मित्रता का रंग ‘ – विभा गुप्ता

 मीनू को इस स्कूल में आये कुछ ही दिन बीते थें और उसके मिलनसार स्वभाव के कारण जल्दी ही कई लड़कियाँ उसकी सहेलियाँ भी बन गई थी।तान्या नाम की एक लड़की भी उसी की कक्षा में पढ़ती थी जो अक्सर ही उसे परेशान किया करती थी।कभी उसकी किताबें गायब कर देती तो कभी सीढ़ियों से … Read more

 दोस्ती कभी कैलकुलेटेड नहीं होती – गीतू महाजन 

नमिता के साथ वाले घर में सुबह से चहल-पहल थी। अरसे बाद उस खाली पड़े घर में कोई रहने आ रहा था। नमिता ने अपनी बालकनी से देखा सामान से लदा ट्रक बाहर खड़ा था।यह देखकर नमिता के होठों पर मुस्कुराहट तैर गई और मन में विचार आया कि इसी बहाने वीरान पड़े घर की … Read more

सूरज की अर्धरेखा – रीमा महेंद्र ठाकुर

गाडियों का काफिला सड़क से उतर कर  “पगडंडियों के बगल से गुजर रहे कच्चे रास्ते से गाँव की ओर बढ रहा था !  जब तक सूरज चाँद रहेगा, सूरज  तेरा नाम रहेगा” सूरज मिश्रा अमर रहे’ सूरज मिश्रा अमर रहे!  जयकारा की ध्वनि  पूरे गाँव में गूंज रही थी!  तीस गाँव का  तालुका था ” … Read more

दिल का रिश्ता – बेला पुनीवाला

    बात उन दिनों की है, जब निधि १८ साल की उम्र की हुआ करती थी, निधि के घर के सामने वाले घर में अभी कुछ दिन पहले ही दो लड़के भाड़े पे रहने आए थे। दोनों दिखने में हैंडसम और खानदानी घर के लगते थे, दोनों  मुंबई इंजिनयरिंग की पढाई के लिए आए थे । … Read more

बड़ी इलायची छोटी इलायची – नीरजा कृष्णा

“सुनिए, एक बात बताइए! मैं कब तक बड़ी भाभी की धौंस सहती रहूँ….बात बात में मुझे मेरे छोटे पद और छोटी हैसियत का ध्यान दिलाती रहती हैं…. मुझसे अब नही सहा जाता।” सुजाता प्रश्नवाचक दृष्टि से मनीष को घूरती रही….वो चिढ़ कर बोला,”ये क्या आँख फाड़े घूर रही हो? तुम लोगो का तो झगड़ा ही … Read more

उलझन –  एक पहलू ये भी

ढोलक की थाप पड़ते ही नई नवेली बहू शिल्पी के पैरों में थिरकन शुरू हो गई…. “मुझे आई ना जग से लाज कि इतनी जोर से नाची आज कि घुँघुरु टूट गए!” शिल्पी ने थोड़ी बहुत मान-मनुहार के बाद जो नाचना शुरू किया तो ऐसा लगने लगा मानो स्वयं स्वर्ग से अप्सरा उतर आई हो.. … Read more

पहला प्यार – भगवती सक्सेना गौड़

दिल्ली की जबरदस्त ठंड में भावना दोपहर को भी रजाई में घुसी थी, उम्र भी दस्तक देकर समझा रही थी, चौकस रहो, कई बीमारियों के सर्टिफिकेट धारण कर चुकी हो। तभी टेबल पर रखा मोबाइल घनघना उठा, अब मजबूरी थी, हाथ बाहर निकाला जाए। “हेलो, कौन बोल रहा है ? “ “पहचानो” “अरे वाह, प्रेम … Read more

उनसाठ बरस का कुंवारा वसंत… विनीता राहुरीकर

टैक्सी से उतरकर मीरा ने सामान के थैले बाहर निकाले और उसे किराया दिया। जब उसने गेट की तरफ देखा तो गार्ड नदारद था। ना जाने कहां चला गया। दो मिनट मीरा ने राह देखी फिर थैले उठाकर बिल्डिंग की तरफ चल दी। आज परिसर में भी कोई नहीं था। लिफ्ट तक पहुंची तो देखा … Read more

 ये दोस्ती हम नहीं भूलेंगे – सुषमा यादव

,,ये दोस्ती हम नहीं भूलेंगे, भूलेंगे सब मगर ,तेरा प्यार तेरा अहसान ना भूलेंगे,,,,, ,, मैं  नागपुर में नानाजी के पास से  कक्षा सातवीं तक पढ़ कर इस नए शहर में अपने परिवार के पास पढ़ने आई,, इस नये स्कूल में मुझे अच्छा नहीं लगता था, मैं बहुत सीधी सादी, और महाराष्ट्रीयन शिक्षा, बोली के … Read more

सर्वोच्च बलिदान… साधना मिश्रा समिश्रा

अरुण सिर्फ़ एक साल बड़ा था वरुण से। छः साल का वरूण और सात साल का अरुण। दोनों भाई आधे घंटे से अपने टैम्पो का इंतजार कर रहे थे जो उन दोनों को रोज प्राथमिक विद्यालय लाती और ले जाती थी लेकिन आज अभी तक आई ही नहीं थी। घर पांच किलोमीटर की दूरी था। … Read more

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