बहू तू छोटे परिवार से है..तुझे क्या मालूम रिश्तेदारी क्या होती है – सविता गोयल :Moral Stories in Hindi

छोटे  परिवार में पली अंकिता जब से आकाश की दुल्हन बनकर ससुराल आई, उसकी सास मंदिरा जी न जाने कितनी बार उससे कह चुकी थीं — “हमारा खानदान बहुत बड़ा है, सब हमें बहुत मानते हैं। तुम्हारे मायके में तो सिर्फ चार ही लोग हैं। तुम्हें क्या पता रिश्तेदारी क्या होती है, मुसीबत में परिवार … Read more

आसमान पर उङना – विधि जैन : Moral Stories in Hindi

भवानी बहुत होशियार और समझदार लड़की थी उसकी दसवीं में 90 परसेंटाइल है उसे अपने ऊपर बहुत घमंड था वह अपने नोट्स किसी से शेयर नहीं करती थी।  पढ़ने में होशियार होने के साथ है दिखने में बहुत सुंदर थी।  मम्मी और पापा के कहने पर उसने मैथ साइंस ले लिया।  जब 11वीं कक्षा में … Read more

बेटी होने की खुशी, बेटा न होने का दुःख नहीं – अर्चना सिंह : Moral Stories in Hindi

दो पोतियों के बाद बबिता जी की इच्छा थी कि अब फिर से बहू नीलू पोते के बारे में सोचे । उन्होंने अगली सुबह चाय पीते हुए नीलू के सामने बात छेड़ते हुए कहा…”नीलू ! तुम्हें एक बार बेटे के लिए चांस लेकर देखना चाहिए । मेरी सहेलियाँ भी बोलती हैं एक बेटा तो होना … Read more

नासमझी अच्छी – शुभ्रा बैनर्जी :

Moral Stories in Hindi “बबलू ,आज शाम को बुआ आ रही है।साथ में फूफाजी और बेटी कविता भी आ रहें हैं‌।बाजार से सब्जियां तो मैं ले आऊंगी।तू मिठाई लेते आना बेटा। दर्जी के यहां से पापा के कपड़े भी लेते आना।”बबलू ने सिर हिला कर हामी भर दी। नैना का दिल फट जाता था,बेटे को … Read more

अब बहू ने ना कहना सीख लिया है – मधु वशिष्ठ :

 Moral Stories in Hindi तुम्हारी सारी तैयारी पूरी हो गई ना? दवाइयां रख लेना। कमरों के ताले लगाकर बैग बाहर निकाल कर रख दो। मनोज अभी आता ही होगा, हमको यात्रा वाली बस तक छोड़ आएगा।  चाबी उसको दे देना। रात को तो वह घर पर रुकेगा ही ना? वर्मा जी ने शीला जी से … Read more

कहीं ये वो तो नहीं भाग -1 लतिका श्रीवास्तव

रात्रि की कालिमा विदा ले रही थी ।रात भर चांद के साथ गुफ्तगू होती रही । चांद विनम्रता से कालिमा को दूर जाने और रात्रि को आलोकित करने का आग्रह करता रहा ।कालिमा की हठधर्मिता ने कई बार चांद को भी अपना शिकार बनाने का क्रम निरंतर गतिमान रहा तभी सूरज के आने की आहट … Read more

खुशियों का असली तोहफ़ा – ज्योति आहूजा : Moral Stories in Hindi

उदयपुर की पतली गलियों में, गुलमोहर के पेड़ों से ढकी एक कॉलोनी में अभय मेहता का घर था। अभय एक निजी कंपनी में मैनेजर थे और पत्नी संध्या के साथ रहते थे। उनकी बारह साल की बेटी आठवीं कक्षा में पढ़ती थी। संध्या पड़ोस के एक स्कूल में गणित पढ़ाती थीं। पढ़ाने में सख़्त, लेकिन … Read more

प्यार की डोर – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

” नहीं मां मैं अभी शादी नहीं करूंगी!” आराध्या अपनी मां गीता जी से बोली। ” अब नहीं तो कब करेगी पच्चीस की हो गई है लोग क्या कहेंगे जवान बेटी को घर में बैठा रखा है जिससे वो खर्चे चला सके घर के!” गीता जी दुखी हो बोली। ” मां ये लोग तब तो … Read more

 ‘वीर कभी मरते नहीं हैं – प्रतिभा भारद्वाज :  Moral Stories in Hindi

“मां इस बार दीपावली पर पापा जरूर आएंगे न” 5 साल का अमन अपने पिता की तस्वीर को हाथ में लिए हुए पास में बैठी अपनी मां से पूछता है। “हां बेटा इस बार तो जरूर आएंगे।” कहकर निधि सोच में डूब गयी कि इस बार देश की सीमा पर हालात ऐसे रहे कि डेढ़ … Read more

खत – संध्या त्रिपाठी : Short Story in Hindi

        वहां पर सब कुशल मंगल है ना सोहन के बापू ….?  इस महीने आपका खत नहीं आया …. पर मैं चिंतित नहीं हूं… आप भी चिंता मत कीजिएगा…. हमे पता है …मेरे …सोहन के बापू बिल्कुल ठीक होंगे …. और देश की रक्षा में व्यस्त होंगे….!     यहां हम और सोहन भी कुशल मंगल से है.. … Read more

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