समझौता अब और नहीं – माधुरी गुप्ता : Moral Stories in Hindi
मालिनी चाय का कप लेकर अपने घर की बालकनी में आ बैठी,चाय सिप करते करते देखा कि हर कोई बस भागा चला जा रहा है,जैसे कोई ट्रेन पकड़नी हो,फिर खुद ही मुस्करा दी। पिछले पन्द्रह दिनों से वह भी तो भाग हीरही थी।पिछले कुछ दिनों से लाइफ में इतनी भगदड़ की मची रही कि सुकून … Read more