यह कोई समय है…ताला बंद कर बाहर तफरी करने का… माधवी भी न।”    रमण  बैग उलट-पुलट कर चाभी ढूंढने लगा… नहीं मिला…जेब में भी नहीं मिला… थका-हारा इंसान…इस समय कहां जाये… आज ही पैंट चेंज किया था लगता है चाभी उसी में रह गई। … Read more

क़सम – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

दो दिन से घर में मातम परसा था । मिथलेश ने तीसरी बेटी को जन्म क्या दे दिया कि ससुराल वालों ने तो जैसे  उसका हुक्का- पानी ही बंद कर दिया था । वो तो अच्छा हुआ कि जचगी के बाद घर की नाइन उसके पास आ गई थी और मिथलेश ने आबोहवा पहचान कर … Read more

समझौता अब नहीं – निशा जैन : Moral Stories in Hindi

            मैं एक मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखने वाली लड़की जिसने ख्वावों में भी नही सोचा था कि मैं कभी दिल्ली, मुंबई जैसे शहरों को देखूंगी और वहां अपने जीवन के कुछ साल गुजारूंगी   उसकी किस्मत देखिए कि पतिदेव का ट्रांसफर धौलपुर जैसे छोटे नगर से सीधे मुंबई जैसे महानगर हो गया । और जिस दिन … Read more

नई  दिशा – अनिता मंदिलवार “सपना” : Moral Stories in Hindi

रीना के बेटे ने आज ऐसे खुशखबरी दी थी कि रीना के पैर  धरती पर नहीं पड़ रहे थे । मारे खुशी के आज तो नींद भी नहीं आ रही थी ।  रीना के गले में उसका बेटा रोहित बाहें डालकर कहा था मुझे आपको कुछ बताना है माँ और यह कहते हुए उसका गोरा … Read more

कच्चा चिट्ठा खोलना – निमिषा गोस्वामी : Moral Stories in Hindi

अरे रे रे रे ये क्या कर रही है मेरी राजकुमारी सरोज ने अपने बेटे को देखकर बहू रेनू के सिर पर बड़े प्यार से हाथ रखकर कहा तुझे इतना काम करने की जरूरत नहीं है अभी तो तेरे हाथों की मेंहदी भी नहीं छूटी अभी तो मेरी बहुरानी के आराम करने के दिन है।रेनू … Read more

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