जादुई दुनिया” – सुधा जैन

प्रस्तुत है, इस विषय पर मेरे हृदय के भाव इस धरा पर जीवन में हम कई प्रकार के संबंध जैसे माता पिता भाई बहन , दादा दादी ,काका काकी ,बुआ ,मामा ,मौसी आदि बंधन ऐसे होते हैं जो हमें जन्मजात मिलते हैं, पर एक बंधन ऐसा है जो हमें जन्मो जन्मो तक एक बंधन में … Read more

केस का फीस – विनय कुमार मिश्रा

पेशे से हम पति पत्नी दोनों वकील हैं। पिछले साल ही शादी हुई है।दो दिन पहले इतेफाक से हमदोनों के पास तलाक के केस आये हैं। और इतेफाक ये भी कि, शालिनी के पास उस जोड़े की तरफ से पति का केस है, और मेरे पास उसी की पत्नी का। केस स्टडी में मैंने पाया … Read more

जीवनसाथी – विनय कुमार मिश्रा

जलपाईगुड़ी उतर कर, हम दोनों पति पत्नी गंगटोक के लिए टेक्सी ले रहे थे। टेक्सी वाले पैसे ज्यादा मांग रहे थे, मेरे हिसाब से। एक और जोड़ा वहीं जाने के लिए टेक्सी ढूंढ रहा था। मैंने उस जोड़े में से लड़के से बात की “हमें भी गंगटोक ही जाना है, क्या पैसे आधा आधा शेयर … Read more

गाँव – विनय कुमार मिश्रा

रामेश्वर काका का लड़का जब दसवीं में पास हुआ था, तो बाउजी पूरे गाँव को उसका रिजल्ट बताते थे। मोहन और मैं जब परीक्षा देने जाते तो रामेश्वर काका हमारे साथ जाते। सुगनी अम्मा किसी और के बच्चे को निवाला खिलाती, तो सुगनी अम्मा की बिटिया हाट बाजार में चंपा बुआ के साथ जाती। किसी … Read more

अधूरी – विनय कुमार मिश्रा

माँ को सब बाँझ कहते थे जबतक मैं नहीं हुई थी। मेरे होने के बाद उसे किन्नर की माँ। इससे अच्छा वो बाँझ ही रहती। माँ ने बारह साल मुझे सीने से लगाये रखा। एक माँ के लिए उसका बच्चा सिर्फ बच्चा होता है और कुछ नहीं। पापा हर वक़्त जलील होते जब जब मैं … Read more

सौदा – विनय कुमार मिश्रा

इस बड़े शहर में एक छोटा सा कॉस्मेटिक शॉप है मेरा। पति ने खोला था मेरे नाम पर। झुमकी श्रृंगार स्टोर। आज एक नया जोड़ा आया है मेरे दुकान पर।स्टाफ ने बताया कि सुबह से दूसरी बार आये हैं।एक कंगन इन्हें पसंद है पर इनके हिसाब से दाम ज्यादा है। इन्हें देख इस दुकान की … Read more

जादुई अंगूठी- अनुपमा

आयन छोटे से गांव से आया है , उसके मां पापा गांव मैं आई बाढ़ मैं अपना जीवन खो बैठे और अब आयन अनाथ है , आयन की मां की बहन आयन को अपने साथ शहर ले आती है , आयन के मां पापा हमेशा से आयन को अच्छी शिक्षा देना चाहते थे इसलिए आयन … Read more

जादुई दुनिया का जादुई स्कूल,,नौ साल,नौ कहर,, – सुषमा यादव

#जादुई_दुनिया   ,,,ये एक ग्रामीण बहुत ही पुरानी जर्जर हालत में हो चुके स्कूल की डरावनी कहानी है ,,, लेकिन हकीकत बयां करती सच्ची कहानी है,, ,,,मैं छिंदवाड़ा से ट्रान्सफर होकर इस नए शहर में आई,,जिस स्कूल में मेरी नियुक्ति हुई, वो बहुत ही पुराना स्कूल था,, यहां तक कि जो शिक्षक वहां पढे थे, कक्षा … Read more

अस्मिता* -सरला मेहता

अस्मिता, वैसे ही दुखी थी। बिन माँ बाप वाली अनाथ जो थी। रिश्तेदारों ने सेना के ऐसे सिपाही से विवाह करवा दिया जो अपना एक हाथ व टाँग युद्ध में गंवा चुका था। अमन को अच्छे खासे मुआवज़े के साथ हर माह पेंशन मिल जाती थी। चाँद सी बेटी तारा के आने से अस्मिता की … Read more

खिलौना – पूनम वर्मा

हम सपरिवार अपने एक रिश्तेदार के  पाँच वर्ष के बेटे की बर्थडे पार्टी में  गए थे जो एक बड़े होटल में रखी गई थी । हम तो वहाँ की चकाचौंध देखकर दंग रह गए ।  बड़े से हॉल में स्टेज गुब्बारों से सजा था । रंगीन बत्तियाँ जल रही थीं । गुब्बारों की तरह फूले … Read more

error: Content is protected !!