पायल भाभी, राखी आ रही है, आप अपने मायके भाई को राखी बांधने नहीं जा रही हो क्या ? पड़ोस में रह रही रीना ने एकदम से पूछा तो पायल झेंप गई। नहीं, मैं नहीं जा रही हूं!! मेरा कोई भाई नहीं है, होता तो मैं जरूर जाती.. और ये कहकर पायल अंदर चली गई। पायल सोचने लगी कि कैसे उसके प्यार की कसमें उसके मम्मी -पापा के प्यार के आगे बड़ी हो गई थी, वो विजय के प्यार में इतना डूब गई थी कि अपने मायके वालों का प्यार भुला बैठी थी, पर अब पछताने के सिवा और कर भी क्या सकती थी।
फिर से वो अपने पुराने दिनों में खो गई। घर में हंसी ख़ुशी का माहौल रहता था, पापा -मम्मी और भाई की दुलारी पायल सबके दिलों पर राज करती थी, सारी सहेलियां उसकी खूबसूरती से जलती थी तो कॉलेज के लड़के उस पर मरते थे, पर उसे किसी अच्छे से सपनों के राजकुमार की तलाश थी, और वो उसी के दिन-रात सपने देखा करती थी। कॉलेज में कुछ दिनों पहले ही उसकी कक्षा में विजय आया था। विजय की कद-काठी और बात करने के अंदाज से वो मोहित हो गई थी, और जब भी विजय कक्षा में आता था तो वो चुपके से उसे निहारा करती थी, विजय भी उसकी खूबसूरती का कायल हो गया था, दोनों में बातें होने लगी और मुलाकातें बढने लगी और दोनों में प्यार हो गया… कॉलेज का दूसरा साल चल रहा था,
दोनों की परीक्षाएं नजदीक आ रही थी, दो महीने से भी कम बचे थे, एक रात विजय का फोन आता है कि मैं तुमसे अभी मिलना चाहता हूं हम मंदिर मे शादी कर लेंगे, फिर साथ ही मिलकर परीक्षा देंगे। विजय की बात सुनकर पायल चौंक जाती है, लेकिन विजय शादी के लिए तुम्हें मेरे पापा से मिलना होगा, और मैं पूरे समाज के सामने तुमसे शादी करना चाहती हूं, पहले पढ़-लिखकर कुछ बन जाओं, अभी शादी में बहुत समय है, लेकिन विजय कहां मानने वाला था वो रोज बोल-बोलकर पायल को उकसाता रहता था, आखिर पायल को भी लगने लगा था कि अब दूर नहीं रहा जायेगा। परीक्षाओं से एक महीने पहले विजय पायल के पापा से मिलने आता है और शादी की बात कहता है। ये सुनते ही पायल के पापा उसे समझाते हैं, बेटा शादी कोई खेल नहीं है,
एक जिम्मेदारी है। तुम तो अभी खुद ही पढ़ाई कर रहे हो, तुम्हारे करियर का कुछ पता नहीं है, तुम मेरी बेटी को खिलाओगे क्या? रखोगे कहां? और तुम्हारे घरवाले रिश्ता लेकर क्यों नहीं आयें? उन्होंने आश्चर्य से पूछा। विजय कोई संतुष्ट उत्तर नहीं दे पाया, तो उन्होंने भी कह दिया कि पायल ये लडका बहुत बड़ा धोखेबाज हैं, ये तुम्हारे लायक नहीं है। इससे बचकर रहना, ये तुम्हारी जिंदगी बर्बाद कर देगा, और इस लड़के से मैं तुम्हारी शादी कभी नहीं होने दूंगा। लेकिन पायल पर विजय के प्यार का खुमार चढ़ चुका था, वो उसी से शादी करना चाहती थी।
विजय पापा ने मना कर दिया, पर तुम्हारी पढ़ाई तो पूरी नहीं हुई है तो हम खायेंगे क्या? और तुमने बताया कि तुम्हारे घरवाले तुमसे नाराज हैं, आखिर क्यों? पायल मै कमाता नहीं हूं ना इसीलिए… हमारा बहुत बड़ा व्यापार है, लेकिन मैं पढ़कर अपनी पहचान बनाना चाहता हूं, अपने दम पर अपनी जिंदगी जीना चाहता हूं और जब पापा को मेरी पढ़ाई की बात पता चली तो वो मुझसे नाराज हो गए हैं, इसलिए मेरी बुआ मेरी पढ़ाई का खर्च उठा रही है, मैं जिस दिन कुछ बन जाऊंगा, उस दिन अपने घर जाऊंगा। लेकिन हम शादी के बाद कहां रहेंगे?
