भेड़ की खाल में भेड़िया – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

अंकल आपको शर्म आनी चाहिये।पापा आप पर कितना विश्वास करते हैं, और आप—-?छी.. मुझे तो आपसे घिन आ रही है।खबरदार जो आप  अब मेरे पास आये ।         रोहित को चिंता थी,अपनी बड़ी होती बेटी शुभ्रा की।जब तक वह उनके पास रह कर पढ़ रही थी तो वे बेफिक्र थे, पर जब अब वह अपनी उच्च … Read more

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साक्षात्कार (इंटरव्यू) – दिक्षा बागदरे : Moral Stories in Hindi

रुचि आज जॉब इंटरव्यू की तैयारी कर रही थी। मगर उसका मन बहुत घबरा रहा था। पिछले 6 महीनों से वह अलग-अलग जगह पर कई कंपनीयों में  इंटरव्यू दे चुकी थी।  पहले दो चरणों में लिखित परीक्षाओं में पास हो जाती थी। तीसरे चरण में साक्षात्कार तो उसके अच्छे ही होते थे। परंतु परिणाम बिल्कुल … Read more

सपना का पश्चाताप – सुभद्रा प्रसाद : Moral Stories in Hindi

  सपना का रो रो कर बुरा हाल था | वह अस्पताल में बैठी भगवान् को याद कर रही थी | उसके पति  की गाड़ी को आफिस से घर आते हुए एक दूसरी गाड़ी ने टक्कर मार दिया था और वे धायल हो गये थे | कुछ लोगों ने उन्हें अस्पताल पहुंचा दिया था और उनके … Read more

मनमुटाव – श्वेता सोनी : Moral Stories in Hindi

अर्पिता जल्दी-जल्दी काम निपटा  रही थी.जब से वह खबर सुनी थी.. खबर क्या, थी तो अपने घर की ही बात मगर मन को बेचैन और परेशान करने वाली बात थी. मम्मी के पास जाने की हड़बड़ी में कहीं बर्तन गिर रहे थे,कहीं सब्जी काटते हुए हाथ कट रहा था,, टंकी से पानी जाने कब से … Read more

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मनमुटाव – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

जयराम सुबह बैठक में बैठकर पेपर पढ़ रहे थे और सुवर्णा के हाथों की बनी चाय का इंतज़ार भी कर रहे थे । उसी समय उनकी छोटी बेटी मीरा धड़धड़ाते हुए अंदर घुस कर मम्मी मम्मी की रट लगाते हुए रसोई में घुस गई अंदर से दोनों माँ बेटी के बातें करने की आवाज़ें सुनाई … Read more

इतनी बेरुख़ी क्यों ….? – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“एक तो ज़बरदस्ती की शादी ,उस पर ऐसा बेरुख़ी भरा व्यवहार…. ये तो ऐसा लगता जैसे किसी को जीते जी मारा जा रहा हो…. बता ना मैंने कहा था क्या अपने घर की बहू बना कर लाओ… खुद ही आई थी मेरा हाथ माँगने तिस पर मेरे मम्मी पापा को भगवान जाने कितने सुहाने सपने … Read more

परहेज – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

अनीशा का दिल आशंकाओं से घिर गया था लेकिन कोई अपराध बोध नहीं था उसे। बात बस इतनी हुई कि आज लड़के वाले उसे देखने आए थे।हालांकि इस तरह देखना दिखाना जैसी बातों से वह परहेज ही करती थी लेकिन पिता के बहुत समझाने पर अनिकेत से एक अनौपचारिक मुलाकात अपने ही घर पर माता … Read more

टूटता विश्वास,बिखरता रिश्ता – डॉक्टर संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

सड़क पर आज प्रेमा को किसीने आवाज़ दी तो वो पलटी…ये कौन हैं,चेहरा देखा भाला लगा,आवाज भी सुनी हुई सी पर कौन हैं,नाम न याद आ पाया। “नहीं पहचाना?”वो बोले,” मै मिस्टर पुरोहित,आपका पड़ोसी,हम द्वारका में संग रहते थे।” “ओह!आकाश पुरोहित भाईसाब!” प्रेमा के मुंह से निकला,”आप तो एकदम बदल गए,कहां इतने रोबीले लगते थे,यूनिफॉर्म … Read more

ग्लानि – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

चाची….. कुछ सुनाई नहीं दे रहा… ज़ोर से बोलिए…. घर में सब ठीक है ना….. ओह … यहाँ बहुत शोरगुल है…. चाची … रूकिए ज़रा, मैं ऊपर कमरे में जाती हूँ…..  हाँ चाची….. अब बोलिए…. सब ठीक है ना? यहाँ सब रिश्तेदार, पड़ोसी आदि आए हैं…. असल में…. बिट्टू भैया का यही पास के  कस्बे … Read more

हमारी बहू महिमा – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

राजन ने घर आकर शाम की चाय अपनी पत्नी रीना के साथ पीते पीते उससे कहा-“कह देना, अपने साहबजादे से कि मैंने उसके लिए एक सुंदर ,पढ़ी लिखी योग्य लड़की विवाह करने के लिए ढूंढ ली है। जब उसके पास समय हो हमें बता दे, उनके घर चलेंगे बात करने और साहब जादे भी लड़की … Read more

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