बस अब और नहीं – डॉक्टर संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

पायल! पायल!तेजी से श्याम चीखा तो घबरा के पास आती वो बोली, क्या हुआ जी! क्या कह रहे हैं? क्या कह रहे हैं? गुस्से में उसकी नकल करता उसका पति श्याम बोला..भोली तो ऐसे बनती हो जैसे बड़ी सीधी हो..ये बच्चियां शोर कर रही हैं इन्हें कौन संभालेगा? पता नहीं मेरे ऑफिस का काम कितना … Read more

पत्नी तो में पहले ही बन गई थी पर बहु ओर भाभी आज बनी हूँ – दीपा माथुर : Moral Stories in Hindi

प्रेशर कुकर की सीटी लगातार बज रही थी… 1…2…3…5… फिर अचानक दो बार और… जैसे बिन मतलब की हड़बड़ी हो, बेमन की दिनचर्या। रसोई में हल्की-सी हल्दी और धनिया की खुशबू तैर रही थी, पर मनाली की आँखें रसोई की खिड़की से बाहर, सूनी सी सड़कों पर अटकी थीं। उसकी उँगलियाँ आटे से लथपथ थीं, … Read more

समझ के रिश्ते – रेणु सिंह : Moral Stories in Hindi

एक छोटी सी बात का बतंगड़ बना दिया है तुम दोनों ने, सविता जी ने अपने बेटे सुजीत और बहू शिखा को  डांटते हुए कहा  कई दिनों से तुम दोनों को देख रही हूं ना एक दुसरे से बात कर रहे हो और ना ही एक दुसरे की तरफ़ देख रहे हो  हमे भी तो … Read more

जुआ का दांव – डोली पाठक : Moral Stories in Hindi

जुआ का अंतिम दांव लगा हुआ था। दोनों पक्षों के लोग अपने अपने साथी को जीतते हुए देखना चाह रहे थे… आज तीन चार घंटे से लगने वाला हर दांव कमल ने हीं जीते थे.. और जीते भी क्यों नहीं,,ले देकर यहीं तो एक काम आता था जिसमें उसे महारथ हासिल थी… और विरासत में … Read more

बुद्धू मम्मा – संध्या त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

      चलो बच्चों …7:00 बज गए हैं पढ़ने बैठो…. हां मम्मी… बस 5 मिनट…. आरंभ और आरवी ने पुष्पा की बातों का उत्तर दिया….!            अरे ,अभी तक तुम लोगों की किताबें खुली नहीं …..इधर लाओ मोबाइल ….मुझे दो और तुरंत पढ़ने बैठो….. 5 मिनट बोलकर आधे घंटे से मोबाइल में लगे हो…. पुष्पा गुस्से में बड़बड़ा … Read more

पति का प्रेम – कंचन श्रीवास्तव आरज़ू : Moral Stories in Hindi

समझ नही आता अम्मा कभी-कभी इतना कड़वा क्यों बोलती है ? किसी बात का सीधे जवाब ही नही देती, पूछो कुछ तो नमक मिर्च लगा के त खेल स्वर में बढ़ा चढ़ा के ही बोलती है। ये सवाल मेरे ही नही हम उम्र सभी लड़कियों के मन में आता है कि क्या इस उम्र तक … Read more

समझौता – नीलम शर्मा : Moral Stories in Hindi

अब नहीं मानसी का आज बारहवीं का परिणाम आया था। उसने अपनी मेहनत से स्कूल में प्रथम स्थान प्राप्त किया था। उसके पापा गांव में खेती करते थे। इससे आगे पढ़ने की सुविधा गाँव में नहीं थी। सभी गाँव वाले बधाई देने आ रहे थे। मानसी के मम्मी-पापा अपनी बेटी की सफलता पर खुश थे।  … Read more

भोर का उजाला – लतिका पल्लवी : Moral Stories in Hindi

रीतिका के पापा आइये चाय बन गईं। चाय पी लीजिए। कहाँ है? आइये चाय ठंडी हो जाएगी। सुबह सुबह कहाँ चले गए? रीतिका की माँ चाय का कप लिए अपने पति को चाय पीने के लिए ढूंढ रही थी। जब घर मे दिखाई नहीं दिए तो फिर अपने आप मे ही बोलने लगी, पता नहीं … Read more

मूंगफली वाली पनीर – शुभ्रा बैनर्जी : Moral Stories in Hindi

“रविवार को एक दिन तो छुट्टी मिल जाती है तुम सबको,पर घर की औरत का जीना दूभर हो जाता है।एक दिन पहले से अपनी फरमाइश की फेहरिस्त बनाकर रख लेते हो,फिर सुबह से नाक में दम कर देते हो।ये दोनों बच्चे भी ना,तुम्हें घर में पाकर जैसे हांथी के पांच पांव देख लेते हैं।मजाल है,मेरी … Read more

बुरा वक्त हमारे जीवन को नयी दिशा दे जाता है – डोली पाठक : Moral Stories in Hindi

जिंदगी में सब-कुछ बड़ा हीं सुखद और सरलता के साथ चल रहा था….  वाणी और मयंक अपनी एकलौती बेटी के साथ जीवन के मजे लेते हुए आगे बढ़ते जा रहे थे…  वैसे तो वो संयुक्त परिवार में रहते थे परंतु अभी केवल घर में मयंक का हीं ब्याह हुआ था…  दो भाई और एक बहन … Read more

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