सच्चे रिश्तों का मूल्य – माधवी मूंदरा :  Moral Stories in Hindi

पन्नालाल जी एक परंपरागत व्यक्ति थे। वे अपने परिवार के साथ रहते थे—पत्नी, दो बेटे और उनकी बहुएँ। उनका बड़ा बेटा पढ़ाई-लिखाई में तेज़ था, ईमानदार और सादगी पसंद भी। पर जब उसकी शादी की बारी आई तो पन्नालाल जी के मन में समाज में ऊँचा दिखने और दहेज के लालच ने जगह बना ली। … Read more

बड़ी बहू – डाॅ उर्मिला सिन्हा :  Moral Stories in Hindi

सूरज की ऊंचाइयों में तृप्ति का आनंद है तो नियति के गहन टेढ़ी-मेढ़ी कंदराओं में भटकते भी देर नहीं लगती।समय बड़ा बलवान… परिस्थितियां एक सी नहीं रहती।    माही इस घर की बड़ी बहू बनकर आई थी। भरा-पूरा संयुक्त परिवार था। दादा-दादी, चाचा-चाची, बुआ फुफा उनके बाल-बच्चे और खुद के दो छोटी ननदें और एक देवर। … Read more

प्यार और तुमसे – अर्चना सिंह :  Moral Stories in Hindi

धनाभाव में पली – बढ़ी हुई थी मैं , लेकिन ईश्वर ने रूप देने में भी कटौती कर दी थी । एक तो रंग साँवला, हाइट कम और नाक भी चपटी । पर पढ़ने में अच्छी थी शायद इस वजह से भी लोग मुझसे दोस्ती करते थे । जिस दिन ग्रेजुएशन का आखिरी पेपर था … Read more

“हाय रे दैया ये क्या हुआ” – ज्योति आहूजा

आगरा शहर में एक भरी-पूरी फैमिली रहती थी—सास, ससुर, दो बेटे, दो बहुएँ और एक ननद। घर में इन दिनों एक खास रौनक थी, क्योंकि एक समीप के रिश्तेदार की शादी का न्योता आ चुका था। अलमारियों  एवं ट्रंक के ताले खुल गए थे, मैचिंग ज्वेलरी और सूट-साड़ियों का सिलेक्शन हो रहा था, मिठाइयाँ आ … Read more

रक्षाबंधन का वचन -शुभ्रा बैनर्जी : Moral Stories in Hindi

भागवंती और भगवान दास एक दूसरे से बहुत प्रेम करते थे।बड़ा भाई,भगवान दास अपनी बहन भागो को कंधे पर बिठाए घुमाए फिरता था पूरा गली-मोहल्ला।घर से किसी भी काम के लिए निकले,बहन भागो पहले से तैयार रहती। मां जानकी जी तंग आकर कहतीं कभी-कभी “क्यों रे,तू तो बड़ा है।ऊंट की तरह हो गया है,समझ अभी … Read more

कुरियर – करुणा मालिक  : Moral Stories in Hindi

आज फिर से शालिनी ने बहू के मायके से आया सूट नौकरानी मीना को देते हुए कहा— ले , दीवाली के नाम का सूट दे रही हूँ ….. कहाँ सँभालती फिरूँगी ?  वाह आँटी जी, सूट तो बहुत ही बढ़िया है….पर अभी तो दीवाली में तीन महीने पड़े हैं….. इतनी जल्दी क्यों दे रही हो … Read more

बहू तू छोटे परिवार से है..तुझे क्या मालूम रिश्तेदारी क्या होती है – सविता गोयल :Moral Stories in Hindi

छोटे  परिवार में पली अंकिता जब से आकाश की दुल्हन बनकर ससुराल आई, उसकी सास मंदिरा जी न जाने कितनी बार उससे कह चुकी थीं — “हमारा खानदान बहुत बड़ा है, सब हमें बहुत मानते हैं। तुम्हारे मायके में तो सिर्फ चार ही लोग हैं। तुम्हें क्या पता रिश्तेदारी क्या होती है, मुसीबत में परिवार … Read more

आसमान पर उङना – विधि जैन : Moral Stories in Hindi

भवानी बहुत होशियार और समझदार लड़की थी उसकी दसवीं में 90 परसेंटाइल है उसे अपने ऊपर बहुत घमंड था वह अपने नोट्स किसी से शेयर नहीं करती थी।  पढ़ने में होशियार होने के साथ है दिखने में बहुत सुंदर थी।  मम्मी और पापा के कहने पर उसने मैथ साइंस ले लिया।  जब 11वीं कक्षा में … Read more

बेटी होने की खुशी, बेटा न होने का दुःख नहीं – अर्चना सिंह : Moral Stories in Hindi

दो पोतियों के बाद बबिता जी की इच्छा थी कि अब फिर से बहू नीलू पोते के बारे में सोचे । उन्होंने अगली सुबह चाय पीते हुए नीलू के सामने बात छेड़ते हुए कहा…”नीलू ! तुम्हें एक बार बेटे के लिए चांस लेकर देखना चाहिए । मेरी सहेलियाँ भी बोलती हैं एक बेटा तो होना … Read more

नासमझी अच्छी – शुभ्रा बैनर्जी :

Moral Stories in Hindi “बबलू ,आज शाम को बुआ आ रही है।साथ में फूफाजी और बेटी कविता भी आ रहें हैं‌।बाजार से सब्जियां तो मैं ले आऊंगी।तू मिठाई लेते आना बेटा। दर्जी के यहां से पापा के कपड़े भी लेते आना।”बबलू ने सिर हिला कर हामी भर दी। नैना का दिल फट जाता था,बेटे को … Read more

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