जरूरत – कंचन श्रीवास्तव आरज़ू : Moral Stories in Hindi

बेटे के साथ अनजान लड़की को दरवाजे पर खड़ा देख मेरे तो होश उड़े गए  मन तमाम शंकाओं से भर गया फिर भी संयत रखते हुए  औपचारिकता वश पूछा ही लिया ये कौन है ,इस पर बेटे ने कहा चलो भीतर तो चलो बताता हूं कि यही दरवाजे पर ही खड़े खड़े सब बता दूं। … Read more

एनीवर्सरी – अमिता कुचया : Moral Stories in Hindi

कौशल्या जी की पचासवीं वर्षगांठ मनाने की तैयारी जोरो शोरो से चल रही थी। दीप्ति के पास दो दिन पहले फोन आया था।कि मम्मी की पचासवीं वर्षगांठ है फोन पर बात करते हुए निकिता भाभी ने बोला था। दीदी सबको बोल दीजिये और पापा भी जीजा जी से बात कर लेंगे। यह सब सुनकर दीप्ति … Read more

प्रतिस्पर्धा से परे – डॉ० मनीषा भारद्वाज : Moral Stories in Hindi

रजत और आदित्य। नामों में तो सामंजस्य था, पर ज़िंदगी में सिर्फ प्रतिस्पर्धा थी। बचपन के दोस्त कब एक-दूसरे के सबसे कटु प्रतिद्वंद्वी बन गए, पता ही नहीं चला। स्कूल में अंकों की दौड़, कॉलेज में कैंपस प्लेसमेंट की जंग, और फिर कॉर्पोरेट जगत में पदोन्नति के लिए छीना-झपटी। रजत हमेशा खुद को दूसरे स्थान … Read more

दुनियाँदारी – रंजना डोगरा : Moral Stories in Hindi

सहसा एक चीख सी निकली थी ख़ुशी की माँ के मुख से उस दिन, शायद पहली बार. काश पहले कभी मुँह खोला होता चित्रा ने, चित्रा शर्मा, ख़ुशी शर्मा की माँ |    अभी कुछ समय पहले की ही बात है जब चित्रा शर्मा और अनिल शर्मा जी ने अपनी बेटी ख़ुशी का ब्याह बड़ी धूम … Read more

लाड प्यार की भी एक सीमा होती है – विमला गुगलानी : Moral Stories in Hindi

 इतवार को घर में सब  देर से उठते है तो निशा भी कुछ देर बिस्तर पर पड़ी रही, परंतु नींद तो उसे आ नहीं रही थी, उठ कर बैठ गई। पतिदेव मानव  एक्सियन के पद पर थे, किसी बात की कमी नहीं थी। इकलौता बेटा आर्यन मां बाप की आंखों का तारा,  पढ़ रहा था। … Read more

तिरस्कार कब तक? – सुदर्शन सचदेवा : Moral Stories in Hindi

काली है ! लेकिन संस्कारी है! गौरी होती तो , कितनी सुंदर दिखती ! शादी मुश्किल है- रंग थोडा़ हलका होता तो जल्दी बात बन जाती  | सुनते सुनते माया बड़ी हुई है , नाम से कोई नहीं पुकारती, बस कोई कोयल कोई काली कमली बुलाती हैं | पर वो हंसती है सिर्फ दिखाने के … Read more

अब तो पड़ जायेगी ‌न तुम्हारे कलेजे में ठंडक – निमीषा गोस्वामी : Moral Stories in Hindi

अरे सुनते हो तुम्हारी बहन अभी तक घर नहीं आई कुछ ध्यान है आपको या नहीं ।सुमन हाथ हिलाते हुए अपने पति धीरज से बोल रही थी।धीरज ने भी उसी के अंदाज में जवाब देते हुए कहा हां हां ध्यान है मुझे आ जाएगी प्राइवेट कंपनियां हैं ये खून चूसती है तब जाकर एक लाख … Read more

तिरस्कार – खुशी : Moral Stories in Hindi

अदिती एक सर्वगुण सम्पन्न लड़की थी परंतु उसमें एक ही ऐब था वो एक पैर से हल्का सा लंगड़ा कर चलती थी।उसके परिवार में माता कमला पिता शरद दो भाई रतन और मदन  उनकी पत्नियां मीता और शीला थी।अदिति घर के सारे काम करवाती फिर भी भाभिया खुश ना होती। उसकी उम्र 25 साल हो … Read more

खुशियां बांटने से बढ़ती हैं – पूनम सारस्वत : Moral Stories in Hindi

“खुशियां बांटने से बढ़ती हैं “ “छोटी छोटी बातों में खुशियों की तलाश किया करो, यूं हर बात में ,हर व्यक्ति में नुक्श निकालोगी तो जीवन को नरक बनते देर नहीं लगेगी,बेटा।” मां ने अरुणिमा को समझाते हुए कहा। पर मां मैं इस तरह के माहौल में नहीं जी सकती,अमोल एक कदम भी अपनी मां … Read more

दृश्य बदल गया – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

मेम साब चोरी मैने नहीं की है।विश्वास कीजिए मुझ पर। इतने सालों की मेरी ईमानदारी पर बट्टा मत लगाईए ।कितनी थू थू होगी मेरी। आपको अगर मुझे नौकरी से निकालना ही है तो मैं चली जाऊंगी लेकिन आरोप लगाकर मत हटाइए।मुझे कहीं भी काम नहीं मिल पाएगा। नहीं मोहिनी मेरा बेटा दिलीप कह रहा है … Read more

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