अब बहू ने ना कहना सीख लिया है – मधु वशिष्ठ :

 Moral Stories in Hindi तुम्हारी सारी तैयारी पूरी हो गई ना? दवाइयां रख लेना। कमरों के ताले लगाकर बैग बाहर निकाल कर रख दो। मनोज अभी आता ही होगा, हमको यात्रा वाली बस तक छोड़ आएगा।  चाबी उसको दे देना। रात को तो वह घर पर रुकेगा ही ना? वर्मा जी ने शीला जी से … Read more

कहीं ये वो तो नहीं भाग -1 लतिका श्रीवास्तव

रात्रि की कालिमा विदा ले रही थी ।रात भर चांद के साथ गुफ्तगू होती रही । चांद विनम्रता से कालिमा को दूर जाने और रात्रि को आलोकित करने का आग्रह करता रहा ।कालिमा की हठधर्मिता ने कई बार चांद को भी अपना शिकार बनाने का क्रम निरंतर गतिमान रहा तभी सूरज के आने की आहट … Read more

खुशियों का असली तोहफ़ा – ज्योति आहूजा : Moral Stories in Hindi

उदयपुर की पतली गलियों में, गुलमोहर के पेड़ों से ढकी एक कॉलोनी में अभय मेहता का घर था। अभय एक निजी कंपनी में मैनेजर थे और पत्नी संध्या के साथ रहते थे। उनकी बारह साल की बेटी आठवीं कक्षा में पढ़ती थी। संध्या पड़ोस के एक स्कूल में गणित पढ़ाती थीं। पढ़ाने में सख़्त, लेकिन … Read more

प्यार की डोर – संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

” नहीं मां मैं अभी शादी नहीं करूंगी!” आराध्या अपनी मां गीता जी से बोली। ” अब नहीं तो कब करेगी पच्चीस की हो गई है लोग क्या कहेंगे जवान बेटी को घर में बैठा रखा है जिससे वो खर्चे चला सके घर के!” गीता जी दुखी हो बोली। ” मां ये लोग तब तो … Read more

 ‘वीर कभी मरते नहीं हैं – प्रतिभा भारद्वाज :  Moral Stories in Hindi

“मां इस बार दीपावली पर पापा जरूर आएंगे न” 5 साल का अमन अपने पिता की तस्वीर को हाथ में लिए हुए पास में बैठी अपनी मां से पूछता है। “हां बेटा इस बार तो जरूर आएंगे।” कहकर निधि सोच में डूब गयी कि इस बार देश की सीमा पर हालात ऐसे रहे कि डेढ़ … Read more

खत – संध्या त्रिपाठी : Short Story in Hindi

        वहां पर सब कुशल मंगल है ना सोहन के बापू ….?  इस महीने आपका खत नहीं आया …. पर मैं चिंतित नहीं हूं… आप भी चिंता मत कीजिएगा…. हमे पता है …मेरे …सोहन के बापू बिल्कुल ठीक होंगे …. और देश की रक्षा में व्यस्त होंगे….!     यहां हम और सोहन भी कुशल मंगल से है.. … Read more

सास को नहीं मां को समझने की ज़रूरत है – गीतू महाजन :  Moral Stories in Hindi

“क्या, तूने भी आज परांठे खाएं हैं..पर तू तो कभी नाश्ते में परांठे खाती नहीं..हमेशा ओट्स यां सैंडविच खाती है तो फिर आज परांठे क्यों?अरे,अपनी सास को बोल देती ना”, रश्मि जी फोन पर अपनी बेटी से बात कर रही थी।उनकी यह बातें उनके पास बैठी उनकी बड़ी बहन नंदिता जी सुन रही थी। रश्मि … Read more

सन्नाटा – प्रतिमा श्रीवास्तव :  Moral Stories in Hindi

चारों ओर सन्नाटा पसरा हुआ था ऐसा लग रहा था की सांसों की आवाज भी कान को भेद रहीं हैं।मजाल है की किसी के मुंह से एक भी शब्द फूटे। आखिर क्या हुआ था सुरेश जी के साथ।जिस अवस्था में उनकी लाश मिली थी। कहां थे परिवार के लोग और कोई साथ क्यों नहीं था … Read more

मान भंग – शुभ्रा बैनर्जी :  Moral Stories in Hindi

प्रत्येक शनिवार, घर के निकट बने शनिमंदिर में कुछ असहाय वृद्ध,कुछ चलने में लाचार,कुछ दृष्टि विहीन पुरुष और महिला सुबह से ही कतार बद्ध होकर बैठ जाते।शनि मंदिर में श्रद्धालुओं का आना निश्चित होता था।हर श्रद्धालु अपनी क्षमता के अनुरूप भगवान के नाम से इन्हें खाने-पीने की सामग्री,पैसे और भी दान दिया करते।रमा नियमित तो … Read more

बहू औरते उड़द दाल के लड्डू नहीं खा सकती – स्वाती जैंन :  Moral Stories in Hindi

यह क्या प्रिया , तुम नहाने से पहले रसोई में घुस गई , तुम्हें कितनी बार बताना पड़ेगा औरतों को नहाने से पहले रसोई में नहीं आना चाहिए चंचला जी चिल्लाकर बोली !! प्रिया जो कि जल्दी जल्दी पति राहुल और देवर अनिश के लिए पराठे बना रही थी , चंचला जी की कड़कती आवाज … Read more

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