इस तरह शादी करेंगे तो लोग क्या कहेंगे? तुम लोगों की चिंता मत करों, कुछ तो लोग कहेंगे, वो खीझकर बोला। बुआ के घर में रहेंगे। पायल उसके बहकावे में आकर उसके साथ भाग जाती है और मंदिर में शादी कर लेती है, और दोनों दूसरे शहर में चले जाते हैं, जहां उन्हें कोई नहीं जानता था। विजय उसे अपनी बुआ के घर लाया था, पूछने पर पता चला कि बुआ किसी रिश्तेदार की शादी में गई है, लंबे समय बाद आयेगी। दो दिन निकले थे, एक दिन घर में एक महिला आई। उसे देखते ही पायल ने प्रणाम किया उसे लगा कि वो विजय की बुआ है,
पर वो महिला उसे बस देखकर चली गई, कुछ बोली नहीं। विजय वो कौन थी? बुआ जी कब आयेगी? अब तो मुझे यहां बहुत अजीब लग रहा है, सब लोग मुझे घूरकर क्यों देखते हैं, कुछ समझ नहीं आता है। अब नई दूल्हन को तो सब देखते हैं, हम भी तो इसी रूप से घायल हुए हैं, वो शायराना अंदाज में बोला। वो बुआ की सहेली थी जो तुम्हें देखने आई थी। विजय हमारी पढ़ाई का क्या होगा? हमने जोश में शादी तो कर ली पर अब तुम जो आगे पढ़ना चाहते हो उसका क्या होगा? पायल ने पूछा तो विजय बोला, अभी तो हमारी शादी हुई है,
और तुम पढ़ाई और करियर मे लगी हुई हो, अभी तो हमारे रोमांस के दिन है, फिर बुआ सब संभाल ही लेगी। अगली सुबह विजय किसी काम से चला जाता है, तो पड़ोस में रहने वाली लड़की रीना आती है, और कहती हैं भाभी मैं एक लड़के से प्यार करती हूं पर घरवाले मेरी शादी उससे नहीं करना चाहते हैं। किस वजह से करना नहीं चाहते हैं? पायल ने सवाल किया। भाभी, वो कुछ काम नहीं करता है, उसके परिवार का भी पता नहीं है, कह रहे थे, अनजान लडके से कैसे शादी कर दें…
तो मैं और वो घर से भागने की योजना बना रहे हैं,आप मेरा साथ दोगी ना, उसने कहा… फिर पूछा वैसे आप तो विजय भैया की भाभी हो ना? यहां कब तक रहोगी? मैं विजय की भाभी ये तुम्हें किसने बताया? पायल ने आश्चर्य से पूछा। विजय भैया ने ही बताया था, जब वो मम्मी से ये घर किराये पर ले रहे थे, अभी कुछ महीने पहले भी उनकी एक ओर भाभी आई थी, आप लोग तीन -चार देवरानी जेठानी हो क्या? सच में विजय भैया सबका कितना ख्याल रखते हैं, पर वो खुद कब शादी करेंगे? ये सुनते ही पायल के पैरों से जमीन सरक जाती है, इसका मतलब विजय यहां हर तीन-चार महीने में एक लड़की लाता है, तो फिर वो लडकी जाती कहां है? और वो औरत जो विजय की बुआ की सहेली है, वो भी मुझे शक्ल से गड़बड़ लग रही थी।
पायल सारा मांजरा समझ जाती है कि विजय हर बार नई लड़की को प्रेमजाल में फसाता है और उस महिला के सुपुर्द कर देता है। भाभी आप कहां खो गई हो? रीना ने झकझोरा तो पायल का दिमाग दौड़ा। रीना, मैं तुझे अपनी छोटी बहन मानती हूं, तू वहीं शादी करना जहां तेरे मम्मी-पापा कहें, क्योंकि घर से भागने वाली लड़कियों को बहुत कुछ सहना होता है, वो कहीं की भी नहीं रहती है। ससुराल वाले उसे अपनाते नहीं है ये कहते हैं कि जो अपने मम्मी-पापा की सगी नहीं हुई तो वो हमारी क्या होगी?
