निशा अपनी बड़ी बहन गीता से कह रही थी “दीदी जल्दी से ब्यूटी पार्लर चलो लड़के वालो ने 4:00 बजे तक टाइम दिया है घर पर तुम्हें देखने आने के लिए फिर पार्लर में भी तो टाइम लगता है.” दरअसल बात यह है कि आज गीता को लड़के वाले देखने आ रहे थे गीता और निशा दोनों ही सौतेली बहने थी
लेकिन दोनों में प्यार इतना था कि कोई यह नहीं कह सकता था कि दोनों सौतेली बहन हैं।
गीता देखने में थोड़ी सांवली थी लेकिन पढ़ने में बहुत ही होनहार और घर के कामों में भी बिल्कुल ही निपुण थी।
लेकिन निशा को इन सब चीजों से मतलब नहीं था निशा देखने में बहुत ही सुंदर थी और उसे खेलना बहुत पसंद था वह बैडमिंटन की बहुत अच्छी प्लेयर थी और इसी में अपना कैरियर बनाना चाहती थी। गीता की शादी, गीता के मामा ने ठीक कराई थी और वह लड़के वाले को लेकर 4:00 बजे तक आने वाले थे.
गीता की सौतेली माँ, गीता के पापा से कह रही थी “अरे वो गीता के पापा जल्दी से फोन लगाओ तो इन दोनों लड़कियों को 3:00 बजने वाले हैं अभी तक दोनों ब्यूटी पार्लर से वापस नहीं लौटी। जब इनको पता था कि आज लड़के वाले देखने आएंगे तो सुबह सुबह ही जाना चाहिए था ना.”
थोड़ी देर में ही दोनों बहने वापस घर आ गई थी. 4:00 बजने के साथ ही लड़के वाले भी घर पर पहुंच चुके थे. लड़के वाले गीता के मामा के साथ आए थे तो गीता के मामा ने लड़के वालों को बैठक खाने में बैठा कर। गीता के पापा से बोले कि जल्दी से नाश्ता पानी का प्रबंध कर गीता को ले आओ.
थोड़ी देर बाद गीता की छोटी बहन निशा ने एक प्लेट में मिठाइयां और कुछ नमकीन ले जाकर लड़के वाले के पास टेबल पर रख दिया। उसके बाद गीता के पापा आए और सब को नाश्ता करने को कहा। थोड़ी देर के बाद गीता साड़ी पहनकर चाय का प्लेट हाथ मे पकड़े हुये लड़के वालों के पास आई।
लड़के की मां ने गीता को अपने पास ही बैठने को कहा कुछ देर बाद गीता बैठी रही और उसके बाद गीता के मामा बोले, “बेटी अब तुम जाओ।” गीता वहां से चली गई उसके बाद गीता के मामा ने लड़के की माँ से पूछा कि लड़की पसंद है ना बहन जी।
लेकिन यह क्या लड़के की मां ने गीता के मामा से कहा, “देखो जी लड़की तो हमें पसंद है लेकिन अगर हम शादी करेंगे तो गीता की छोटी बहन निशा से वरना नहीं।” गीता के मामा ने कहा यह क्या बात हुई बड़ी बहन के होते हुए छोटी बहन की शादी कैसे हो सकती है। लड़के की मां बोली, “इसमें कौन सी चौंकने वाली बात है। हम एक साल इंतजार कर सकते हैं आप गीता की शादी कहीं और ठीक कर दीजिए जब उसकी शादी हो जाए तब निशा के साथ हम अपने बेटे की शादी कर देंगे।”
गीता के मामा अंदर जाकर गीता की सौतेली मां से कह रहे थे कि लड़के वालों ने गीता को पसंद नहीं किया बल्कि निशा से शादी करने को कह रहे हैं। वहीं गीता के पापा भी खड़े थे उन्होंने कहा, “यह कैसी बात हुई बड़ी बेटी को देखने आए हैं और छोटी बेटी से शादी करेंगे अगर उनको नहीं शादी करना है तो ठीक है उनको मना कर दो हम अपनी छोटी बेटी की भी शादी नहीं करेंगे।” गीता की सौतेली माँ तपाक से बोली, “आप भी कैसी बात करते हैं। निशा भी कौन सी अब बच्ची है गीता से 3 साल ही तो छोटी है और इसकी शादी भी तो कभी न कभी करनी है।
