“वो फिर नहीं आई” – रवीन्द्र कान्त त्यागी : Moral Stories in Hindi
वो एक बिजली के खंबे से पीठ लगाए खड़ी थी. फुटपाथ पर चलते हुए एक निगाह उसके ऊपर डाली तो …….. गोरा रंग, लंबा पतला शरीर और उम्र …… उम्र कुछ रही होगी पच्चीस छब्बीस साल. ठीक ही है. चलेगा. मैंने उसके सामने से गुजरते हुए ऊपर से नीचे तक उसके पूरे जुगराफिए का पुनरमूल्यांकन … Read more