मुलाकात – आरती मिश्रा : Moral Stories in Hindi

“सीढ़ियों पर बढ़ते कदम अचानक से सुमन ने रोक लिए और दबे पांव नीचे चली आई थीं। ” रोज की तरह ही  मोबाइल में खो गई । मगर ध्यान था ऊपर के कमरे से आती आवाजों पर । सोचने लगी अच्छा किया कि आधी सीढ़ियों से ही वापस मुड़ आई ।इतना सुखद क्षण अब कभी … Read more

ये धन -सम्पत्ति ना अच्छे-अच्छों का दिमाग खराब कर देती है – प्रतिमा श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

शानो-शौकत से भरी जिंदगी थी ठकुराइन की।कलफ लगी साड़ी पहनकर पान का बीड़ा मुंह में दबाए जहां से निकलती सब सम्मान में सिर झुका कर प्रणाम करते और वो भी दो मीठे बोल बोलकर सभी का हालचाल पूछा करती थीं। ठाकुर साहब नहीं रहे तो भी उन्होंने गांव छोड़कर बच्चों के साथ विदेश जाने से … Read more

कड़वी जुबान- नफरत की दुकान – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

 दिल्ली के आदर्श नगर के एक मोहल्ले में आज बहुत हलचल थी क्योंकि उसे मोहल्ले के एक घर में रहने वाली सितारा, जो की पांच  भाई बहनों में सबसे छोटी थी,वह विवाह के तीन वर्ष बाद ही विधवा हो गई थी।        उसके पति केशव का हार्ट फेल हो गया था। सितारा की उम्र का अभी … Read more

चिरैया – प्रतिमा श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

सुजाता जी अकेली रह गई थीं घर में। संतान का सुख मिला नहीं था और महेश जी भी इस उम्र में हांथ छुड़ा कर चले गए थे। इंसान जन्म लेते ही अपनी आयु सीमा तय कर के ही पृथ्वी पर आता है। किसी ना किसी को तो जाना ही पड़ता है। जीवन और मृत्यु का … Read more

एक माफ़ी ने बिगड़ने से पहले रिश्ते सुधार दिए। – निमिषा गोस्वामी : Moral Stories in Hindi

सुहानी ए सुहानी सुनो अरे सुनो भी यार सौरभ ने सुहानी को पीछे से आवाज़ दी।हां बोलो क्या है? मुझे नहीं करनी अब कोई बात जाओ हटो यहां से सुहानी ने सौरभ का हाथ झटकते हुए कहा।असल में सौरभ और सुहानी दोनों स्कूल के समय के दोस्त हैं जो  कॉलेज में भी साथ-साथ ही पड़ते … Read more

नफरत की दीवार – चंचल जैन : Moral Stories in Hindi

राघव, राधिका और मानव बचपन के दोस्त थे। साथ-साथ पढ़ते, खेलते, इधर-उधर घुमते, धमाचौकडी करते। न उनको चिंता थी, न उनके घरवालों को। निश्चल मैत्री की खुशबू सबके मन को आह्लादित करती। सबके परिवार में सरस प्रेमभाव था। एक दूजे के सुख-दुख में वे हमेशा साथ रहते। राघव, राधिका मेहनती थे। मन लगाकर पढ़ाई करना, … Read more

गुड नाइट डायरी – चाँदनी झा : Moral Stories in Hindi

“तुमने जो सूरज को लेकर अपने मन में “नफ़रत की दीवार” खड़ी कर ली है, क्या वो सही है? सूरज मेरा दोस्त बाद में बना, पहले वो तुम्हारा दोस्त है। तुमको मेरे और सूरज के रिश्ते में शक है? तो,…मुझसे भी नफ़रत होनी चाहिए। ये क्या दोहरापन है, उसको म्यूट कर रखा है, अनफ्रेंड कर … Read more

ममता का दायित्व – रश्मि वैभव गर्ग : Moral Stories in Hindi

कृष्णकली नाम था उसका ..प्यार से सब कली ही बुलाते थे। ग़रीबी के साये में ही आँख खोली थी उसने। कली अपने माँ बाप की सबसे बड़ी संतान थी।उससे छोटी तीन बहिनें और थी। जीवन की कठिनाइयों में शिक्षा प्रायः गौण ही हो जाती है। दसवीं की परीक्षा में कली पूरक आई थी। पिता पर … Read more

‘एक माफी और ढेर स्नेह’ – अन्जना मनोज गर्ग : Moral Stories in Hindi

     नयी-नयी शादी हुयी थी कनिका की। पगफेरे की प्रथम रस्म के साथ ही पति देवेश के साथ वह शहर आ गयी थी साथ में सासूमाँ भी आयी थी ताकि आधुनिक कान्वेंट शिक्षित कनिका को घर सँभालना सिखा सकें। सासूमाँ गाँव की भोली-भाली अपने उसी पुराने और सरल तरीके से काम करने वाली महिला थी। आजकल … Read more

दोस्ती – लतिका पल्लवी : Moral Stories in Hindi

 मधु, मालती दोनों पक्की सहेली थी। लगता था जैसे इन दोनों के बीच में “और” लगाना ही नहीं है,एक का नाम लो तो दूसरे का नाम अपनेआप मुँह पर आ जाता था। उनका कोई भी काम एक दूसरे के बगैर होता ही नहीं था। जब सहेलियाँ है तो स्कूल कॉलेज तो साथ जाएंगी ही परन्तु … Read more

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