आज बन पाई हूं सही मायने में इस घर की बहू और भाभी : मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

डोरवेल बजी तो प्राची ने दरवाजा खोला सामने अंकिता खड़ी थी । झटके से प्राची के गले लग गई भाभी भाभी,,,,,,,,,,,।इस अप्रत्याशित घटना से प्राची थोड़ा अचकचा गई क्योंकि अंकिता कभी प्राची को भाभी नहीं कहती थी। हमेशा नाम लेकर बुलाती थी और ताने देती रहती थी और तीखे शब्दों में ही प्राची से बात … Read more

 “कितना अद्भुत होता है ना?” : दीपा माथुर : Moral Stories in Hindi

बीज से अंकुर फूटता है, धीरे-धीरे नन्हीं-नन्हीं पत्तियाँ निकलती हैं, फिर कली खिलती है… और अंततः बनता है एक सुंदर पुष्प। कहते-कहते वह खिलखिला उठी, कुछ क्षण रुकी और बोली — “देखो मम्मी, अभी कुछ दिन पहले इस अनार के पौधे में ये रेड-ऑरेंज सी कलियाँ खिली थीं। आज देखो, इसकी एक-एक परत जैसे आत्मा … Read more

 बहू भी इंसान है : विमला गुगलानी : Moral Stories in Hindi

      “ सुनो जी, अब तो अभि की शादी कर ही देनी चाहिए, तीस का होने वाला है” रेवती ने पति नवेंदु को जूस का गिलास पकड़ाते हुए कहा। “ अरे भई, मैनें कब मना किया, मेरे गले में तो यह ढ़ोल बाईस की उम्र में ही बांध दिया गया था, नवेदुं ने चुटकी लेते हुए … Read more

 रोटी : खुशी : Moral Stories in Hindi

सुधाकर सिंहा एक सरकारी दफ्तर में काम करते थे।पत्नी नीला वो एक गृहणी थी दो बेटे थे रमन और नमन हसी खुशी गृहस्थी चल रही हैं बच्चे भी संस्कारी देखते मां बापूजी कैसे पैसे बचा कर उन्हें पढ़ा रहे हैं।सुधाकर जी ने अपनी नौकरी में ही जमीन लेकर घर बनवा लिया था।नीचे ड्राइंग रूम एक … Read more

 सम्मान की सूखी रोटी : अनामिका मिश्रा : Moral Stories in Hindi

प्रियांशी मध्यम वर्ग के परिवार की एक पढ़ी-लिखी महिला थी। दो बच्चे थे और साथ में पति राकेश,उसकी भी एक साधारण सी नौकरी थी,प्रियांशी भी प्राइवेट जॉब कर रही थी दोनों मिलकर परिवार की गाड़ी खींच रहे थे। प्रियांशी बहुत ही महत्वाकांक्षी थी,वो ऊंचे ओहदे के ख्वाब देखती थी। उसके ऑफिस में एक नए मैनेजर … Read more

 संस्कार : सोमा शर्मा : Moral Stories in Hindi

छोटे से गांव में रहने वाला अर्जुन अब एक नामी कंपनी में मैनेजर बन चुका था।  अच्छी सैलरी, बड़ा फ्लैट, और हर सुविधा से भरपूर जीवन — सब कुछ था उसके पास, सिवाय एक चीज़ के… अपनों की मौजूदगी। पिता के गुजर जाने के बाद माँ अकेली गाँव में रह गई थीं।  अर्जुन ने कई … Read more

 आपको बहू नहीं चलता फिरता रोबोट चाहिए : कुमुद मोहन : Moral Stories in Hindi

“मीना ओ मीना!अरे बहूजी कब तक सोती पड़ी रहोगी;आज की तारीख में चाय मिलेगी भी या ना?सुनते ही हड़बड़ाकर नमन की बाहों से अपने आप को जबरन छुड़ाती हुई मीना कपड़े और बालों को संभालती हुई कमरे से बाहर निकल आई! मीना के जाते ही झुंझलाकर नमन ने मन ही मन सोचा आज छुट्टी का … Read more

 बदलते रिश्ते : प्रतिमा श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

————— जोड़ियां तो ऊपर वाला पहले से लिखकर पृथ्वी पर भेजता है पर हर किरदार जो इस धरती के रंगमंच पर उतरता है वो अपने उन रिश्तों में चाहे वो मां – बाप हों ,भाई – बहन, खानदान और समाज सभी से भी जुड़ा होता है। हमारे समाज की एक अजीब-सी धारणा चली आ रही … Read more

 रज्जी ! : उमा महाजन : Moral Stories in Hindi

     आज रज्जी ने बुझे मन से घर में प्रवेश किया। हमेशा ही घर में चहकते हुए प्रवेश करने वाली अपनी गृह सहायिका रज्जी के उतरे चेहरे को देखकर जब सरिता जी ने उससे उदासी का कारण पूछा तो उसने बताया कि नवोदय विद्यालय में पढ़ने वाली उसकी आठवीं से नौंवी में पहुंची छोटी बेटी के … Read more

 कभी धूप कभी छांव : बीना शुक्ला अवस्थी : Moral Stories in Hindi

” अम्मा बार बार तुम्हारे नाम की चिठ्ठियॉ आ रही हैं, जो निर्णय करना हो एक बार जाकर सब कुछ खतम कर दो।” ” तुम लोग कोई सलाह देते नहीं हो, मैं कोई निर्णय कर नहीं पा रही हू्ॅ, क्या करूॅ, कहीं ऐसा न हो कि बाद में तुम लोगों को लगे कि मैंने जो … Read more

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