बेटी बनी मां – डॉ उर्मिला शर्मा

 अपर्णा ऑटो से उतर जल्दी- जल्दी घर जा रही थी। जाने मां को दिनभर में कोई परेशानी या जरूरत तो नहीं पड़ी। हालांकि वह मां को समझाकर आयी थी कि कोई भी परेशानी होने पर वह उसे फोन कर लें। इमरजेंसी में पड़ोसन नीता का भी फोन नम्बर दे रखी थी। उसे ऑफिस में भी … Read more

तलाश, एक टुकड़ा जिंदगी की – नीलिमा सिंघल 

घर पर जमघट लगा हुआ था लोगों का तांता लगा हुआ था पुलिस की गाड़ी और एम्बुलेंस की आवाजें कानो में चीख रही थी,   4 साल की अनन्या इतने अजनबियों को देखकर रोये जा रही थी और सावित्री…..सावित्री एकटक पंखे से लटके निर्जीव पड़े शशांक को देखे जा रही थी, जिसे पुलिस वाले ध्यान से … Read more

उम्मीद की उजास – लतिका श्रीवास्तव 

#एक_टुकड़ा       “पांच हजार से एक रुपया कम नहीं लेंगे …..ओ बड़ी भाभी सुन लो,अपनी बिटिया के लिए तो नही किया अब अपनी देवरानी की बिटिया के लिए तो गांठ खोलो जल्दी ….कहां छुप कर बैठी हो बाहर आओ ….. हाय हाय बड़ी भाभी , हाय हाय बड़ी भाभी…”कमला के साथ अन्य सभी किन्नरों की … Read more

सोने के कंगन का मोल – पूजा मनोज अग्रवाल

   विशाल,,, ,, पिछ्ले 6 माह से मै अपने सोने के कंगन का इन्तजार कर रही हूँ,,,,हद होती है कंजूसी की ,,,,ऐसा तो कुछ नही मांगा है मैने,,, की तुम पूरा ही ना कर सको,,,,इस बार किट्टी पार्टी में नये कंगन ही पहन कर जाऊंगी ,,, रिया ने लगभग चीखते हुए कहा। विशाल भी चुप रहने … Read more

अनोखा सारथी – डॉ पारुल अग्रवाल

#एक टुकड़ा निर्मला अपनी तीन साल की बेटी और पति सुंदर के साथ सुखमय जीवन बिता रही थी। ये अलग बात थी की वो बहुत अमीर नहीं थे, पर उनकी छोटी सी दुनिया में वो बहुत खुश थे। दिन खुशी-खुशी बीत रहे थे। पर उनकी छोटी सी दुनिया में एक कमी थी,दरअसल उनलोगो ने प्रेम … Read more

आज्ञा का पालन – रीता मिश्रा तिवारी

************** योग दिवस की हार्दिक शुभ कामनाएं “दादो आपकी उम्र क्या होगी”?   “पंचानबे (95) साल।”   “Omg पर दादो लगती तो सत्तर की हो ।बताओ कैसे? राज  क्या है?”   “अब तुमलोग के जैसे तो हैं ना..की दो तीन बजे रात तक जागे और दस बजे दिन तक सोए। ना कसरत ना योगा तो … Read more

ऐसा प्यार कहां… – प्रीती सक्सेना

  सुबह से लगातार बारिश हो रही है,, थमने का नाम ही नही ले रही,, शुक्र है,,, इतवार है,, किसी को कहीं जाना नहीं।      धीरे से किचन में,,, जाकर कड़क अदरक की चाय बनाई,,,, और बालकनी के सामने चेयर डालकर,, गर्म चाय का आनंद लेने लगी।       अकेलापन मिला,,,तो दिमाग भी अठखेलियां खेलने लगा,,, और पहुंचा  दिया,,, … Read more

पापा चले गए – रीटा मक्कड़

कितने खुश थे उसदिन पापा बिटिया का रिश्ता जो तय हो गया था और वो भी बहुत अच्छे घर मे।लड़का भी बेऐब बहुत हैंडसम और मेहनती था। पढ़ीलिखे और खानदानी लोग थे। जिसने रिश्ता करवाया वो भी पापा के बहुत करीबी जानकारों में से था इसलिए उन्हें मन से बहुत तसल्ली थी कि अब उन्हें … Read more

सासु मां की सोच” – मीनाक्षी राय

नीता के पिता और समर पिता दोनों दोस्त थे|  समर  के पिता बैंक में ऑफिसर थे, समर चार भाई-बहनों में छोटा था | नीता के पिता गांव में किसान थे| नीता के पिता और समर के पिता एक ही विद्यालय में पढे थे,  निता के पिता के पिता को चुकी जमीन जायदाद बहुत थी, तो … Read more

आज सब चुप थे वह बोलती थी – चांदनी झा

अजीब सी चुप्पी थी घर में। आखिर आज भी लड़केवाले, निशा के लिए मना कर के गये। फ़ोटो भेजा था मोबाइल में लड़केवालों को। पर उन्होंने कहा, लड़की थोड़ी हेल्दी है। वो तो दादी बड़बड़ाने लगी तो सबका ध्यान इद्दर-उधर हुआ….. लड़के वाले का फोन आते ही दादी, तो बड़बड़ाने लगी। अरे हेल्दी क्या है? … Read more

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