लड़कों के साथ बेड टच – प्राची अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

मम्मी में स्कूल नहीं जाऊंगा, स्कूल नहीं जाऊंगा। छोटा सा बच्चा माधव नींद में चिल्ला रहा था। 

माधव की मम्मी नेहा को बड़ी विचित्र लगी उसकी यह हरकत। ऐसा तो पहले माधव ने कभी नहीं किया नींद में।

माधव तो 5 साल से लगातार स्कूल जा रहा है। पढ़ने में भी खूब अच्छा है। कभी स्कूल जाने में नखरे भी नहीं करता है। पिछली क्लास में भी टॉप आया था। 

नेहा ने माधव को प्यार से उठाकर पूछा, “क्या बात है माधव बेटा। डर क्यों रहे हो? 

माधव अपनी मम्मी से लिपटकर बहुत तेज रोने लगा‌। उसका शरीर गर्म भी हो रहा था। नेहा ने देखा तो उसे बुखार भी था। नेहा ने बहुत प्यार से पुचकार कर उससे पूछा। तब माधव ने बताया, “आज कंप्यूटर वाले सर ने सारी क्लास के सामने उसको बहुत डांटा। सर समझ रहे थे कि मैंने बातें की है।

पर मम्मी मैंने कोई बात नहीं की थी। सर ने पूरी क्लास के सामने कहा, “तुम्हें नंगा कर देंगे।” सर ने  पूरी क्लास के सामने मेरी पेंट की बेल्ट भी खोल दी। पूरी क्लास मुझ पर बहुत जोर से हंस रही थी। मैं बहुत डर गया। मैंने सर से बहुत सॉरी करी। जब उन्होंने मुझे छोड़ा। मम्मी मैं अभी स्कूल कभी नहीं जाऊंगा।” माधव रोते-रोते बोला।

नेहा माधव की बात सुनकर एकदम सुन्न हो गई। उसे संदेह हुआ। दाल में जरूर कुछ काला है। उसने अपने पति नितिन को तुरंत सारी बातें बताई। आपस में सलाह मशविरा कर दोनों पति-पत्नी अगले दिन बच्चों को लेकर स्कूल पहुंचे। पहले तो प्रिंसिपल ने व्यस्तता की बात कह कर उनको टालना चाहा।

लेकिन जब उन्होंने लिखित में स्टेटमेंट दिया तब प्रिंसिपल ने उन्हें मीटिंग के लिए बुलाया। टीचर को भी बुलाया  गया। टीचर अपनी बात से साफ मुकरते हुए बोला, “नहीं ऐसी कोई बात नहीं थी। बच्चा बहुत शैतान है। क्लास में ज्यादा शैतानी करता है। मैं तो बस इसको जरा डरा ही रहा था। वैसे भी यह तो लड़का है।”

बच्चों की मम्मी नेहा टीचर को कड़ी निगाह से देखकर बोली, “आपका यह व्यवहार बैड़ टच की श्रेणी में आता है। क्या आप गुड  और बेड टच के विषय में नहीं जानते हैं।

आपकी इस हरकत से बच्चों के मन पर कितना प्रभाव पड़ा है।”

टीचर घिघियाते हुए बोला, “लड़कों के साथ कोई बेड टच थोड़ी होता है।” नेहा को उसकी बात बड़ी अटपटी लगी। नेहा गरज कर बोली। होता है, लड़कों के साथ भी बैड़ टच होता है।”

नेहा की बात सुनकर टीचर अपनी गलती मानने लगा। 

लेकिन नेहा उसे माफ करने को तैयार नहीं थी। क्योंकि आज यह वारदात उसके बच्चे के साथ हुई है कल किसी और बच्चे के साथ भी हो सकती है। इसलिए उसने तुरंत फैसला किया स्कूल प्रशासन से मिलने का। अगर जरूरत पड़ी तो वह पुलिस कंप्लेंट भी करेगी।

गलत बातों की छोटी सी अनदेखी कभी-कभी बहुत भारी पड़ जाती है। 

प्राची अग्रवाल 

खुर्जा उत्तर प्रदेश

दाल में काला होना मुहावरा आधारित लघु कथा

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