बुरे से भगवान भी डरे  – सुधा जैन

बचपन में जब हम सब भाई बहन छोटे थे, तब मेरे नाना हमारे घर आते ,और हमें बहुत सारी कहानी सुनाते। कहानी सुनना बहुत अच्छा लगता था ,क्योंकि उस समय मनोरंजन, ज्ञान ,जिज्ञासा, उत्सुकता, ध्यान इन सबके लिए एकमात्र माध्यम कहानी था। एक बार नाना जी ने हमें कहानी सुनाई ,और उस कहानी को सुनकर … Read more

माँ तेरे आँचल की छाँव – दिव्या राकेश शर्मा

माँ की अंतेष्टि भी हो गई।सब रस्में निपट गई।दे दी गई माँ को आखिरी विदाई।वेदिका पापा की सूनी आँखों को देख रही थी।भैया की खामोशी और चित्रा की मासूमियत।अभी तो माँ की जरूरत थी उसे।माँ की तस्वीर पर चढ़े हार को देखकर वह अपनी रूलाई नहीं रोक पाई।मुँह में पल्लू ठूंस कर वह बाथरूम की … Read more

पद चिन्ह – कंचन श्रीवासत्व

  पुरुषों की बनाई इस दुनिया में स्त्रियों का अस्तित्व उन्हीं से है जितना सच ये है ।उतना ही सच ये भी है कि बदलते वक्त के साथ  कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं ,इसकी वजह सिर्फ ऊंची महात्वाकांक्षा है। खैर कोई बात नहीं ये कोई मुद्दा नहीं है सब ठीक है पर जहां … Read more

हिदायतों के बाद भी — मुकुन्द लाल

प्रवीण के दफ्तर जाने के बाद रजनी अपनी बच्ची रिंकी को गोद में लेकर घर में बैठी हुई थी। अचानक गेट को खटखटाने की आवाज आई।  ” कौन?”  फिर भी प्रत्युत्तर में कोई आवाज नहीं आई।  उसके जेहन में अपने पति द्वारा दी गई चेतावनी युक्त बातें उभरने लगी।  शहर में बढ़ते अपराधों, लूट-पाट और … Read more

अकेले – पूनम वर्मा

शैली को इस शहर में आए कुछ ही दिन हुए थे । उसकी दो जुड़वाँ बेटियाँ थीं । एक दिन वह दोनों बेटियों को लेकर कॉलोनी के पार्क में गई । बच्चियाँ खेलने में मशगूल हो गईं और शैली किनारे बेंच पर बैठ गई । तभी एक अधेड़ महिला उसके पास आकर बैठीं और बातचीत … Read more

मैं नहीं मरूँगी – प्रीती सक्सेना

आज रिजल्ट आने वाला है, जल्दी से सायबर कैफे जाकर, देखूं, कितने नंबर आए हैं, अच्छा कॉलेज मिलेगा कि नहीं, हे भगवान साथ देना, खूब अच्छे नंबर आएं मेरे, वरना क्या करुंगी मैं, कैसे मम्मी पापा को चेहरा दिखाऊंगी मैं, गवर्नमेंट कॉलेज नहीं मिला, तो पापा बड़ी भारी फीस कैसे भर पाएंगे, बेचारी मम्मी गिनी … Read more

अनदेखा प्यार – गोविन्द गुप्ता 

राघव जो कभी भी ऑनलाइन प्लेटफार्म की ओर गया ही नही शोशल मीडिया से दूर रहने का ही मन करता था उसका, पर दोस्तो के कहने पर फेसबुक आईडी बना ली और वाट्सअप भी इनस्टॉल कर लिया तो धीरे धीरे पोस्ट लाइक कमेंट्स होने लगे अनजाने दोस्तो से दोस्ती अच्छी लगनी लगी खुद की सेल्फी … Read more

” एहसास-मंद ” – सीमा वर्मा 

मैं ‘रोहिणी’ लगातार सैंतीस बर्ष तक एक प्रधानअध्यापिका के रूप में  सफलतापूर्वक कार्य करती हुई सेवानिवृत्त हुई हूँ । घर में बच्चे , बेटे और बहुऐं सभी बहुत खुश थे। अब मम्मी को आराम मिलेगा।  बड़े से संयुक्त परिवार में मुझे एक साथ घर और बाहर की जिम्मेदारी संभालते हुए देखते हुए ही वे बड़े … Read more

अनसुलझे सवाल – अनु “इंदु”

“खुल कर बताओ मनीषा क्या हुआ ? मैं तुम्हारी डॉक्टर हूँ “डॉक्टर नीरजा ने मनीषा से कहा। मनीषा को समझ में नहीँ आ रहा था कि वो उसे क्या बताये , कैसे बताये कि कल रात  उसके अपने पति ने उसके साथ जबरन शारीरिक सम्बन्ध बनाये जिसके कारण उसका शरीर ही नहीँ मन भी घायल … Read more

हम भी है इंसान,, – गोविन्द गुप्ता 

सुनयना अपने मम्मी पापा की इंकलौती संतान थी,पढ़ने में बहुत तेज थी,बचपन से विश्वविद्यालय तक प्रथम डिवीजन आती थी , ढेरो प्रमाणपत्र ब सम्मान अलमारी में सजे थे, पिता आशीष बहुत खुश थे और माता श्रीदेवी की लाडो तो थी ही, उच्च शिक्षा हेतु जब बात चली तो डॉक्टर बनने का मन था सुनयना का, … Read more

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