पहले मैं पत्नी हूं – शुभ्रा बैनर्जी: Moral stories in hindi

 “मां !ओ मां ,कहां हो तुम?”नीरज हमेशा की तरह चिल्लाते हुए घर में घुसा। सामने ही रवि बैठे थे।बेटे को घूरते हुए कहा”आ गया ,मां का चमचा।”दिशा को हंसी आ गई।यह पहली बार नहीं हुआ था।बाप -बेटे में ज्यादा बात कभी नहीं होती थी।रवि ख़ुद भी गंभीर स्वभाव के थे,बेटा भी उन्हीं पर गया था।अपनी … Read more

धारा के विपरीत – बालेश्वर गुप्ता : Moral stories in hindi

  बर्फ से ढकी कश्मीर की वादी अपने पूर्ण सौंदर्य की छटा बिखेर रही थी।सैलानी ठंड से बेफिक्र हाथों से बर्फ के ढेले बना बना कर एक दूसरे पर फेंक रहे थे।अजीब मस्ती का आलम था।रितेश और अखिलेश आज ही गुलमर्ग पहुचे थे।वहां के दृश्य देख उनका मन झूम उठा।         रितेश एक सामान्य परिवार का लड़का … Read more

मन के खिलाफ – सुभद्रा प्रसाद  : Moral stories in hindi

आशा देवी की तबियत ठीक नहीं थी |चार दिन से उन्हें बुखार था, जो कभी उतर जाता, कभी फिर हो जाता | डाक्टर ने उन्हें देखा था और दवा भी दी थी, फिर भी वे ठीक नहीं हो पाई थी | वह अब ठीक होना भी नहीं चाहती थी | वह अपने जीवन से निराश … Read more

कितना शर्मशार करोगे – मंजू ओमर  : Moral stories in hindi

मर क्यों नहीं जाता तू कितना शर्मशार करेगा ,कहीं मुंह दिखाने लायक नहीं छोड़ा,हे भगवान इसे उठा क्यों नहीं लेता तू कुसुम आंटी बराबर उसको डंडे से पीटती जा रही थी। आखिर में वो डंडा भी दो टुकड़ों में टूट गया। प्रकाश जी जो उनके पड़ोसी थे कुसुम आंटी को पकड़कर घर तक छोड़ने आए … Read more

मैं खामोश थी – नेकराम  : Moral stories in hindi

उस दिन लड़के वाले हमारे घर आए लड़के ने मुझे देखा और पसंद कर लिया मगर मैं खामोश रही किसी ने मेरी पसंद नहीं पूछी लड़के का अच्छा बिजनेस और देखने में सुंदर था दोनों परिवार वालों ने मिलकर मेरी सगाई की तारीख रख दी लड़के ने सब लोगों के सामने मेरी उंगली में अंगूठी … Read more

समधन जी आपकी सोच कितनी शर्मसार करने वाली है… – अमिता कुचया  : Moral stories in hindi

सुशीला अपनी पोती के होने से हमेशा दुखी रहती है ।वह बहू को हमेशा ताने देती रहती है, उसकी उंगली करने की आदत रहती है।वह  उसे ही दोष देकर कहती हैं -अगर बहू पोता होता तो मैं मिठाई बंटवा देती।काश पोता होता।अब क्या कहूं किसी से••••उसे अंदर ही अंदर बहुत बुरा लगता है। फिर एक … Read more

आज्ञाकारी बेटा- डॉ संगीता अग्रवाल  : Moral stories in hindi

सुबह के समय बड़ी मधुर हवा बह रही थी,चिड़ियां चहचहा रही थीं,पार्क के एक हिस्से में काफी सारे वृद्ध लाफ्टर थेरेपी कर रहे थे।हाथ उठाकर खिलखिला के हंसना,तरह तरह के मुंह बनाकर ठहाका लगाना सारे वातावरण को खुशनुमा बना रहा था। थोड़ी देर बाद,वो सब हाफ सर्किल बनाकर बैठे गप्प शप में व्यस्त हो गए। … Read more

लड़की जात – डॉ पारुल अग्रवाल  : Moral stories in hindi

घर में आज सभी व्यस्त थे क्योंकि घर की लाडली बेटी रिया को लड़के वाले देखने आ रहे थे। लड़का रिया के दादाजी के ही बहुत अच्छे दोस्त का पोता था। वो एक बहुत बड़ी नामी कंपनी में बहुत अच्छी पोस्ट पर था,इधर रिया भी कुछ कम नहीं थी। रिया भी एक बड़े प्राइवेट बैंक … Read more

बड़े दिलवाली है – विभा गुप्ता   : Moral stories in hindi

 ” हा-हा…इसका रंग तो देखिये…कितना भड़कीला है..।” ” हाँ …डिजाईन तो ऐसा कि अपनी कामवाली चंपा भी देह पर न लगाये..।”      ” अब छोटे घर वालों की पसंद तो ऐसी ही होगी न बड़ी बहू…।”        ललिता जी अपनी दोनों बहुओं सुनिधि और अदिति के साथ बैठकर छोटी बहू पूजा के मायके से आये कपड़े-गहनों की … Read more

मुझे अपने बेटे पर शर्म आती है – अर्चना खंडेलवाल  : Moral stories in hindi

आदित्य के कमरे का दरवाजा अभी तक भी नहीं खुला था, सुबह के नौ बज रहे थे और मंजू जी कब से उसके उठने का इंतजार कर रही थी, कभी वो घड़ी को देखती तो कभी रसोई में ठंडे हो रहे नाशते को, फिर सोचा जाकर दरवाजा बजा देती हूं, पर आदित्य का गुस्सा याद … Read more

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