बेटियाँ… 

हाँ, बेटियाँ बदल जाती है,हर फरमाइश को पूरा करवाने वाली,  वो जिद्दी, बेटियाँ भी बदल जाती है,लेटेस्ट मोबाइल के वर्जन की दीवानी,  पुराने वर्जन के मोबाइल से संतुष्ट हो जाती,गोलगप्पे के लिये मचलने वाली बेटी,    अब खाने से पहले हाथ रोक देती,     किसी और को तो कुछ नहीं चाहिये,     हाँ, बेटियाँ बदल जाती है,     स्कूल … Read more

तुम पराया धन नही मेरा स्वाभिमान हो – अनुपमा

शुभी का फोन बज रहा था , उठा ही नही पा रही थी , सुबह सुबह इतना काम होता है ना घर मैं ,आकाश देख भी रहा था फिर भी उसने न ही तो फोन देखा न ही उसे लाकर दिया । खैर फ्री हो कर शुभी ने अपना फोन चेक किया सबसे पहले , … Read more

रोटी ने कहा – देवेंद्र कुमार

ढाबे में सुबह से आधी रात तक हाड़ तोड़ मेहनत करते हुए भोलू लगातार एक ही बात सोचता रहता है-आखिर मालिक रामदीन उसी पर इतना गुस्सा क्यों करता है। भोलू को उसका चाचा रामदीन के पास छोड़ गया था। भोलू की माँ गाँव में अकेली रहती है। भोलू के पिता नहीं रहे,रोटी का जुगाड़ मुश्किल … Read more

दूसरी संतान – पायल माहेश्वरी

रेवती को चिंता के साथ-साथ बहुत डर भी लग रहा था क्योंकि उसकी दूसरी संतान भी लड़की थी। ” इतना मत सोचो रेवती !! इस वक्त तुम्हारी सेहत पर असर पड़ेगा” डाॅक्टर नम्रता ने रेवती को समझाया। पर रेवती अनवरत रो रही थी” आप नहीं जानती डाॅक्टर नम्रता अभी मेरे ससुराल वाले मुझसे बुरा व्यवहार … Read more

कभी नहीं – -देवेंद्र कुमार

=========== रविवार को छोड़ कर बाकी हर सुबह भागमभाग से भरी होती है—खास तौर पर बेला के लिए। वह कई घरों में सफाई का काम करती थी, और हर परिवार चाहता था कि सबसे पहले बेला उनके घर में सफाई का काम पूरा करे। इसलिए वह हर समय हडबडी में रहती थी। काम पूरा करते … Read more

 मेरी बेटियां – प्रीती सक्सेना

#बेटियां _हमारा _स्वाभिमान  ,    बेटी,,, शब्द सुनते ही होठों पर मुस्कान आ जाती है, क्योंकि, मां का प्रतिबिम्ब होती है बेटी,,, जितना एक बेटे का,, परिवार में होना जरुरी है,, उतना ही परिवार को पूर्ण करने हेतु बेटी का होना जरुरी है,, पिता की शान है ,,, भाई की आन है बहन,,और मां की आत्मा … Read more

सुख की परिभाषा – निभा राजीव “निर्वी”

“अब क्या बताऊं तुझे, कल रात से ही मूड खराब है मेरा। चल माना, कि अमित बहुत बड़ा इंडस्ट्रियलिस्ट नहीं है पर एक अच्छा खासा बिजनेस तो है ही उसका। और ऐसा क्या मैंने चांद तारे लाने को बोल दिया। इतना ही तो कहा था कि एक हल्का सा हीरों का सेट दिला दो जन्मदिन … Read more

प्रहार एक प्रतिभा पर – ज्योति अप्रतिम

निमिषा आज अत्यधिक उदास थी। रह रह कर आँखें भर कर आ रहीं थीं।पिछले दो सालों का घटनाक्रम उसकी दिमाग में चलचित्र की तरह घूम रहा था। मैडम ,मेरी दो साल की ट्रेनिंग कम्पलीट होने या रही है।मुझे यहाँ नौकरी मिल जाएगी न ! ओह यस !योर अपॉइंटमेंट इज़ श्योर।लेट द रिजल्ट बी डिक्लेअर्ड एंड … Read more

भिखारी कौन? – अनुज सारस्वत

*********** “हे भगवान मेरा रोड का टेंडर पास हो जाये,मेरी बेटी की शादी मिनिस्टर के बेटे से हो जाये और मेरे बेटे को इलेक्शन का टिकट मिल जाये तो101 का प्रसाद चढांऊगा,सारी मनोकामनाएं पूर्ण करो भगवान “ मठठू सेठ मंदिर में खड़े होकर प्रार्थना कर रहा था यह,पूर्ण होने के बाद पंडित जी को अकड़ … Read more

समधन के चरण – ज्योति अप्रतिम

************** क्या बात है बहू ,जब हम तुम्हारे घर पहुंचे तो न तो तुम्हारी मम्मी हमें लिवाने आईं न ही उन्होंने हमारे पैर छुए। ओह मम्मीजी! लिवाने तो इसलिए नहीं आ पाई होंगी कि साथ पापाजी भी थे न!अब वे अपने समधी  से कहाँ बात करती हैं ? आप कह रही हैं कि उन्होंने आपके … Read more

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