मायके के दरवाजे उसके लिए हमेशा के लिए बंद हो जाते हैं। रीना, मै विजय की पत्नी हूं,भाभी नहीं हू। हम दोनों ने मंदिर में शादी की थी पर विजय ने अपने घरवालों से मुझे आज तक भी नहीं मिलाया है, क्योंकि उसके घरवाले उससे नाराज हैं। रीना बोल पड़ी, भाभी विजय भैया तो बता रहे थे कि वो अनाथ है, उनका इस दुनिया में कोई भी नहीं है। ये सुनकर पायल को पक्का विश्वास हो गया कि वो विजय जैसे धोखेबाज के चंगुल में फंस चुकी है, वो रीना को कहती हैं कि मेरी बहन, ये उम्र बड़ी कच्ची होती है, हमारे अन्दर सोचने की इतनी शक्ति नहीं होती है। हम सिर्फ सपनों में रहते हैं, हमारा भला -बुरा हमारे माता-पिता सोचते हैं, उन्हें अनुभव होता है। वो एक नजर से इंसान को परख लेते हैं, अपने बच्चों का हर माता-पिता भला ही चाहते हैं,
इसलिए तू घर से भागने की गलती कभी मत करना, वरना कहीं की भी नहीं रहेगी। मेरा भाई सही कहता है, प्यार चार दिन का होता है। ज़िन्दगी में प्यार जरूरी है पर साथ में विश्वास और स्थिरता भी जरूरी है। केवल प्यार से पेट नहीं भरता है, केवल पति से परिवार नहीं चलता है, जीवन चलाने के लिए मायके और ससुराल के सभी रिश्ते चाहिए होते हैं। मैं भी घर से भागी हूं पर अब मै कहीं की नहीं रही, अपनी नादानी के कारण मैंने अपनी ही इज्जत गंवा दी है, अब लग रहा है जीवन में अंधेरा हो गया है। तू चली जा विजय आता ही होगा, मन कर रहा है भाग जाऊं? पर मम्मी -पापा भाई मुझे माफ करेंगे क्या? परिवार वाले मुझे अपनायेंगे या नहीं, पायल बड़ी उदास हो गई। उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था, तभी दरवाजे की आहट सुनाई दी, विजय आ रहा था,
उसे दूर से देखकर रीना चली गई। विजय पायल से कहता है कि कल बुआ शादी से वापस आ रही है, हम दोनों उन्हें लेने रेलवे स्टेशन चलेंगे। विजय मुझे कुछ सामान खरीदना है, हम बाजार चलें क्या? पायल ने घर से बाहर जाने की नीयत से पूछा तो विजय ने मना कर दिया। क्या जरूरत है बाजार जाने की ? कल जब बुआ को लेने चलेंगे तब सामान ले लेंगे, रात को विजय बाहर फोन पर बात कर रहा था कि मैं लड़की को लेकर कल आता हूं, मुझे मेरे पैसे चाहिए वो तैयार रखना, ये सुनकर पायल को अपनी मूर्खता पर बड़ा पछतावा होता है। रात को विजय सो जाता है तो वो रीना से कहकर पुलिस में फोन लगवा देती है और अपने मम्मी-पापा और भाई को भी वहां पर बुला लेती है, क्योंकि उसके पास तो मोबाइल नहीं होता है, पहले वो झिझक रही थी कि अगर मायके वालों को फोन करेगी तो वो उससे गुस्सा है तो आयेंगे ही नहीं, और लोग भी क्या कहेंगे?
