छोटी सी बात – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

क्यों रश्मि.. इस बार नंद बाईसा का चक्कर नहीं लगा क्या छुट्टियों में, हर बार तो छुट्टियां लगते ही मायके आ जाती हैं! अरे भाभी… आपको नहीं पता.. जब आप लोग सपरिवार घूमने गए थे तब पलक दीदी मायके आई थी और 8 दिन रहकर चली भी गई! दो दिन तो वह हमारे यहां पर … Read more

लगी आज सावन की फिर वो झड़ी है!!… – पूर्णिमा सोनी : Moral Stories in Hindi

..और धड़ा धड़ खिड़कियां बंद होने की आवाजें आने लगी। कोई नई बात तो नहीं थी, हमेशा ही ऐसा ही होता है। ऋतु के कमरे के सामने जो घर पड़ता था, उसका हमेशा का किस्सा था ये। उसके कमरे की खिड़की बगल वाली गली की ओर खुलती थी, ठीक खिड़की के सामने  पढ़ने वाली मेज़, … Read more

रिश्ता साझेदारी का – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

” समधन जी बारातियों का स्वागत जरा अच्छे से करना ऐसा ना हो हमारी नाक कट जाए पहले ही गैर बिरादरी में और साधारण परिवार में रिश्ता करवा कर हम रिश्तेदारों की आलोचना सुन चुके हैं !” शांति जी अपनी समधन यानी की अपनी बहू की माता जी मीना जी से फोन पर बोली। ” … Read more

किस्मत – मीनाक्षी शर्मा : Moral Stories in Hindi

हे भगवान …मेरी तो मत ही मारी गई थी ,जो इस घर में शादी की…. इतनी खराब किस्मत पाई है मैंने… सुबह से लग जाओ घर के काम में बस… हो गया दिन शुरू… हमारी भी क्या जिंदगी …कभी बर्तन धो लो …कभी कपड़े धो लो …कभी घर की सफाई कर लो … अपनी तो … Read more

बेटी अब ससुराल ही तेरा घर है , अब तो तू यहां की मेहमान है – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

सुनयना ग़ुस्से से राघव को घूरते हुए कहती है कि सुबह से लेकर रात को सोने तक नाश्ता लंच शाम को स्नेक्स रात को डिनर यही मेरा काम हो गया है ।  आप तो रिटायर होने के बाद आराम से पुस्तक पढ़ते हुए फोन पर बातें करते हुए गानों को सुनते हुए रेस्ट ले रहे … Read more

बेटी अब ससुराल ही तेरा घर है , अब तो तू यहां की मेहमान है – शनाया अहम : Moral Stories in Hindi

आँखों में आंसू भर कर अपने घर को जाने के लिए गाड़ी में बैठ चुकी थी निर्जला , उस घर जहाँ की वो मेहमान नहीं बल्कि मालकिन थी।  जैसे जैसे गाड़ी आगे बढ़ रही थी , निर्जला से पीछे छूटता जा रहा था वो घर जहाँ अब वो सिर्फ मेहमान समझी जाती थी और नज़दीक … Read more

प्रेम संगनि…. – विनोद सिन्हा “सुदामा” : Moral Stories in Hindi

आज वर्षों बाद उसे अपने सामने देख मैं काफी अचंभित था…और मन प्रसन्नचित्त भी.. प्रसन्नचित्त इसलिए कि उसने वह मुकाम हासिल कर लिया था जिसकी उसे चाह थी….और अचंभित इसलिए कि आज वो जहाँ खड़ी थी उसकी मैने कभी कल्पना भी नहीं की थी..हालांकि आशांवित जरूर था कि वह आगे अच्छा करगी लेकिन इतनी जल्दी … Read more

बेटी अब से ससुराल ही अब तेरा घर हैं अब तू यहॉँ की मेहमान हैं – कविता सक्सेना : Moral Stories in Hindi

सिया की शादी की तैयारी चल रही थी उसके पिता रवि और माँ रंजना अक्सर लड़के देखने जाते थे सिया से आकर कहते तो वो हर लड़के में कमी निकालती कभी कहती लड़के की हाइट कम हैं कभी कहती मोटा हैं उसकी हरकतों से माता पिता परेशान थे जब भी वह उससे शादी की बात … Read more

बेटी का घर- दिक्षा बागदरे : Moral Stories in Hindi

रागिनी पिछले दो दिनों से बहुत परेशान थी। उसे यह समझ ही नहीं आ रहा था, उसे अत्यधिक प्रेम करने वाली मां का व्यवहार इतना कैसे बदल गया। पिछले दो दिनों से प्रतिभा जी रागिनी से ठीक से बात तक नहीं कर रही थी। आज तो मां के शब्द उसके कानों में सीसे की तरह … Read more

“टूटते हुए रिश्ते” – डॉ अनुपमा श्रीवास्तवा : Moral Stories in Hindi

नीलिमा जी ने अपने तीसरे और सबसे छोटे बेटे की शादी बड़े ही धूमधाम से संपन्न कर लिया। आज उनकी बहू विदा होकर आने वाली थी। नीलिमा जी ने उसके स्वागत में कोई कसर नहीं छोड़ा था। पूरे घर को दुल्हन की तरह सजवाया था। डाला -दउरा ,फूलों का हार,आरती का थाल जिसमें अक्षत- चंदन … Read more

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