सुहानी पवन – बालेश्वर गुप्ता   : Moral Stories in Hindi

पापा पापा, क्या मम्मी कभी नही आयेंगी, भगवान के घर ही रहेगी? हाँ मेरी बच्ची,तेरी मां को भगवान ने अपनी बेटी बना लिया है ना,वो अब नही भेजेंगे।पर तू ऐसा क्यों पूछती है, मैं हूँ ना। पर पापा, सब ऐसा क्यूँ कहते हैं, मैं पैदा होते ही माँ को खा गयी?भला बच्चे माँ को खाते … Read more

पूतों वाली अभागन अम्माजी – वीणा सिंह   : Moral Stories in Hindi

शिव पार्वती कॉलोनी शहर का सबसे आबादी वाली कॉलोनी है.. पर यहां के रहने वालों पर अभी तक आधुनिक सभ्यता का रंग बहुत गहरा नही चढ़ा है.. एक दूसरे के सुख दुख में शामिल होना अभी तक लोगों ने नही छोड़ा है.. इसी में लगभग चालीस साल पहले अम्माजी अपने तीन बेटे और एक बेटी … Read more

घर के बेटी जमाई घर के बेटे बहू से बढ़कर क्यों ?? – स्वाती जैंन   : Moral Stories in Hindi

शिखा , जरा जल्दी हाथ चलाओ , आज होली है !! अभी थोडी देर में तुम्हारी ननद और ननदोई भी आ जाएंगे , फिर तुम्हे भी तो होली खेलने जाना होगा इसलिए पहले जल्दी जल्दी खाना बना लो , फिर तुम सब होली खेलने चले जाना और शेखर कहां हैं दिखाई नहीं दे रहा ममता … Read more

रिश्तेदारों से मनमुटाव ठीक नहीं। – सुषमा यादव   : Moral Stories in Hindi

नीलू मार्केट गई थी,उसका फोन बार बार बजे जा रहा था। घर आकर देखा तो उसके मामा ससुर के पोते का फोन था,चार पांच मिस्ड कॉल थे। फिर फोन आया, उसने हेलो कहा और व्यंग्य भरी मुस्कान के साथ कहा,,कहो, आज़ ढाई साल बाद कैसे मेरी याद आई, उधर से रमेश की आवाज आई, अरे,आप … Read more

रिश्तों के बीच विश्वास का एक पतला धागा होता है – के कामेश्वरी   : Moral Stories in Hindi

रोहणी बाज़ार से सब्ज़ी लाने के लिए गई हुई थी कि अचानक एक कार वाले ने उसे टक्कर मार दी थी । पैंसठ वर्ष की रोहिणी बीच बाज़ार में गिर कर बेहोश हो गई थी । पड़ोस में रहने वाले गिरीश जी ने उन्हें अस्पताल पहुँचाया और घर पर खबर भी कर दिया था । … Read more

पापा,मैं हूं ना – शुभ्रा बैनर्जी   : Moral Stories in Hindi

रवि कुमार उसूलों के बड़े पक्के थे।शशि से शादी से पहले ही बता दिया था “मेरे पास बहुत ज्यादा संपत्ति नहीं है।प्राइवेट जॉब है।रिश्वत मैं लेता नहीं,और दिखावे से मुझे सख्त नफरत है। तुम्हें बहुत सुख -सुविधाएं शायद नहीं दे पाऊं,पर ईमानदारी से पति धर्म निभाने का वादा करता हूं। “होने वाले पति की साफगोई … Read more

मनमुटाव – पूजा शर्मा   : Moral Stories in Hindi

तुम दोनों को मैंने फिर रिशु और सौम्या के साथ देखा टांग तोड़ के रख दूंगी अगर ऊपर उनके साथ खेलने गए तो, एक बार से कहने में बात समझ में नहीं आती क्या? एक बात को कितनी बार समझाना पड़ेगा तुम दोनों को? सुमेधा दोनों बच्चों को जोर-जोर से डाटे जा रही थी और … Read more

उसे कैसे माफ कर दूं – कमलेश आहूजा   : Moral Stories in Hindi

“मम्मी,बुआ रोज रोज मुझे फोन करके बोलती है,कि आप उसे माफ कर दें और पहले की तरह दोनों परिवार एक हो जाते हैं।आप बुआ को माफ करदो ना..माफ करने वाले का दिल बहुत बड़ा होता है।”रोहित दुखी होते हुए बोला। “काश! माफ कर पाती..!! पर क्या करूँ जब भी तेरी बुआ की बातें उसका व्यवहार … Read more

तूलिका – भगवती सक्सेना गौड़   : Moral Stories in Hindi

तूलिका ने जैसे ही फेसबुक खोला, फिर वही महाशय जी का  फ्रेंड रिक्वेस्ट देखकर परेशान हो गयी। एक महीने से वो नजरअंदाज कर रही थी, पर वो शख्स मानने को तैयार ही नही थे। आखिर उसने सोचा चलो, एक दिन के लिए उसकी बात मान लेती हूँ, क्या कहना चाहता है, फिर ब्लॉक कर दूंगी। … Read more

मेरा लल्ला सिर्फ मेरा है – श्वेता अग्रवाल   : Moral Stories in Hindi

मीतू हॉस्पिटल के बेड पर लेटी अपने बच्चे के गोद में आने का इंतजार कर रही थी।आज अचानक ही ऑफिस में उसके पेट में तेज दर्द उठने के कारण उसकी प्रीमेच्योर डिलीवरी करानी पड़ी थी। कमजोर होने के कारण बच्चा डॉक्टरों की निगरानी में था जिसे वह दूर से निहार तो सकती थी लेकिन गोद … Read more

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