स्नेह के तार – संध्या सिन्हा : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi :  मेरी छोटी बहन की शादी की सिल्वर जुबली में मेरा मायके जाना हुआ क्योंकि मेरी छोटी बहन भी उसी शहर में रहती हैं। शाम की पार्टी में जब मैं उसके घर पहुँची तो अजीब सुखद अहसास हुआ मुझे।,मेरी माँ के पास मेरी इकलौती मामी बैठी थी। वह मुझे देख कर … Read more

अनजाने रास्ते (भाग-2) : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : कितना सुखी व समृद्ध बचपन मिला था उसे । पिता लखनऊ में सार्वजनिक निर्माण विभाग में इंजीनियर और माँ प्रोफ़ेसर । माता पिता दोनों के ही उच्च शिक्षित होने के कारण घर में आरम्भ से ही पढ़ाई का माहौल था । वैदेही व उसके भैया अमित, दोनों ही पढ़ाई में … Read more

अनजाने रास्ते (भाग-1) : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : पतझड़ के मौसम की उदास सी शाम थी। दूर क्षितिज में सूरज डूब रहा था, मानो वह रात के आँचल में छुप जाने को बेचैन हो । रक्तिम गगन भी नारंगी चुनरी उतार, नीली काली सी चुनरी ओढ़ रहा था । पंछी अपने अपने नीड़ की ओर वापस लौट रहे … Read more

अपनापन – किरण केशरे : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi :  शाम पांच बजे ‌ऑफिस का कार्य पुरा कर सलोनी घर जाने की तैयारी कर ही रही थी की , अचानक ही बॉस ने अतिरिक्त कार्य सौंप दिया, उन फाइलों को निपटाते रात के साढ़े सात बजने को आ गए थे, वह सोच रही थी, नमन भी ऑफिस से छह बजे … Read more

भेदभाव – रंजू अग्रवाल ‘राजेश्वरी’

“मम्मीजी भी न ,जब देखो मेरे पर ही सारी जिम्मेदारी डालती रहती हैं ।” त्रिशला अपने मे बड़बड़ा रही थी । आज त्रिशला की सास  मालती और उनके पति  कुछ दिनों के लिए बाहर जा रहे थे  ।इसलिये घर की सारी जिम्मेदारी त्रिशला को सौंप दी थी । “देखो बेटा ,धोबी का हिसाब समय से … Read more

तिल का ताड़ बना दिया – विभा गुप्ता  : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi :   ” क्या हुआ सुनील..तुम दोनों आज फिर से…।”   ” तो क्या करुँ आँटी…सुमेधा के रोज के चिकचिक से मैं तंग आ गया हूँ।जी करता है कि अभी तलाक लेकर इससे नारकीय ज़िंदगी से छुटकारा पा लूँ..।” सुनील ने लगभग चीखते हुए कहा।    ” तलाक!…नहीं बेटा, ऐसा नहीं कहते।सुमेधा बेटी…एक-दूसरे … Read more

मतलब निकल गया तो पहचानते नहीं है। – प्राची अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

चंद्र प्रकाश जी अपने मित्र रमेश की पौत्री का रिश्ता कराने के लिए भागम भाग कर रहे थे। लड़का उनकी जानकारी में था। दोनों पक्षों में उनकी उठ-बैठ थी। रिश्ता कराने के चक्कर में कई बार उन्हें यात्रा भी करनी पड़ी। अपने घर पर भी उनको बातें सुननी पड़ती थी कि बे फालतू के कामों … Read more

क़ाबिलियत और सपने! – संध्या सिन्हा : Moral Stories in Hindi

“शिवानी अधिकारी मछली शहर की पहली आई.पी.स. बनीं।”आज के अख़बार की हेडलाइन पढ़ा तो नाम कुछ जाना-पहचाना लगा… ध्यान से फ़ोटो देखी…. अरे!… यह तो मेरी स्कूल की सखी मिताली की बेटी है। क़रीब दो बरस पहले मेरी बात हुई थी उससे, तब बहुत परेशान थी। बेटी शिवानी आगे पढ़ कर कुछ बनना चाहती थी … Read more

सुकून भरा सफर – संध्या त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : अरे मम्मी , फ्लाइट में टिकट क्यों नहीं कराया..  ट्रेन में कितना समय लगेगा जानती भी हो..? कंजूस कहीं की..!  ट्रेन का टिकट कंफर्म होते ही सुमेधा ने बेटी स्वर्णा को जानकारी दी थी , बेटी का जवाब सुनते ही सुमेधा बोली …..           अरे हमारे पास तेरे पापा के रिटायरमेंट … Read more

कामचोर बहुएं: Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : नितिका और वंदना कहने को दोनो देवरानी जेठानी , दोनो के स्वभाव मे भी जमीन आसमान का अंतर +जहाँ जेठानी वंदना शांत स्वभाव की चुप चुप रहने वाली वहीं देवरानी नितिका साफ दिल की पर मुंह फट जो महसूस करती बोल देती।) पर दोनो मे प्यार बहुत था वंदना की … Read more

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