यह धन संपत्ति ना अच्छे अच्छे का दिमाग खराब कर देती है – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

चल ना यार अमित… कब तक ऐसे ही बैठा रहेगा कितने दिन हो गए अरे जब भाभी को तेरी फिक्र नहीं है तो तू क्यों उसकी याद में मरा जा रहा है चल आज दोनों दोस्त बैठकर कहीं रात भर जश्न मनाएंगे! राहुल और अमित दोनों बहुत अच्छे दोस्त थे दोनों अलग-अलग कंपनी में काम … Read more

रिश्तों की मिठास – मनीषा भरतिया : Moral Stories in Hindi

अनुभव सुनो संगीता दीदी का फोन आया था वह लखनऊ से कोलकाता आ रही है ….  जीजाजी और बच्चों के साथ….१० दिन हमारे साथ ही रहेगी.. उन्होंने आपको भी फोन किया था….. पर आपने अच्छे से बात नहीं की…. यह ठीक नहीं है माना हमारे रिश्तों में दरार आ गई है…..  उन्होंने सालों से हमारे … Read more

जुआ – एम पी सिंह : Moral Stories in Hindi

अगर आपसे पूछा जाये कि क्या आप जुआ खेलते हैं? तो यकीनन आपका जवाब होगा नही। क्योंकि जुआ के नाम से आपके ज़हन में केवल कैसिनो, प्लेइंग कार्ड्स, हॉर्स रेस, बेटिंग, सट्टा, मैच फिक्सिंग, लॉटरी टिकट आदि ही आयेंगे, पर हकीकत कुछ और भी है। बिना जुआ खेले जिंदगी आगे नहीं बढ़ती। शादी के लिये … Read more

आंखों में खटकना – डोली पाठक : Moral Stories in Hindi

अपनी योग्यता के अनुसार नौकरी नहीं मिल पाने के कारण पंकज ने कुछ दिन नौकरी किया और घर पर बैठ गया। जाने क्यों उसका इस तरह से घर पर बैठना घरवालों की आंखों में चुभने लगा। जो माता-पिता जन्म दिए थे वहीं उसे एक बदले हुए अंदाज में दिखने लगे। एक अदद नौकरी की तलाश … Read more

वॉलेट – रत्ना पांडे : Moral Stories in Hindi

अपने बेटे नितिन की शादी के बाद राधा बहुत ही ख़ुश थी, एक बहुत बड़ी जवाबदारी जो निपट गई थी। उसने अपने पति से कहा,;गौरव कितनी प्यारी जोड़ी है ना हमारे नितिन और नेहा की।हाँ राधा तुम बिल्कुल ठीक कह रही हो, ऊपर वाला बहुत सोच समझकर जोड़ियाँ बनाता है, जैसी हमारी जोड़ी है ।;क्या … Read more

धैर्य – लतिका पल्लवी : Moral Stories in Hindi

रीता को गुमसुम बैठी देखकर उसकी भाभी ने पूछा – क्या हुआ रीता यु उदास क्यों बैठी है? हूँ, कुछ सोच रही थी। क्या, राकेश भैया के बारे सोच रही है? भाभी ने पूछा। नहीं, भाभी अब उनके बारे मे सोचने के लिए क्या बचा है। रीता ने कहा।तब किसके बारे मे सोच रही है … Read more

अनबन – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

आपकी बहू तो बहुत प्यारी है गुड़िया जैसी सुंदर कहां से ढूंढ कर लाए हैं ये हीरे की कनी .. जो भी आता बहू मीनल की मुग्ध कंठ से प्रशंसा करता । मनोहर जी और सुमित्रा  बहुत गदगद हो रहे थे। घर की बैठक में विशाल नए सोफे पर मीनल को बिठा दिया गया था … Read more

रणचंडी – चंचल जैन : Moral Stories in Hindi

दीवाली का त्योहार था। घर द्वार वंदनवार सजे थे। रंगबिरंगी दीपमालाओं से घर रोशन हुए थे। आँगन में रंगोली सजायी थी। नये नये वस्त्र पहनकर बच्चें इतरा रहे थे। रोषणाई की जगमग, पटाखों की आवाज, आसपास से आती मिठाई की खुशबू। वैदेही और विशाल टुकुर-टुकुर देख रहे थे।  ” मां, हम भी मनाये दीवाली। देखो … Read more

दोस्ती की मिसाल – विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

     ” चाची..मैं कल दोपहर तक पहुँच जाऊँगा..।घर में सब कैसे हैं? चाचा की तबीयत..।” मानव की बात पूरी होने से पहले ही उसकी कुमुद चाची प्रसन्न-स्वर में बोली,” खुद ही आकर देख लेना..दीदी नहीं आ रहीं हैं?”    ” मानवी की परीक्षा खत्म होते ही मम्मी भी आ जायेंगी।अच्छा चाची प्रणाम!” कहते हुए उसने फ़ोन डिस्कनेक्ट … Read more

सुगंधभरी साँसें – सुधा भार्गव : Moral Stories in Hindi

शहनाई बज रही थी ।एक दूसरे की सुगंध भरी साँसों की टकराहट से मन की वीणा के तार झनझना उठे। कमाल और स्वाति ने न जाने कब –कब में एक दूसरे के गले में जयमाला डाल दी । जाली के घूँघट में स्वाति की झलक मिलने से कमाल उसकी ओर टकटकी लगाए हुए था और … Read more

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