अगर उन लोगों को यही पसंद है तो इसकी शादी करा देते हैं। कितना अच्छा लड़का है सरकारी नौकरी करता है हमारी निशा उसके साथ बहुत ही खुश रहेगी।” जब यह बात निशा को पता चला कि लड़के वालों ने दीदी को पसंद नहीं किया है बल्कि गीता की होने वाली सास ने मुझे पसंद कर लिया है।
निशा ने उसी समय सोच लिया था कि भले वह किसी और लड़के से शादी कर लेगी लेकिन इस लड़के से वह कभी शादी नहीं करेगी। जो लोग दीदी जैसे भोली भाली लड़की को नापसंद कर सकते हैं उनका क्या भरोसा आज यह मेरी सुंदरता पर मुझे पसंद कर लिया कल को इनको मेरे से भी ज्यादा सुंदर लड़की दिख जाए तो क्या पता मुझे भी छोड़ दे। गीता की सौतेली मां बैठक खाने में गई और लड़के की मां से बोली, “हमें कोई एतराज नहीं है आप जिस लड़की से मर्जी शादी कर ले आखिर है तो दोनों हमारी बेटियां गीता की शादी कहीं और ठीक कर देंगे।”
लड़के की माँ बोली, “बात तो आप सही कह रही हैं लेकिन देखिए क्या है कि मेरे बेटे को आपकी छोटी बेटी ज्यादा पसंद है इसलिए वह आपकी छोटी बेटी से ही शादी करना चाहता है वैसे तो आपकी बड़ी बेटी में भी कोई बुराई नहीं है।”
गीता के पापा बोल पड़े हमारी दोनों बेटियां इतनी भाग्यशाली हैं कि जहां भी जाएंगी उस घर को संवार देंगी। तभी निशा आकर बोली, “पापा कुछ भी हो जाए मैं ऐसे घर में शादी नहीं करूंगी जहां पर दीदी जैसी लड़की को नकार दिया गया।
वहां क्या भरोसा है कि मुझे यह अपना लेंगे आज तो यह मेरी सुंदरता पर मुझे पसंद कर लिया लेकिन कल को मेरे चेहरे पर कुछ हो जाए तब क्या होगा और वैसे भी मैं अभी शादी नहीं करना चाहती। मैं अपने बैडमिंटन पर अभी फोकस करना चाहती हूं।
इनसे कह दीजिए कि अगर गीता दीदी से शादी करना है तो करें वर्ना वापस चले जाएं।” निशा की मां बोली, “बेटा क्या कह रही हो इतना अच्छा रिश्ता भी ठुकराता है क्या कोई? आज या कल में तुम्हारी शादी भी तो करनी ही है और फिर तुम्हारी दीदी गीता की शादी हम कहीं और ठीक कर देंगे।
शादी करने से निशा ने साफ मना कर दिया था। लड़के वाले चुपचाप वहां से उठकर सिर झुकाए हुए चले गए। लड़के वालों के जाते ही निशा की मां ने कहा, “निशा तुमने यह अच्छा नहीं किया इतना अच्छा रिश्ता बार बार नहीं मिलता।”
निशा ने कहा, “मां रिश्तो का क्या है यह तो और मिल जाएंगे लेकिन एक बार जो दीदी के मन में यह चला जाएगा कि मैं सौतेली बहन हूं इसलिए उस लड़के से शादी कर लिया। इतने बड़े कलंक को मैं जिंदगी भर नहीं ढो सकती हूं माँ।
गीता अपने कमरे में फूट-फूटकर रो रही थी तभी निशा अपनी दीदी के गले लग कर बोली, “दीदी जब तक आपकी शादी नहीं हो जाएगी तब तक मैं शादी नहीं करूंगी और आपके लिए अच्छा रिश्ता मैं ढूढूंगी क्या कमी है मेरी दीदी में अगर आप सांवली है तो इसमें आप का क्या दोष है। तभी आकर गीता की सौतेली माँ और उसके पापा भी गीता को गले लगा लिया और एक स्वर मे बोले, तुम्हारा रिश्ता इससे भी अच्छे घर मे तय करेंगे चुप हो जा मेरी बच्ची।
लेखक : मुकेश पटेल