चाय वाली” – पूनम वर्मा

मेरे गाँव में सड़क के किनारे एक छोटी-सी चाय की दुकान थी । उस दुकान को एक महिला चलाती थी । वह इस गाँव की नहीं थी इसलिए उसका इस गाँव में उस छोटी-सी झोपड़ी के अलावा और कोई ठिकाना न था । वह अपना और अपने बच्चों का भरण-पोषण इसी छोटी-सी दुकान से करती … Read more

अमित चला गया – उमा वर्मा 

 पड़ोस की सुधा मौसी का ननद का बेटा अपनी मामी के यहाँ पढ़ाई करने आया था और चूंकि मौसी के परिवार से हमारी गहरी नजदीकी थी तो हम एक साथ  खेलते कूदते स्कूल से कालेज भी पहुंच गये।फिर कब वह मन को अच्छा लगने लगा इसका पता ही नहीं चला ।चूंकि सुधा मौसी से हमारा … Read more

तकनीकी की जादुई  दुनिया – मीना माहेश्वरी

 आज हमारे किटी का ग्रुप पिकनिक मनाने आया था,बहुत ही सुन्दर नज़ारा था। चारों तरफ़ ऊंची _ऊंची  पहाड़िया, हरे _भरे विशाल वृक्ष, पहाड़ियों के बीच से कल _कल की मधुर ध्वनि करता चांदी_सा स्वेत इठलाता झरना, पेड़ों के बीच से छन_ छन कर आती सुनहरी मखमली धूप और मंद _मंद बयार,सब प्रकृति के इस हसीन … Read more

जादुई दुनिया… – विनोद सिन्हा “सुदामा”

वैसे तो हर इंसान का बचपन अपने आप में किसी जादुई कहानी से कम नहीं…बचपन की दुनिया किसी जादुई दुनिया से कम नहीं.. नर हो या मादा..आदमी हो या औरत.. शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति या इंसान हो जिसने अपने बचपन में दादा-दादी,नाना-नानी,या फिर अपने माता पिता के मुख बयां किस्से कहानियों में जादुई दुनिया … Read more

एंजलिना – रीमा महेन्द्र ठाकुर

#जादुई_दुनिया सर्द रात की ठिठुरन “ऊपर से बर्फबारी ,वो सात साल की बच्ची ए़़ंजलिना ,अपने छोटे से शावक के साथ  ठण्ड से ठिठुर रही थी । आज उसकी चचेरी बहेन ने फिर उसे घर से निकाल दिया था।वो शावक भी उसे गरमी पहुचाने मे असमर्थ था। उसकी माँ और बाबा भूसख्लन की चपेट मे आकर … Read more

 कागज का दरवाजा – गीता वाधवानी

#जादुई_दुनिया तो हुआ यूं मेरे प्यारे प्यारे साथियों, हम केरल घूमने गए। वहां सुंदर-सुंदर मनभावन नजारे, चाय के बागान और कटहल के पेड़ देखकर बहुत ही आनंद आ रहा था। वापस आने का मन ही नहीं था। सोचा वापस जाने से पहले एक बार फिर समुद्र देवता के दर्शन कर लिए जाएं।  लहरों की आवाजें, … Read more

समाधान – ननु नरेंद्र

  जमुना प्रसाद को रात को नींद नहीं आई ,कई बार ऐसा होता है। चित्त अशांत होता है लेकिन कारण अज्ञात।अपना स्वास्थ्य ठीक, व्यापार का स्वास्थ्य ठीक, पत्नी बच्चे ठीक, देनदारी कोई नहीं ,मुकदमा कोई नहीं ,पर कुछ तो है ।घुटने से नीचे पिंडली से भी थोड़ा नीचे या आस-पास कभी-कभी खुजली सी होती है, जिसका … Read more

बेड़ियाँ ” – सीमा वर्मा

‘ तुम एक बार सिर्फ़ मेरे कहने पर मेरे ‘गुरूजी’ से मिल लो वे बहुत सामर्थ्यवान और दयालु हैं अगर उनकी कृपा बरस गयी तो अपनी ‘सलोनी’ इसी महीने से दौड़ने लगेगी’ दीदी के बार-बार किये जा रहे अनुरोध पर — राजी भुनभुनाती हुई , ‘ हम बेकार ही अपनी ऊर्जा, धन और समय को … Read more

 अजनबी – प्रीती सक्सेना

#जादुई_दुनिया        एमबीए,, पूरा होते होते,, देहरादून में एक अच्छी कंपनी में मेरा जॉब लग गया,,, मेरी खुशी का ठिकाना नहीं,,, पर मम्मी पापा,, बहुत चिंतित हैं,, कारण ये कि मैं दुबली पतली,, बिल्कुल नाजुक सी,, अपनी उमर से बहुत छोटी दिखने वाली एक ख़ूबसूरत लड़की हूं,, एक अजनबी शहर में बेटी अकेले रहेगी,, ये विचार … Read more

 दादीमाँ के हसीन सपने ” – सीमा वर्मा

#जादुई_दुनिया साथियों यह कहानी है मास्टर ‘ मोनू ‘  एवं उनकी पैंसठ साला ‘दादीमाँ ‘ की। दादी का भरापुरा परिवार उनके साथ ही दादाजी के बनवाए हुए कानपुर के सिविल लाइन्स की बड़ी सी पीली कोठी में रहता है । जिनमें दादी उनके बेटे डॉक्टर अशोक उनकी बहू जो स्वय लेडी डॉक्टर हैं के अलावे … Read more

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