अनाड़ी गृहलक्ष्मी – संगीता त्रिपाठी  : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi :  ” विगत का सोचती हूँ तो एक सलाम खुद के लिये बनता है,क्योंकि एक गृहलक्ष्मी जिसे कुछ नहीं आता, वो आज अपनी किताब के विमोचन पर सबकी बधाइयाँ ले रही…., कहते है ना कि आदमी खुद अपना इतिहास रचता है, तभी तो आज वो भी अपने परिवार में इतिहास रच … Read more

मान सम्मान***एक पत्नी का – शिव कुमारी शुक्ला : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi :शुचिता एक बहुत ही  मासूम, बिन्दास लड़की थी। मासूमियत उसके चेहरे पर विखरी पडी थी। अल्हड़ विन्दास अपने आप में मस्त ग्रेज्यूशन के अंतिम वर्ष की छात्रा थी। अभी बीस की भी नहीं हुई थी कि माता पिता ने उसका रिश्ता तय कर दिया। उनके किसी परीचित ने रिश्ता बाताया जो … Read more

गृहलक्ष्मी का हक – अंजना ठाकुर : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : इस बार निशा ने निर्णय कर लिया था की वो अपने ससुराल दिवाली के लिए नही जाएगी अब और अपमान वो सहन नही करेगी नितेश को जाना है तो जाए । निशा को मालूम था उसका निर्णय आसान नहीं है मनवाना पर ये पहल करनी ही पड़ेगी। निशा की शादी … Read more

मैं सिर्फ़ आपकी पत्नी ही नहीं, किसी की बेटी भी हूं – सुल्ताना खातून : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : “क्या है यार इसमें जो सोनू शादी के लिए मरा जा रहा था, यार ये तो सोनू से करीब पांच साल बड़ी लग रही है, नाक भी फैला हुआ है, शकल में कुछ तो ऐसा नहीं की लव मैरेज करने जैसा कुछ हो क्या यार उसने ऐसा क्या देखा, बेचारा … Read more

आईना दिखाती गृह लक्ष्मी – शुभ्रा बैनर्जी : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi :   “रीनू ओ रीनू!ये दीये पानी में भिगो देना ज़रा।एक घंटे के बाद निकाल कर धूप में रख दूंगी।”श्यामला ने अपनी काम वाली बाई को निर्देश दिया।अभी -अभी घर पर ही खरीदे थे एक भैया से दीये।रीनू ने आदतन पूछा”दीदी,कितने में दिए उसने आपको?” “सौ रुपए सैकड़ा बताया था,पर मैंने तीस … Read more

सुबह का उजाला – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi :  तुम जानते तो हो राजेश, पिता के बीमार रहने के कारण मां बिल्कुल अकेली पड़ गयी है।भाई कोई है नही केवल मैं ही तो हूँ।उनके विषय में मैं नही सोचूंगी तो कौन सोचेगा?      बहुत अधिक भावुक मत बनो सुमि,मेरी बात समझ तो लो,बिना सुने ओवर रियेक्ट क्यूँ कर रही हो।वो … Read more

मंथन – संध्या त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi :   आंटी जी… प्लीज …अभी नव्या यहां नहीं है अपना पक्ष रखने के लिए …तो हम लोग उसके आचरण का  ” मंथन ” करके उसके बारे में कोई गलत धारणा ना बनाएं ..तो अच्छा रहेगा..! सॉरी आंटी जी यदि मैंने कुछ गलत कह दिया हो तो….           स्वरा के बेबाकी पूर्ण जवाब … Read more

दुशासन को चीरहरण का मौका नहीं दूंगी। –   अर्चना खंडेलवाल 

“जिंदगी के रण में खुद ही कृष्ण और खुद ही अर्जुन बनना पड़ता है…ये लड़ाई मुझे अकेले लड़़नी है और जीती भी है। मैं ये कर लूंगी,अगर औरत ठान लें तो क्या नहीं कर सकती!!! देविका ने अपने आपको विश्वास दिलाया। जतिन की घटिया बातें देविका के मन-मस्तिष्क में कौंध रही थी, आज तक वो … Read more

अपनापन – किरण विश्वकर्मा : Hindi kahani

अम्मा जी यह आपके लिए…. ऋतु अपनी मकान मालकिन रुकमनि जी को साड़ी और लड्डू का डब्बा देते हुए बोली। अरे!!! बेटा मुझे क्यों इस पर तो तेरी सास का हक है.. रुकमनि जी बोली। हक था पर जब सुना कि बेटी हुई है तो वह मुझे अस्पताल में छोड़कर गाँव चली गई और आपने … Read more

सुकेशा – hindi kahani

ग्रामीण परिवेश की पच्चीस वर्षीया युवती केतकी कानपुर में वकालत पढ़ने के साथ साथ माल रोड के रेडीमेड वस्त्रों के एक शोरूम में पार्टटाइम एकाउंटिंग का काम भी देखती है। उसके पहनावे व बोलचाल के ढंग को देखकर शोरूम के मालिक ने उसे लुधियाना, मुम्बई और कोलकाता के वस्त्र निर्माताओं से मिलकर आकर्षक रंगों की … Read more

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