मैं अपराजिता – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

अपराजिता एक जिंदगी को भरपूर जीने वाली एक अल्हड़ लड़की जिसके लिए अपने सपने जितने जरूरी थे उतना ही जरूरी था परिवार का साथ और खुशी। पर उसकी खुशियों को लगता था किसी की नजर लग गई। क्या हुआ था ऐसा जानने के लिए चलते हैं कुछ समय पहले… “बेटा तुम्हारी पढ़ाई भी लगभग पूरी … Read more

मेरे साथ ही ऐसा क्यों होता है – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

हेलो बेटा प्रतिमा निपट गई जेठानी के लड़के की शादी से फ्री हो तो  बात करूं , हां मम्मी निपट गई। इतनी उदास सी क्यूं है निपटाया तो सब तूने ही होगा तेरी जेठानी तो कुछ कर नहीं पाती शरीर बेकार कर रखा है लेकिन ठसक अभी भी बहुत है । हां मम्मी सही कह … Read more

मतभेद जरूर हैं पर मनभेद नही – निशा जैन : Moral Stories in Hindi

रीना और रमेश की अरेंज कम लव मैरिज थी। दोनो एक ही कंपनी में साथ काम करते थे , एक ही जाति बिरादरी से थे, एक दूसरे को पसंद करते थे तो घर वालों की सहमति से दोनो की शादी बड़े धूमधाम से संपन्न हो गई ।  शादी के एक साल बाद रीना को बेटा … Read more

दिल का रिश्ता – डॉ निशा शर्मा : Moral Stories in Hindi

 आज सुबह से ही हरी मिर्च खाकर मिट्ठू गा गाकर मगन हो रहा था. जब से मिट्ठू को पता चला था कि शीला मां कोलकाता से आ रही हैं मिट्ठू की तो खुशी का कोई ठिकाना ही नहीं था. 5 दिन से गई हुई शीला जी के आने की खुशी में मिट्ठू गा गा कर … Read more

बद्दुआओं के फलस्वरूप दुआओं में मिली है बेटियाँ…. – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“ सुनो कल दोनों बच्चियाँ घर आ रही है त्योहार पर छुट्टियाँ मनाने तुमने उनकी पसंद का सब सामान ले लिया है ना और हमारे नन्हे शैतानों को कोई कमी नहीं होनी चाहिए ध्यान रहें ।” सिन्हा जी पत्नी सुमेधा जी से बोले “हाँ जी सब ले लिया है…. आप चिंता न करो..और मैंने उस … Read more

गांधारी की पट्टी – पूनम मनु : Moral Stories in Hindi

प्रमिला की सुपुत्री के विवाह का अवसर था। पटड़े पर खड़े होकर जैसे ही प्रमेन्द्र ने लक़दक़ कढ़ाई वाली सुंदर साड़ी, प्रमिला के सिर-कंधे पर औढ़ाई, खुशी का माहौल रंजीदा हो उठा।     तभी-      “भाई, तने मझे कित्ता समझाया पर…” एक भारी आवाज़ ने सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया। वहां से कुछ दूर अपेक्षाकृत … Read more

पड़ोसन से लिया बदला – नेकराम : Moral Stories in Hindi

दिल्ली के पीतमपुरा में बड़े भाई की शादी को एक महीना बीत चुका था भाभी को लेने के लिए मुझे ही भेजा गया अम्मा ने कहा अपने रिवाज में देवर ही भाभी को उसके मायके से ससुराल लेकर आता है पहले तो मैं आनाकानी करने लगा यह कैसा रिवाज है बड़े भैया को जाना चाहिए … Read more

आखिर उसके साथ ही ऐसा क्यों होता है? – महजबीं : Moral Stories in Hindi

भावना अक्सर सोचती  कि  आखिर उसके साथ ही ऐसा क्यों होता है? लोग उससे बार-बार अपना काम निकालते हैं और जब भावना को मदद चाहिए होती है तो वो कोई बहाना बना कर निकल जाते हैं। और कुछ दिन बाद फिर उसके सामने बेचारे बन कर आ जाते हैं। और वो तो थी कोमलमन की, … Read more

अब कोई शिकायत नहीं – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

 ” अब चुप भी हो जा काजल बिटिया….कब तक अपने कीमती आँसू बहाती रहेगी।” नानी की बात सुनकर भी काजल रोती रही और अपने आँसुओं से उनका आँचल भिगोती रही।          अपने माता-पिता की लाडली थी काजल।स्कूल से आकर सहेलियों के संग खेलकर उसका दिन बीत जाता था।एक दिन उसने अपनी माँ से पूछा कि मीना- … Read more

धूप – रश्मि झा मिश्रा : Moral Stories in Hindi

गांव के मोड़ पर जब बस जाकर लगी… तब तक अंधेरा हो चुका था… केडी (कुंजबिहारी दास) तो यह सोचकर बस पर चढ़ा था कि… अंधेरा होने से पहले पहुंच जाऊंगा… पर बरसात के दिनों में… कब समय से पहले अंधेरा कर दे… क्या भरोसा…ऊपर से बस का सफर… समय आगे पीछे हो ही जाता … Read more

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