किस्मत – मोनिका रघुवंशी : Moral Stories in Hindi

हैलो मैं मोहन कुमार बोल रहा हूँ क्या श्यामा चरण जी से बात हो सकती है। दूल्हे के पिता का नाम सुनते ही दुल्हन के मामा श्यामाचरण जी फोन की ओर लपके हां हां समधी जी बोलिये न मैं… उमा का मां ही बोल रहा हूँ। वो क्या है न समधी जी… कैसे बताऊं मेरा … Read more

बड़ी बहू – अर्चना सिंह : Moral Stories in Hindi

“अम्मा नहीं रहीं अपर्णा भाभी ” ! सीमा की रूखी मगर झकझोर देने वाली आवाज़ सुनकर अपर्णा  के मन में ससुराल के प्रति दायित्व हिलोरें ले रहा था लेकिन कोई उचित राह दिखाने वाला नहीं था । अपने ऊपर लगे हुए आरोप – प्रत्यारोपों , लांछन सबको दरकिनार करते हुए वह दोनों बेटियों को लेकर … Read more

माँ की आखिरी चिट्ठी – डॉ ममता सैनी : Moral Stories in Hindi

रेलवे स्टेशन की उस बेंच पर बैठी **सुमन** ठंडी हवाओं से बेपरवाह, एक पुराना लिफाफा हाथ में लिए डबडबाई आंखों से उसे निहार रही थी। भीड़भाड़ वाले प्लेटफॉर्म पर कोई उसे देखता भी तो शायद यही समझता कि वह किसी के इंतजार में बैठी है। लेकिन उसकी आंखों में इंतजार नहीं, एक अधूरी दास्तान थी—जो … Read more

बड़ी बहू – विनीता महक गोण्डवी : Moral Stories in Hindi

मालती देवी के तीन पुत्र और दो पुत्रियां थी। बड़ा बेटा पढ़ने में बहुत अच्छा था। वह एमबीबीएस की तैयारी कर रहा था। गांव समाज के लोग शादी का दबाव डाल रहे थे और दीपक अभी शादी के लिए तैयार नहीं था। मालती देवी का स्वास्थ्य भी खराब चल रहा था। सभी बच्चे शादी के … Read more

दुख पहले सुख बाद में – ऋतु दादू : Moral Stories in Hindi

निशी  सुबह सुबह घर व्यवस्थित करने में लगी थी कि फोन पर सूचना मिली कि उसके चाचाजी नहीं रहे, वह जल्दी से बाहर आई तो देखा उसके सास,ससुर, चाची सास, चचिया ससुर और उसके पति सब एक साथ बैठकर उसके चचेरे देवर के विवाह के बारे में विचार विमर्श कर रहे थे, जिसका  मुहूर्त अगले … Read more

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