आखिरी फैसला – बीना शुक्ला अवस्थी : Moral Stories in Hindi

मायके से पॉच महीने के हार्दिक को लेकर लौटी मैथिली को स्टेशन पर ही जब परिमल ने अपनी बॉहों में भर लिया तब वह प्रसन्नता से खिल उठी। घर आकर  बुरी तरह गन्दा और बिखरा हुआ घर देखकर उसकी सारी खुशी उड़ गई। परिमल ने जब उसे बताया कि उसके जाने के बाद कौशल्या ने … Read more

पापा मैं छोटी से बड़ी हो गई क्यों – डॉ बीना कुण्डलिया : Moral Stories in Hindi

राधा…. ओ राधा। अरी कहां है सारा दिन मौहल्ले के बच्चों के साथ धमा-चौकड़ी मचाती फिरती है। पिता का स्वर सुनकर 13 बर्ष की राधा को घर के भीतर आना ही पड़ा। “अरी ब्याह की उम्र हो चली है तेरी अगले माह लगन है”। पास-पड़ोस के लोग ताने मारने लगे हैं , लड़की घर में … Read more

लक्ष्य – मनीषा सिंह   : Moral Stories in Hindi

 “सुखिया की उम्र यही कोई 50- 55 के आसपास थी वह गांव का मेहनती ईमानदार और सीधा-साधा व्यक्ति था जो गांव के मुखिया बंसी लाल जी के यहां खेती-बाड़ी का काम देखता ।पत्नी को मरे 20 साल हो गए उसकी एक बहुत ही प्यारी बेटी लाजो जो 2 साल की थी। मरने की समय लाजो … Read more

जिम्मेदारी उठाएगा कौन? – रश्मि प्रकाश  : Moral Stories in Hindi

पूरे दिन मैं घर और ऑफिस के काम में लगी रहती हूँ… तुम्हारा क्या है.. रात को घर आओगे खाना खाओगे कुछ देर टीवी देख कर सो जाओगे, सुबह बिस्तर पर  चाय मिल ही जाता है नाश्ता किया निकल गए। मुझे अपने साथ साथ अंश के लिए भी सोचना पड़ता है और अब ये जिम्मेदारी … Read more

पापा मैं छोटी से बड़ी हो गई क्यों – खुशी : Moral Stories in Hindi

राम चरण जी और विद्या की शादी को सात साल हो गए ।परंतु उन्हें संतान सुख की प्राप्ति ना हुई।कितने मंदिरों के चक्कर लगाए व्रत उपवास किए पूजा पाठ किया पर कोई फल नहीं।पर कहते है ना ईश्वर के घर देर है अंधेर नहीं। एक दिन सुबह विद्या जी उठी तो बोली आज बड़े चक्कर … Read more

मेरा फैसला – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

 रोहित और उसकी पत्नी भावना गाजियाबाद में रहते थे। रोहित का छोटा भाई मोहित अपनी पत्नी और माता-पिता के साथ उत्तर प्रदेश के एक दूर   गांव में रहता था।   एक दिन रोहित के पास मोहित का फोन आया। उसने कहा -” भैया, दो-तीन दिन की छुट्टी लेकर आ जाओ और मां को शहर ले जाओ। … Read more

आखिरी फ़ैसला – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

मालती अपनी आदत के अनुसार रसोई में चाय बनाने के लिए गई। यह उसकी पुरानी आदत थी वह दो कप चाय बनाकर पति को उठाती उठिए चाय बन गई है और दोनों मिलकर बालकनी में बैठकर बातें करते हुए चाय पीते थे। आज उसने एक कप चाय अपने लिए बनाई और बाहर बालकनी में बैठने … Read more

एक फैसला – दीपा माथुर : Moral Stories in Hindi

“पापा आप नहा कर आ जाइए गर्म गर्म फुल्के सैक देती हु” अवनी ने अखबार पढ़ते 78 वर्षीय सोमेश बाबू को कहा सोमेश बाबू पहले तो मुस्कुराए फिर बोले ” देखो घड़ी  दीया और चुन्नू का स्कूल टाइम होने वाला है तुम उन्हें संभालो मैं कोई बच्चा थोड़ी ना हु दो फुल्के सैक ओर तुरंत … Read more

एक औरत की अहमियत – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

क्या घर छोड़कर जाने का यह तुम्हारा आखिरी फैसला है सुधा…? देखो अगर एक बार तुम इस घर से चली गई तो फिर मैं तुम्हें मनाने नहीं आऊंगा न हीं तुम्हारी कोई मनुहार करूंगा,  जैसा अब तक करता आया हूं अगर तुम्हें जाना हो तो बेशक जाओ, देखना.. तुम खुद अपनी मर्जी से वापस आओगी! … Read more

“आखिरी फैसला” – पूजा शर्मा : Moral Stories in Hindi

मैं अब आपके साथ नहीं रहना चाहता मां मैं अब अपने पापा के साथ रहूंगा मैं बहुत सोच समझ कर ही यह बात बोल रहा हूं मेरा फैसला कोई नहीं बदल सकता आप भी नहीं, यही मेरा आखिरी फैसला है। क्या गलती थी आखिर उनकी जिन्हें आपने इतने बरस उनकी औलाद से भी दूर रखा … Read more

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