आरती की थाली – दर्शना जैन
रक्षाबंधन आने के लगभग पंद्रह दिन पहले से सरिता की तैयारियाँ शुरू हो जाती थी। घर के काम से फुर्सत मिलते ही वह खरीददारी करने बाजार के लिये निकल पड़ती। हर बार रक्षाबंधन पर चेहरे पर खुशी होती लेकिन इस बार चेहरा उदास था व आँखें रोये जा रही थी। कोरोना ने उसके भाई भाभी … Read more