“पत्नी तो कब की बन गई थी, पर बहू और भाभी आज बनी…” – तृप्ति सिंह : Moral Stories in Hindi

रूपा की शादी को आज पूरे आठ साल हो गए थे। गांव के नज़दीक एक छोटे कस्बे में उसका ससुराल था। शादी के दिन उसे सजाकर जैसे ही विदा किया गया था, घर भर में मानो कोई देवी आई हो—सबके चेहरे पर मुस्कान थी। लेकिन ये मुस्कान रूपा की किस्मत में जिंदगी भर के लिए … Read more

कच्चा चिठ्ठा खोलना – तृप्ति सिंह : Moral Stories in Hindi

बबलू आजकल गाँव की चर्चा का सबसे बड़ा विषय बना हुआ था। पाँच साल पहले जो लड़का टूटी चप्पल पहनकर शहर गया था, वो अब चमचमाती गाड़ी में लौटा था। सूट-बूट, महंगे चश्मे और हाथ में मोबाइल… जैसे कोई फिल्मी हीरो। उसके पिता, रामदयाल, छाती चौड़ी करके कहते, “हमार बेटा अब साहब बन गया है! … Read more

“समझौता अब नहीं” —  सरोजनी सक्सेना : Moral Stories in Hindi

आज शाम से ही राम रतन जी की दुकान पर बहुत भीड़ थी । कारण कल से नवरात्रि व्रत स्थापना है । सब अपने सामान के लिए जल्दी कर रहे हैं ।  रामू भी अपने हाथ पैर जल्दी-जल्दी चल रहा था । जल्द से जल्द सामान ला ला कर ग्राहकों की मांग पूरी कर रहा … Read more

पछतावा : संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

आज विवेक बहुत गुस्से मे था उसे खुद नही समझ आ रहा था वो गुस्से मे क्या कर जाये । पत्नी की अय्याशी के ढेरों किस्से सुने थे उसने पर कानो सुनी बातों पर विश्वास करने वालों मे विवेक नही था उसने हमेशा सुनी सुनाई बातों को एक कान से सुन दूसरे से निकाल दिया … Read more

बच्चा बूढ़ा एक समान… – रश्मि झा मिश्रा : Moral Stories in Hindi

…”अम्मा आज सुबह से शाम होने को आई… आप कुछ खाती क्यों नहीं… कुछ तो खा लीजिए… ऐसे तो बीमार पड़ी रहती हैं… अब क्या इरादा है… अम्मा… सुनती हो…कुछ तकलीफ़ हो तो वो भी बताएंगी तब ना जानूं…!” अम्मा ने आंचल आंखों पर डाल लिया… कुछ ना बोली… शाम को राहुल घर आया तो … Read more

काला चिठ्ठा – डोली पाठक : Moral Stories in Hindi

मनोरमा मैंने तुम्हें मना किया था ना कि छोटे के विवाह में सविता बुआ को मत बुलाना…… शीला जी ने अपनी बहू मनोरमा को फटकारते हुए कहा। परंतु मां जी….. सविता बुआ क्यों नहीं आ सकतीं हमारे यहां…. ये मायका है उनका…. उन्हें पूरा हक है अपने घर आने का…. मनोरमा ने कहा। मनोरमा जब … Read more

हमारा बुरा वक्त हमारे जीवन को नई दिशा दे जाता है – लक्ष्मी कानोडिया : Moral Stories in Hindi

सरिता पुणे के एक मध्यमवर्गीय परिवार से थी। पढ़ाई में अव्वल, सुंदर और दिल से सरल। उसकी जिंदगी का सपना बहुत साधारण था — एक छोटा-सा घर, एक प्यार करने वाला पति और हँसी-खुशी भरा परिवार। शादी के शुरुआती दिन उसकी उम्मीदों जैसे ही थे। अमित, उसका पति, एक बड़ी कंपनी में नौकरी करता था। … Read more

हम सब साथ हैं – लक्ष्मी कानोडिया : Moral Stories in Hindi

आगरा की व्यस्त गलियों के बीच, राजा मंडी में एक तीन मंज़िला पुराना लेकिन मजबूत घर था, जहां शर्मा परिवार कई पीढ़ियों से साथ रह रहा था। घर की सबसे ऊपरी मंज़िल पर दादी-जी रहती थीं—सफेद बाल, मुस्कुराती आँखें और कहानियों का खजाना। बीच वाली मंज़िल पर रमेश शर्मा, उनकी पत्नी काव्या और दो बच्चे—ध्रुव … Read more

समझौता अब नहीं! – संध्या सिन्हा : Moral Stories in Hindi

“मैं भी इन गुब्बारों की तरह मुक्त गगन में उड़ना चाहती थी पर चाहकर भी नहीं कर पाई।जिम्मेदारियों की बेड़ियों ने ऐसा जकड़ रखा है कि आसमान तो बहुत दूर घर से भी बाहर निकलना  हो तो सोचना पड़ता था “काश! मैं भी एक गुब्बारा होती, कोई मुझे अपने हाथों से आजाद कर देता और … Read more

लालच – सुनीता मुखर्जी “श्रुति” : Moral Stories in Hindi

अक्षरा..!! इतनी जल्दी-जल्दी घर मत आया करो..! ऐसा नहीं है तुम्हारे आने से मुझे अच्छा नहीं लगता, लेकिन इतना दूर से आने- जाने में बहुत पैसा खर्च होता है। वह पैसा कहीं और काम आएगा। मांँ सुनंदा बोली। अक्षरा ने कहा मांँ साल में दो बार ही तो आती हूँ, मुझे भी तो मन करता … Read more

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