माँ मरना मत  – अनिता वर्मा

अरे नीलम तुम यहाँ, कैसे कहते हुए मिसेज सहाय नीलम के कंधे पर हाथ रखते हुए बोली l  नीलम मूडकर देखते हुए  हाँ एक शादी में आई थी….पर तुम बताओ यहां सबका क्या हाल – चाल है?…… अरे यही पर सब कुछ जानना चाहती हो, अभी कुछ दिन तो रुकोगी ना तो आना अपने पुराने … Read more

फ़रिश्ता तुम – दीपा साहू “प्रकृति”

कुछ लोग जीवन में अजनबी बनकर आते हैं पर बहुत महत्वपूर्ण बनकर हमारे हृदय में अपना घर बना लेते हैं।ऐसे लोग जीवन में बहुत कम ही मिलते हैं।जिन्हें  हम इतनी तवज़्ज़ोह दे पाए।और मिल जाए तो उन्हें कभी खोना नहीं चाहते। ………..रात के अंधेरे में चिराग रौशन करने वाले उस फ़रिश्ते को निहारिका कभी खोना … Read more

मेरी भाभी शेरनी है” – सुधा जैन

शीर्षक सुनकर पढ़कर चौंकिए मत “मेरी भाभी शेरनी है” से मेरा आशय यह है कि मेरी भाभी श्रेया बहुत बहादुर ,आत्मनिर्भर , आत्मविश्वास से परिपूर्ण नए जमाने की भाभी है। मेरे शुभम भैया की पसंद.. उनकी हमसफर ..कदम कदम पर साथ देने वाली ..मेरे भैया को आगे बढ़ाने वाली… मेरे बारे में सही राय देने … Read more

वापसी ( रिश्तों की)  आखिरी भाग-5 –  रचना कंडवाल

अब तक आपने पढ़ा कि बरखा सुनिधि को‌ उसके पापा के बारे में बताती है जिसे सुनकर सुनिधि दंग रह जाती है। उसके मन में अपनी मॉम के लिए नफरत भर जाती है। वह रियलाइज करती है कि उसके सास-ससुर और पति विपुल उसे कितना प्यार करते हैं। जिसे वह सास की टोका-टाकी समझती है … Read more

हाय मिर्ची – नीरजा कृष्णा

हमारी नीरू का हमारे  घर में बहुत रौब चलता है…..तीन भाइयों की इकलौती बहन….सबकी लाड़ली । पीहर में तो पूरा ठसका है  ही, ईश्वर की महती कृपा से ससुराल भी पीहर के टक्कर की मिली है। सबसे मज़ेदार बात या इसे संयोग भी कहा जा सकता है… नीरु दीदी के पति अविनाश बाबू भी तीन … Read more

मौत – बेला पुनिवाला

मौत दरवाज़े पे दस्तक दे रही है, में अपने  बिस्तर पे लेटा  हुआ था, मौत ने कहा, ” तेरा वक़्त आ चूका है तू चल मेरे साथ। “      पहले तो मुझे लगा, कि कोई सपना होगा, फ़िर दूसरी बार फ़िर से आवाज़ आई, ” तेरा वक़्त ख़तम हुआ, तू चल मेरे साथ।” मैंने पलट के … Read more

कुंडी रिश्तों की -श्वेत कुमार सिन्हा

फैमिली कोर्ट में जज साहब अपने चैम्बर में बैठे आरव और वर्षा की दलीलें ध्यान से सुन रहे थें। आज उनदोनों की आपसी सहमति से तलाक की आखिरी सुनवाई थी। जज साहब ने दोनों पति-पत्नी को समझाने का काफी प्रयास किया कि तलाक न लें और अपनी डेढ़ साल की शादीशुदा ज़िंदगी को एक और … Read more

एक मासूम ख़्वाहिश – दीप्ति मित्तल

पार्किंग में पहुँच कर जैसे ही स्नेहा ने अपनी छः साल की बेटी कुहू के लिए कार का बैक डोर खोला, वह मुँह चढ़ा कर फ्रंट डोर के सामने जा खड़ी हुई। “कुहू बच्चे पीछे बैठते हैं, वहाँ मम्मा बैठेगी।” स्नेहा समझाते हुए बोली मगर कुहू कहाँ सुनने वाली थी। उसका गोलू सा मुँह फूल … Read more

कचौरियां-संजय सहरिया

रसोई में लन्च का काम निपटाकर  हेमा अपने कमरें में लौटी तो बिस्तर पर पड़े उसके मोबाइल पर तीन तीन मिस कॉल थे. हेमा ने जल्दी से फोन उठाकर देखा तो तीनो कॉल उसके पिताजी दयानंदजी के थे. बाबुजी के तीन तीन कॉल देख हेमा कुछ परेशान सी हो गयी थी. उस ने जल्दी से … Read more

पापा की बेटी – अंजु पी केशव

पापा नें कुर्सी से उठने की कोशिश की लेकिन सफल नहीं हुए। आभा तेजी से उनकी सहायता के लिए उठी। पापा को जोर लगा कर उठाया और दीवान तक पहुँचा दिया। बाथरूम से तुरंत नहा कर निकली सिम्मी नें भाभी के कंधे पर पापा का हाथ देखा तो उसे अजीब लगा लेकिन कुछ कहा नहीं … Read more

error: Content is protected !!