सोहबत का असर – अर्चना कोहली ‘अर्चि

तुम्हारी सोहबत से ही मैं बदल पाया सीमा और रवि अपनी उच्च आकांक्षाओं के चलते देर रात तक काम में व्यस्त रहते। इस कारण उनके पास अपने इकलौते बेटे रमेश के लिए भी समय नहीं था। रमेश की देखभाल के लिए उन्होंने एक पूरे दिन की आया का इंतजाम कर दिया था। रमेश की पढ़ाई … Read more

चंडी – अनुज सारस्वत

“देख बेटा खाने पीने का ध्यान रखना वो पीले बैग को अपने पास रखना उसी में खाना पीना 9 घंटे की फ्लाइट है लंदन की।चेक इन अच्छे से कराना।बाकी चार भी है इसमें सो जाना ओढ़कर।” 18 वर्षीय स्वाति को एयरपोर्ट के गेट पर उसकी मम्मी गायत्री अपने अंदर के सैलाब को दबाते हुए उसे … Read more

सॉरी माँ – प्रीति आनंद अस्थाना

“पापा, आप आएँगे न आज पेरेंट टीचर मीटिंग में? टीचर जी ने आपको याद दिलाने बोला है।” रिया ने नाश्ते के वक्त रचित से कहा। “आऊँगा न, कितने बजे है ये मीटिंग?” “ग्यारह बजे से पापा।” “ओके “ हाफ़-डे ऑफ़ लेने की सोच ली है रचित ने। और आज तो ऐसे भी उसे स्कूल जाना … Read more

*स्वयंसिद्धा* – नम्रता सरन “सोना”

“बहू,देखना ज़रा ये तुम्हारा फ़ोटो है क्या ? शरद बाबू ने अपनी बहू प्रमदा को एक बहुत पुराना सा अख़बार दिखाते हुए पूछा। “जी, बाबूजी, ये मेरा ही है”प्रमदा ने मुस्कुराते हुए कहा। “बहू, तुम विवाह के पूर्व लिखती भी थीं, और वह भी इतना अच्छा, कितनी अच्छी कहानी छपी है तुम्हारी” ससुर जी खुशी … Read more

तीसरी बेटी – रीता मक्कड़

“मम्मी कहाँ हो आप,जल्दी से मुंह मीठा कराओ आज पहला दिन है न मेरे ड्यूटी जॉइन करने का..” जैसे ही अनिता ने अपनी बिटिया के मुँह में दही चीनी डाली उसने अनिता के पांव छू लिए ..साथ ही अपने पापा के भी। “अरे नही बिटिया..हमारे में बेटियां पांव नही छूती.. बस गले लग कर मां … Read more

बेटियाँ हमारी स्वाभिमान हैं। – पुष्पा पाण्डेय 

निर्मला तीसरी बार माँ बनने वाली है। सास तो चाहती है कि भ्रूण परीक्षण करवा ही लें, क्यों कि पहले से ही दो बेटियाँ हैं। पर निर्मला ने साफ मना कर दिया। ” नहीं माँ जी, मैं ने आपके दबाव में ही तीसरी कोशिश की। भ्रूण परिक्षण तो बिल्कुल नहीं। जो होगा वो मेरा अपना … Read more

मेरी बेटी मेरा गुरूर – ऋतु अग्रवाल

 नीलू रोज की तरह कोचिंग क्लास से वापस घर आ रही थी। शैलजा, प्रीति और नीलू बातों में इतनी मग्न थी कि उन्हें पता ही नहीं चला कि दो मोटर साइकिलों पर सवार कुछ लड़के उनका पीछा कर रहे हैं। थोड़ी देर में शैलजा और प्रीति अपने घर की ओर मुड़ गई और नीलू अकेली … Read more

पूर्वाभास – तरन्नुम तन्हा

मैं तेज चाल से कॉलेज की तरफ जा रही थी कि अचानक वह मेरे सामने आ गया। दो दिन पहले वह एक दोस्त के साथ मुझे इसी जगह पर छेड़ रहा था, और हमेशा की तरह मैं उसकी तरफ ध्यान न देकर चलती जा रही थी। लेकिन उस दिन मेरा हाथ पकड़ लिया था उसने। … Read more

डॉक्टर साहिबा – अनुपमा

राधे के पिताजी गांव के बड़े जमींदार थे बहुत ही कड़क स्वभाव के थे ठाकुर महेंद्र सिंह , काफी मन्नतों के बाद उनके पुत्र हुआ था जिसका नाम उन्होंने राधे रखा था , बच्चे तो उनके और भी हो सकते थे पर हुए नही क्योंकि उनको दुनिया मैं आने से पहले ही अलविदा कर दिया … Read more

कीमत – मीनाक्षी चौधरी

शाम को खाना खाने के बाद मैं रोज ही टहलते हुये आइसक्रीम खा कर आती और चैन से सो जाती। ये सिलसिला लगभग एक महीने से चल रहा था। ऐसा लगता था जैसे मुझे आइसक्रीम खा कर चैन सा मिलता है, या शायद लत लग गयी थी। मुझे खबर भी न हुयी कि एक नन्हा … Read more

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