भीख नहीं दुआ – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi
गली और सड़क का वह दोराहा ।संकरी गली से बेहद कठिनाई से जब मैं अपनी कार निकाल कर सड़क के उस दोराहे पर पहुंचता वह स्त्री झट से अपना आंचल पसार कर खड़ी हो जाती।बेहद चिढ़ से मै कार का शीशा उपेक्षा से चढ़ाकर तेजी से आगे बढ़ जाता था। अक्सर वह मुझे वहीं खड़ी…
यह किसी को नहीं भूलना चाहिए कि भगवान सबकुछ देख रहा है – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi
हाथ मत लगाना मेरे बच्चों को मां जी आप तो मेरे बच्चे को खा ही गई थी। डॉक्टर के पास ना ले जाती तो पता नहीं आज मेरे बच्चे का क्या हो जाता ।कुछ तो डरो भूमिका कैसी बात कर रही हो मेरा पोता है मेरे घर का चिराग है। इतनी मिन्नतें की है भगवान…
माँ-बेटी का रिश्ता – रेनू अग्रवाल : Moral Stories in Hindi
रीना की बेटी प्रज्ञा एक सीधी-सादी, शांत स्वभाव की लड़की थी। बचपन से ही उसने कभी झूठ नहीं बोला था। रीना को उस पर आंख बंद करके भरोसा था। प्रज्ञा अपनी माँ से हर छोटी-बड़ी बात साझा करती थी — चाहे वह स्कूल की परेशानी हो, कोई दोस्ती का किस्सा, या दिल की कोई उलझन।…
वक़्त से डरो – गीता यादवेन्दु : Moral Stories in Hindi
किसी समय राजा-महाराजाओं जैसी शान रखने वाले गाँव के ज़मींदार व्यापारी सज्जन कुमार आज खाट पर पड़े पड़े मृत्यु का इंतज़ार कर रहे हैं । उनकी सेवा-सुश्रुभा करने वाले नौकर-चाकर भी परेशान हो गए हैं और कुड़ कुड़ कर देखभाल के नाम पर बस रसमअ दायगी करते हैं । “कब तलक गोड़ रगड़ेगो सज्जना अब…
पत्थर दिल – अंकित चहल : Moral Stories in Hindi
हे भगवान कैसे पत्थर दिल आदमी से शादी हुई है। मेरा तो भाग्य ही ख़राब है। इस आदमी को मेरी भावनाओं की कोई कद्र नहीं। रश्मि लगातार बोले जा रही थी, अतुल चुपचाप आॅफिस के लिए तैयार हो रहा था। रश्मि और अतुल काॅलेज के समय से ही दोस्त थे, रश्मि अतुल को पसंद करती…
बहू के मायके से आए लडडू !! – स्वाती जैंन : Moral Stories in Hindi
सुनीता जी ने पुरी रसोई छान मारी मगर उन्हें कहीं बेसन का डिब्बा नजर नहीं आया , उनके पति मुकेश जी को बारिश के मौसम में पकोडे खाने का बहुत मन कर रहा था , वे बाहर बरामदे में बैठे पकोड़ो और चाय का इंतजार कर रहे थे !! सुनीता जी को याद आया कि…
“कर्मा लौट कर आते हैं।” – ज्योति आहूजा : Moral Stories in Hindi
सुबह की हल्की धूप में, मालती जी सब्ज़ी खरीदने निकली थीं। घर के कामों की जल्दी, फोन पर बेटी की कॉलेज फीस की चिंता, और पास वाले प्लंबर की बकाया रकम का हिसाब — सब एक साथ दिमाग में घूम रहा था। वो हड़बड़ाहट में सब्ज़ी वाले को पैसे देकर आगे बढ़ गईं। दोपहर में…
आंचल पसारना – सीमा सिंघी : Moral Stories in Hindi
मानसी की शादी के कुछ दिन बाद ही भाई रमन की किसी बात को लेकर उस से अनबन हो गई ! यूं तो मानसी अक्सर अपने भाई रमन को याद करती रहती थी मगर दो दिन बाद ही राखी का त्यौहार था ! उसे रह रहकर अपने भाई रमन की बहुत याद आ रही थी…
वक्त से डरो – विधि जैन : Moral Stories in Hindi
अरे! क्या हुआ इतनी रात में लगभग चार-पांच दोस्त रमेश को लेकर घर आए …देवकी डर गई मेरे पति को क्या हो गया है? रमेश कभी किसी की बात नहीं सुनता था बहुत जिद्दी प्रवृत्ति का था। देवकी कई बार उसे सचेत कर रही थी कि तुम वक्त से डरो !अपने ऊपर ध्यान दो अपने…
- बेटी, बहन, बुआ – विमला गुगलानी : Moral Stories in Hindi
- भीख नहीं दुआ – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi
- यह किसी को नहीं भूलना चाहिए कि भगवान सबकुछ देख रहा है – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi
- माँ-बेटी का रिश्ता – रेनू अग्रवाल : Moral Stories in Hindi
- वक़्त से डरो – गीता यादवेन्दु : Moral Stories in Hindi
- #अब तो पड़ जाएगी ना , तुम्हारे कलेजे में ठंडक
- #अस्तित्व
- #आंसू बन गए मोती
- #उपहार की क़ीमत नहीं, दिल देखा जाता है
- #एक माफी ने रिश्ते को बिगड़ने से पहले ही बचा लिया
- #कठपुतली
- #तिरस्कार कब तक
- #तुम्हें बहू नहीं चलता फिरता रोबोट चाहिए
- #देखो तुम्हारी चिंता तो जायज है
- #पत्थर दिल
- #बहू यह मत भूलो कि भगवान सब देखता है
- #मत भूलो की ये भी मेरा परिवार है
- #मन की गांठ
- #माँ के आँसूओ का हिसाब
- #रिश्तों की मर्यादा
- #लघुकथा
- #वक़्त से डरो
- #विश्वास की डोर
- #शुभ विवाह
- #समझौता अब नहीं
- #सास को बहू की तकलीफ नहीं दिखती है
- #स्नेह का बंधन
- #हाय राम! मेरी तो तकदीर ही फूट गई जो ऐसी बहू आई
- Emotional Kahaniya
- Moral Stories in Hindi
- Short Story in Hindi
- Uncategorized
- पत्नी तो वह बन गई थी पर बहू और भाभी आज बनी है
- सम्मान की सूखी रोटी
- संयुक्त परिवार
- हमारा बुरा वक़्त हमारे जीवन की दिशा बदल देता है