अलविदा – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

 निधि की बेटी शिप्रा बहुत बीमार थी। 6 वर्ष की छोटी सी आयु में दिल की बीमारी, डॉक्टर साहब ने कहा कि ऑपरेशन करना पड़ेगा, 7 8 लाख रुपए का खर्च आएगा।      निधि ने अपने ऑफिस में बात की, काम नहीं बना। बॉस ने साफ इनकार कर दिया। रिश्तेदारों का तो कहना ही क्या, मायके … Read more

पल में रंग बदलते लोग – डॉ बीना कुण्डलिया : Moral Stories in Hindi

बस कीजिए मांजी बहुत हुआ गर्भवती नैन्सी सासूमां भावना जी की रोज रोज की किचकिच से तंग आ चुकी थी । पोता ही चाहिए पोता ही चाहिए बस जब देखो तब एक ही रट लगाए रहती आज जैसे ही उन्होंने पोते की रट लगाई पोता ये पोता वो वंश चलेगा तो पोते से ही। नैन्सी … Read more

आंखे नीची करना – डोली पाठक : Moral Stories in Hindi

मैं कह रहा था ताऊजी कि, बड़ी दीदी का तो कोई भाई है हीं नहीं तो फिर मायके की संपत्ति में उनका हिस्सा लगाना जरूरी है क्या???  आंखों में बेशर्मी की पट्टी चढ़ाए मनोज ने ताऊजी से कहा। ताऊजी ने उसे जलती निगाहों से देखा और गुस्से से तमतमाते हुए कहा _ किसको क्या मिलेगा … Read more

मैं हूं ना – संध्या त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

 गाड़ी का हॉर्न लगातार बजाए जा रहा था सुबोध…..  सुमेधा 5 मिनट पहले ही…. हां – हां आ रही हूं बाबा ….बोलकर अभी तक नहीं पहुंची थी…. सुबोध कभी घड़ी की ओर कभी दरवाजे की तरफ देखता और उसका गुस्सा बढ़ता जाता …     सुमेधा आते ही …ओ सॉरी यार… बोलकर जैसे ही गाड़ी में बैठी … Read more

अपनों की पहचान – अंजु गुप्ता ‘अक्षरा’ : Moral Stories in Hindi

प्लेटफ़ॉर्म नंबर 2 पर बारिश की ठंडी बूंदें लगातार गिर रही थीं। बूढ़ी महिला ट्रेन के एसी कम्पार्टमेंट से उतर, इधर-उधर घबराई सी अपने बेटे का इंतजार कर रही थी। उन्हें देख कर ही पता चल रहा था कि वे किसी सम्पन्न परिवार से संबंधित हैं। “माँ जी, आपका सामान उठा दूँ?” नंदू कुली ने … Read more

माँ बिना पीहर नहीं, सासू बिना ससुराल नहीं

घर के आँगन में रौनक थी। आज सुषमा की ननद, किरण अपने मायके आई थी। पूरे दो साल बाद उसकी यह मायके यात्रा हुई थी। जैसे ही वह घर में दाखिल हुई, सुषमा दौड़कर उससे लिपट गई। “आइए दीदी, बहुत दिनों से आप नहीं आईं। हम सब आपको बहुत याद कर रहे थे। शायद पूरे … Read more

झूंठा दिखावा – सुनीता माथुर : Moral Stories in Hindi

मीनल जब भी अपनी सहेली राखी के घर जाती राखी मीनल को नया- नया सामान बड़े चाव से दिखती देखा आज—– मैंने नया बेड खरीदा, पुराना टीवी वेंच दिया, नया टीवी बड़ा वाला खरीद लिया! कई बार तो राखी मीनल से कहती है—-अरे तुम्हारे पास तो साड़ी भी नहीं है—- देखो मैं 5000 की 10,000 … Read more

माँ का कर्ज

“बेटा, क्या तूने सचमुच घर जमाई बनने की ठान ली है?” “हाँ माँ, इसके अलावा कोई चारा नहीं है। अब कंपनी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा है, इसलिए कंपनी बंद कर दी गई है और कंपनी में काम करने वाले हम सब बेरोज़गार हो गए हैं। भला हो कि पारुल के मायके वालों ने अपनी … Read more

झूठे दिखावे से ज़िंदगी नहीं चलती – रश्मि सिंहल : Moral Stories in Hindi

अपने दैनिक कार्यों से निवृत्त होकर मोनिका ने फोन उठाया। देखा कि नई ड्रेस और पर्स वाली उसकी पोस्ट पर ढेरों लाइक्स और प्रशंसा के कमेंट्स थे। उसका मन खुशी और गर्व से भर गया। सोशल मीडिया के दौर में जिसे देखो वही झूठी शान बघारने में लगा हुआ है। कोई दिखावे का एक छोटा … Read more

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