समझौता अब और नहीं – माधुरी गुप्ता : Moral Stories in Hindi

मालिनी चाय का कप लेकर अपने घर की बालकनी में आ बैठी,चाय सिप करते करते देखा कि हर कोई बस भागा चला जा रहा है,जैसे कोई ट्रेन पकड़नी हो,फिर खुद ही मुस्करा दी। पिछले पन्द्रह दिनों से वह भी तो भाग हीरही थी।पिछले कुछ दिनों से लाइफ में इतनी भगदड़ की मची रही कि सुकून … Read more

अब समझौता नहीं हो सकता। – मधु वशिष्ठ : Moral Stories in Hindi

 राधा जी के मोबाइल में उनकी नातिन शुभ्रा की सगाई का कार्ड व्हाट्सएप के द्वारा आया था।  शुभ्रा की सगाई का कार्ड देख कर वह समझ रही थी कि उनकी बेटी जया चाहती है कि मायके से उसके संबंध सुधर जाए परंतु वह जानती थी कि अब कोई समझौता नहीं हो  सकता।      राधा जी अपनी … Read more

पुनर्जन्म – शुभ्रा बैनर्जी : Moral Stories in Hindi

“काव्या ,ओ काव्या !अरे कहां हो तुम?देखो अभी एक और ऑर्डर आया है लंच का।छत से उतरोगी कब तुम?अभी बता दो क्या -क्या करना है मुझे?बाजार जाना है क्या?रविशंकर जी पत्नी काव्या के छत से नीचे आने की प्रतीक्षा लगभग घंटे भर से कर रहे थे। बालों का जूड़ा बनाते हुए,माथे का पसीने पोंछते हुए … Read more

क्यों हो जाते हैं लोग इतने स्वार्थी – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

अपने आप बिस्तर से न उठ पाने की स्थिति में नर्मदा जी की बार बेटे को और पति को आवाज दे चुकी थी बाथरूम जाने के लिए लेकिन कोई सुन ही न रहा था । अपनी बेबसी पर खीज जाती नर्मदा जी और कह उठती है भगवान उठा क्यों नहीं लेता मुझे , बुला क्यों … Read more

मुस्कान – डॉ ऋतु अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

      “दीप्ति! क्या तू मेरे घर आ सकती है? मुझे तुझसे कुछ कानूनी परामर्श लेना है।” पूजा थोड़ा गुस्से में थी।             “क्या हुआ? दीप्ति ने सशंकित भाव से पूछा।             “तू पहले घर आ,तब बताऊँगी।” कहकर पूजा ने फोन रख दिया।              शाम के समय दीप्ति कचहरी से सीधे पूजा के घर  पहुँची। पूजा की सास ने दोनों … Read more

तुक्का – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

भैया ए भैया रुको ना मुझे भी बाइक पर बिठा लो पिंकी ने सागर को देखते ही कहा जो अपनी नई नई बाइक निकालकर कॉलेज जाने की तैयारी कर रहा था। जा जा बड़ी आई बाइक में बैठने वाली मुंह देखा है अपना।मेरी बाइक का मुंह देख कैसा चमचमा रहा है चल चल हाथ मत … Read more

वसीयत

“क्या वसीयत बनाई है पापा ने! घर, ज़मीन—कुछ भी हमारा नहीं। सब में मम्मी की हिस्सेदारी… जब तक वह जिंदा हैं, तब तक हम कुछ नहीं कर सकते,” —बहू प्रिया ने नाक सिकोड़ते हुए कहा। “मैं भी यही सोच रहा हूं। मम्मी को पापा की पेंशन तो मिलती ही रहेगी, पापा के जाने के बाद … Read more

“समझौता अब नहीं” – समिधा नवीन वर्मा : Moral Stories in Hindi

बाजार में अचानक अपने बचपन की सहेली को देख मुझसे रहा नही गया । मैने उसे आवाज़ लगाई। उसने मुड़कर देखा भी ,पर न जाने क्यूं मुझे अनसुना कर वो तेजी से आगे बढ़ गई । मुझे लगा वो मुझे नज़रअन्दाज़ कर रही है । बारहवीं तक मै और विशाखा साथ साथ पढ़े थे ।स्वभाव … Read more

अब समझौता नहीं – मीनाक्षी सिंह : Moral Stories in Hindi

 क्या हुआ बहू ..?? आज तूने चाय नहीं बनाई री …?? सुबह से मेरे  पेट में हलचल हो रही है … पर तू है कि उठ ही नहीं रही बिस्तर से… माना कि इतवार है .. हर बार ही थोड़ा देर से जगाती है तू… लेकिन ये  तो सोच घर में बड़े- बुजुर्ग हैं उनके … Read more

शहाबो की बारात – हेमलता श्रीवास्तव  : Moral stories in hindi

मेरा विवाह संभ्रांत परिवार में हुआ था और खेती-बाडी भी थी, विवाह के कुछ दिनों बाद जब  सासूमां के साथ उनके गांव गई तो आदतन  मुझे हर जगह डर लग जाता था पर नई होने के कारण किसी से कुछ कह न पाती।  एक दिन पति से पूछ ही लिया आपको डर नही लगता लाइट … Read more

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