पर वो हिम्मत करके सारी बातें बता देती है। पायल के मम्मी पापा बतायें स्थान पर आ जाते हैं, और अपनी बेटी को गले लगा लेते हैं। पुलिस विजय को गिरफ्तार कर लेती है। हमने विजय को दबोच लिया है, लेकिन इसके खिलाफ गवाही कौन देगा? मै दूंगी, इसने मेरे साथ जाने कितना बड़ा धोखा दिया है,मुझसे पहले भी धोखा दिया था और अब ना जानें मेरे बाद कितनी लड़कियों को और अपना शिकार बनायेंगा।
पायल समाज में तेरी पहले ही बदनामी हो चुकी है तो अब और बदनामी फैल जायेगी… विजय गिरफ्तार हो गया है और तू मुझे मिल गई है तो हमें और कुछ भी नहीं चाहिए, उसके मम्मी -पापा ने समझाना चाहा। पापा, अब मै बदनामी से नहीं डरती हूं, इसकी आदी हो गई हूं, फिर कुछ तो लोग कहेंगे पर मै इस इंसान को सजा जरूर देना चाहती हूं, चाहें कितना भी समय क्यों ना लग जाएं। मैंने विजय पर विश्वास किया, अब जाकर पता लगा कि विजय कितना थोखेबाज है !! पापा आपने एक मुलाकात में विजय को पहचान लिया, मुझे आप पर भरोसा करना चाहिए था, और मैं धोखा खाकर इसे पहचान पाई हूं,
अपने अनुभव से सही थे, मुझे घर से भागकर कुछ हासिल नहीं हुआ बल्कि जीवन से ही विश्वास उठ गया है। मेरी पढ़ाई अधुरी रह गई है, मेरा करियर नहीं बन पाया है, मेरी जिंदगी बर्बाद हो गई और पायल रोने लगी। मुझे भागकर शादी करने से कुछ हासिल नहीं हुआ, ना परिवार मिला, ना ससुराल, ना रिश्ते मिले, ना ही सम्मान और इज्ज़त की जिंदगी मिली… ना ही खुशी मिली, बल्कि जो कुछ मेरे पास था वो भी चला गया है। पायल अभी भी कुछ नहीं बिगड़ा है, जब जागो तभी सवेरा होता है!! तू अपनी पढ़ाई फिर से जारी रख सकती है,
अपने पैरो पर खड़ी हो सकती है, और लड़कियों की तरह तू भी घर से भागी है, पर भागने वालों को कोई ठिकाना नहीं मिलता है। तू अभी घर चल, दस दिन बाद से तेरी परीक्षाएं है, परीक्षा की तैयारी करेगी तो इन सब को एक झूठा सपना समझकर सब कुछ भुल जायेगी। पायल घर आ जाती है। कोर्ट में उसे गवाही देने बुलाते हैं, वो निडर होकर गवाही देती है और सारे सबूत भी दे देती है। कुछ महीनों बाद कोर्ट विजय को सजा देता है ताकि आगे किसी ओर लड़की का जीवन बर्बाद ना हो। पायल सबको हाथ जोड़कर कहती हैं,
मेरी आप सबसे विनती है कि दो दिन के प्यार के चक्कर में बरसों की मां की ममता और पिता के दुलार, भाई-बहन के स्नेह को ना भुला दें, घर से भागकर कभी शादी ना करें… प्यार हो जाता है स्वाभाविक है, अगर किसी को पसंद भी करते हो, तो उसके घर परिवार की भी छानबीन करें, लड़के का करियर देखे, क्योंकि जिंदगी केवल दो दिन के प्यार से नहीं चलती है। अपने मम्मी-पापा को हर चीज खुलकर बतायें, अगर उन्हें किसी भी लड़के में कोई भी कमी लगती है तो ये समझ लेना कि ये लडका हमारे काबिल नहीं है,
क्योंकि माता-पिता के पास अनुभव और पारखी नजर होती है, और वो अपनी संतान का सिर्फ भला और भला ही चाहते हैं, संतान के प्रति उनका प्यार सदैव बना रहता है, उनके बच्चे चाहें कितनी भी गलतियां क्यों ना कर दें, वो हमेशा माफ कर ही देते हैं।
पायल की बात से तालियां बज उठती है, वो अपनी परीक्षाओं की तैयारियां करती है, और एक दिन जब उसे सफलता मिलती है तो वो जीवन को नये दृष्टिकोण से देखने लगती है।
पाठकों, बच्चों की एक उम्र होती है, जब वो प्यार के चक्कर में आ जाते हैं, उस समय माता-पिता ध्यान दें और सही राह दिखायें तो वो भटकने से बच सकते हैं, क्योंकि माता-पिता का फैसला हमेशा सही और बच्चों के भले के लिए ही होता है। एक बार ठोकर खाकर दोबारा संभला जा सकता है, कुछ तो लोग कहेंगे, लोगों की चिंता ना करके अपने आपको दूसरा अवसर जरूर देना चाहिए।
धन्यवाद
लेखिका अर्चना खण्डेलवाल