मैं हूँ ना – कमलेश राणा

रश्मि के पापा सरकारी अस्पताल में डॉक्टर हैं और मम्मी एक प्रतिष्ठित स्कूल में टीचर,,, पापा हर रिश्ते के लिए बहुत ही समर्पित स्वभाव वाले व्यक्ति हैं,,चाहे माँ-बाप के लिए किसी वस्तु की आवश्यकता हो,,या बहनों के यहां कोथली पहुँचानी हो,,,या बच्चों को घुमाने ले जाना हो,, पापा को कभी किसी काम के लिए कहना … Read more

परिणाम – ममता गुप्ता

अरे!! अमित  आज तो तुम्हारा रिजल्ट आने वाला था न क्या हुआ..रिजल्ट आया या नही..? मुझे पता है वैसे भी तुम्हारा रिजल्ट क्या रहा होगा..? मानसी ने अपने बेटे अमित  से कहा।। हां माँ!! ये लो मेरी मार्कसीट आप खुद ही देख लो मेरा रिजल्ट अमित  ने मार्कशीट आगे बढ़ाते हुए कहा।। मानसी अपने बेटे … Read more

डोंट वरी मैं हूॅ॑ ना! – प्रियंका सक्सेना : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : मीता की शादी की तारीख सोहन से तय होते ही घर में खुशी की लहर दौड़ गई। मीता और सोहन की अरेंज मैरिज है जिसे सोहन के पापा के मित्र जो मीता के फूफाजी हैं उन्होंने तय करवाई है। सोहन इंजीनियर है और बैंगलोर में एक मल्टीनेशनल में कार्यरत है।‌ … Read more

अहंकार का परिणाम – रक्षा गुप्ता

पितृपक्ष के दिनों में मंदिर के पास दान देने और दान ग्रहण करने वालों की बड़ी भीड़ लगी रहती.. सभी लोग अपने पुरखों के नाम पर अपनी सामर्थ्य के अनुसार दान करते और पंडितों को स्वादिष्ट भोजन भी कराते..  एक दिन मंदिर के पास एक बड़ी चमचमाती हुई गाड़ी आकर रुकी और उसमें से एक … Read more

हम हैं ना – उषा भारद्वाज : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : अस्पताल के बेड पर लेटी जानकी दर्द से कराह रही थी। उनके पेट में अल्सर होने के कारण दर्द हो रहा धा।  बेटे अभय ने उनको एक रात पहले अस्पताल में एडमिट कराया था। दवाइयां चल रही थी । डॉक्टर ने कहा 5 दिन देखते हैं, यदि ठीक नहीं होता … Read more

काश लड़कियों की क़िस्मत में भी ऐसा ही ससुराल हो – रश्मि प्रकाश

नम्रता  और गगन  पूना से बिहार अपने शहर जाने की तैयारी कर रहे थे… पहले से ही विचार कर लिया गया था पहले नम्रता  के घर जाना है फिर गगन  के घर जाएँगे क्योंकि नम्रता  के शहर में एयरपोर्ट की सुविधा है तो वे लोग फ़्लाइट से वही जाएँगे । नम्रता  अपने घर दो साल … Read more

 कमाई पति की  खर्चा करे सास   – संगीता अग्रवाल 

” देखो दिव्या ये सोनिया पता नहीं इतना सज धज कर कहां जा रही है ?” दिव्या अपने घर के दरवाजे पर खड़ी थी तब उसकी पड़ोसन मंजु उससे बोली। ” जा रही होगी किसी काम से या किसी फंक्शन में !” दिव्या लापरवाही से बोली। ” अरे ये तो अपने मिस्टर के बिना कहीं … Read more

परमेश्वर तो दूर पति बन जाओ वही बहुत है – सोनिया निशांत कुशवाहा 

चटाख! राकेश  के मारे हुए चांटे की गूंज अभी भी गूँज रही थी कानों में! बात सिर्फ एक थप्पड़ की नहीं थी , बात सिर्फ शरीर पर लगने वाली चोट की नहीं थी मन घायल हो गया था। आत्मा धिक्कार रही थी कि ऐसे आदमी को ईश्वर समझ कर आज तक मैं व्रत पूजन करती … Read more

पुरुष जीवन – कमलेश राणा

हमारा समाज पितृसत्तात्मक समाज है,,जिसमें पुरुष की भूमिका अहम होती है,,उसके निर्णय सर्वमान्य होते हैं,,अत: घर चलाने की जिम्मेदारी भी उसी की होती है,, निखिल की दिली ख्वाहिश थी कि उसका विवाह कामकाजी लड़की से हो,,ताकि मंहगाई के इस दौर में गृहस्थी का खर्च चलाना आसान हो जाये,,जब स्वाति का रिश्ता आया तो उसने खुशी-खुशी … Read more

इतना घमण्ड!!! – ज्योति अप्रतिम 

आज जब उस शहर से गुजरना हुआ तो सहसा नज़र उस मकान पर चली ही गई  जहाँ पर अब केवल बर्बादी के निशां बाकी रह गए थे। वह कार जिसमें बैठे बिना ही रीमा और रमेश की बेइज्जती की गई थी आज जंग खा कर खटारा बन कर खण्डहर हुए गैराज में पड़ी थी। उस … Read more

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