और मितवा घर लौट आए। – भर्गानंद शर्मा  : Moral Stories in Hindi

घर बिल्कुल कच्चा था। सो प्रतिशत कच्चा। खुले आंगन के बीचों-बीच जामुन के पेड़ के नीचे बना मिट्टी का गोलकार चबूतरा। घर में रह रही थी, एक शानदार जोड़ी। दो शौक पाल रखे थे एक आपस में तथा दूसरा  सच्चे सुच्चे मोह का शौक। सुरतू और धन्नो मुंह अंधेरे उठकर नमक मिर्च वाले चार टिक्कड़ … Read more

अपना घर अपना घर ही होता है| – दुर्गा राठी  : Moral Stories in Hindi

मैं दुर्गा राठी साजा  छत्तीसगढ़ आपका ऐड पड़ा सोचा प्रतियोगिता का विषय बहुत ही अच्छा है और वाक्य भी देखा जाए तो यह प्रतियोगिता बेटियों पर आधारित है लेकिन आपने कहा कि आपको एक वाक्य दिया जाएगा उसे पर आपको अपनी कहानी लिखना है अब हम अपने विषय पर चलते हैं कि अपना घर अपना … Read more

हक बराबर का – संगीता अग्रवाल  : Moral Stories in Hindi

” सुनो जी जरा दो हजार रूपए देना वो क्या है की मुझे गर्मियों के लिए कुर्तियां लानी है !” नताशा अपने पति कार्तिक से बोली। ” अरे इतने कपड़े है तो वैसे भी तुम्हे कौन सा कमाने कही जाना होता है जो तुम्हे नई कुर्तियां चाहिए जो है पुरानी मे काम चलाओ। “कार्तिक बोला! … Read more

शिकायत नहीं – मधु वशिष्ठ  : Moral Stories in Hindi

आज शाम को विनय को ऑफिस के काम से मुंबई जाना था। शताब्दी की बुकिंग थी और ट्रेन रात को 9:30 बजे। स्टेशन तक पहुंचने के लिए लगभग 8:00 बजे तक तो निकलना ही था ना। 6:00 बज गए थे पर विनय का कोई अता पता न था। जब भी विनय को कहीं बाहर जाना … Read more

*पलायन* – पुष्पासंजय नेमा  : Moral Stories in Hindi

लेटे लेटे बरबस  ही आलोक  की ऑखे नम हो गईं  और ऑसू लुढ़क  कर गालो तक बह गए छः माह  तो हँसी  खुशी और  उल्लास  से कट गए  लेकिन वाकी का वक्त  बोझिल  लग रहा था वीडियो काल पर मां  से बात  करते करते मन उदास  हो गया और  अतीत के महासमुंदर मे गोते लगाने … Read more

बात मेरे स्वाभिमान की है – निशा जैन  : Moral Stories in Hindi

सुमेधा, सुमेधा …. मेरी येलो शर्ट कहां है , मिल नही रही अरे मुझे क्या पता  ? मैं तो कब से कपड़े नही संभाली हूं। ये आपकी छुटकी हुई है तब से मैं इसी में व्यस्त रहती हूं और मम्मी ने कहा है तुम्हारी अभी अभी जचगी हुई है, आराम करो  बाकी के काम मैं … Read more

नृत्यमं – मंजू ओमर  : Moral Stories in Hindi

नृत्यमं ,यही नाम था इशिता के नृत्य क्लास का ।जिसका बड़ा सा ग्लोसाइन बोंड लगवाते हुए इशिता फूली नहीं समा रही थी।आज बरसों का सपना जो पूरा हो रहा था उसका।वो अपने सासू मां को धन्यवाद दे रही थी जिनकी बदौलत आज उसका सपना पूरा हो रहा था।कई घंटों के मेहनत से इशिता का का … Read more

” हक ” – अमिता कुचया  : Moral Stories in Hindi

सीमा ही बहुत ही खुश थी कि उसके मम्मी पापा की पचासवीं शादी की सालगिरह है वह बड़ी ही कश्मकश में थी कि पापा मम्मी के लिए क्या ले जाए। पापा मम्मी ने जीवनभर हर इच्छा पूरी की है। घर में भाई भाभी की शादी की सालगिरह मनाने की तैयारी कर रहे थे। वह शादी … Read more

अपना घर अपना होता है। – रजनी भास्कर ‘नाम्या’  : Moral Stories in Hindi

उसका दुग्ध सा सफेद वर्ण झुर्रियों के ताने-बाने में से झांकती लालिमा और गहरा जाती जब उसके अधरों पर  निश्चल हंसी आती थी। कितना हंसती थी….. बात बात पर….. स्वयं ही कोई बात कहती और हंसती। बच्चों की सी उसकी निश्चल हंसी सामने वाले को मंत्रमुग्ध कर देती। जितनी शीघ्रता से वह हंस देती थी … Read more

खुशियों पर सबका हक है – हेमलता गुप्ता  : Moral Stories in Hindi

बहू … क्या यह अच्छा लगता है तुम्हारी बहन हर दूसरे दिन यहां आ जाती है और फिर तुम दोनों दोपहर की गई हुई रात को घर वापस आती हो, बेटा.. अभी तुम्हारी नई-नई शादी हुई है अभी तुम्हें अपना सारा समय प्रतीक के साथ गुजारना चाहिए, तुम दोनों साथ-साथ घूमो फिरो, दोनों एक दूसरे … Read more

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