देर से ही सही – करुणा मलिक : Moral stories in hindi

हैलो…. बाबूजी! मैं दीप्ति…चरण स्पर्श । आप …..माँ…..दीपक….और नंदा.. सब कैसे हैं ?  हाँ….दीप्ति….सुखी रहो । बेटा .. तुम और मुन्ना कैसे हो ?  दीप्ति ! आज अपने बाबूजी की याद आई, बेटा  ? तीन साल का हो गया हमारा मुन्ना।  बेटा , सब ठीक तो है? बाबूजी…. क्या मैं घर ….आ … जाऊँ…?  घर…….. … Read more

सच्चा रिश्ता – करुणा मलिक : Moral stories in hindi

अम्मी , तेज़ तूफ़ान और बारिश है । आज तो पता नहीं, कैसे दिन निकलेगा ? यूँ करो , मेरे साथ ही चली चलो । ये पेड़ ना गिर जावे  तू जा । कुछ ना गिरेगा । बूँदों की रूत है तो बरसेगा भी । हुसना ने अपने बेटे को उसके घर भेज दिया । … Read more

शुक्रिया समधिन जी –  करुणा मलिक: Moral stories in hindi

 रत्ना , नाश्ता लग गया है । हम सब इंतज़ार कर रहे हैं – रवि ने अपनी पत्नी को कहा । क्या आज बहू की तबियत ठीक नहीं? उसके पिता बोले । रवि की माँ बोली – रवि ! तुम अपना और रत्ना का नाश्ता कमरे में ही ले जाओ । आराम से वही खा … Read more

चमत्कार – करुणा मलिक : Moral stories in hindi

माला और हेमंत की शादी को सोलह साल हो चुके थे ।  इन बीते सालों में उन दोनों ने  शहर के बड़े से बड़े डॉक्टरों को दिखाया, न जाने कितने टैस्ट हुए पर सभी मेडिकल रिपोर्ट नार्मल थी । डॉक्टरों की पूरी – पूरी टीम केस डिस्कस करती लेकिन माला मातृत्व के सुख से वंचित … Read more

सास मे भी औरत है – करुणा मलिक : Moral stories in hindi

मान्या स्कूल से आते ही बाथरूम में घुस गई । जब स्कूल से निकली उस समय आकाश में हल्के-हल्के बादल छाए थे। रिक्शा पकड़ने में जल्दी भी की पर अचानक तेज बारिश शुरू हो गई और मान्या घर पहँुचते-पहँुचते पूरी तरह से भीग गई। नहाने के बाद बढ़िया कड़क सी चाय बनाकर बालकनी में बैठ … Read more

मूक दायित्व – करुणा मलिक  : Moral stories in hindi

मम्मी! विभोर आ गया क्या? उसने आपसे कोई बात की ? नहीं अभी तो नहीं आया । बात…. किस बारे में ? किसी लड़की के बारे में । आज मैं ऑफिस के किसी क्लाइंट से मिलने रॉक इन रेस्टोरेंट में गया था । जनाब, वहीं किसी लड़की के साथ बैठे कॉफी पी रहे थे । … Read more

‘ पुरुष अहं ‘ – विभा गुप्ता

  सुमेश को आज लड़की देखने जाना था।वह स्वयं एक मल्टीनेशनल कम्पनी में मैनेजर के पद पर चेन्नई में कार्यरत था।अपने लिये वह वर्किंग वाइफ ही चाहता था।पहले तो उसके माता-पिता वर्किंग बहू के लिये ना कह दिये थें लेकिन फिर सोचे,घर में बेटे के साथ बहू की आमदनी भी आये तो क्या बुराई है।            सुमेश … Read more

पश्चाताप की अग्नि – आरती झा आद्या  : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : बाल सुधार गृह में बेटे दिव्यांश से मिलने गई मालिनी बेटे को देख विचलित हो गई थी। गौरवर्ण दिव्यांश एकदम कोयले की तरह काला हो गया था और दुबला पतला ऐसा हो गया था कि पहचान में नहीं आ रहा था। मिलने का समय खत्म होते ही और दिव्यांश के … Read more

दिखावा – उमा वर्मा

रवि को आफिस भेज कर निश्चिन्त होकर बैठी तो एक कप और चाय पीने का मन हो आया ।रसोई में गैस पर चाय चढ़ाया और तबतक घर को व्यवस्थित कर लिया ।जब तक सब अपने अपने काम पर निकलते नहीं तबतक घर लगता है कुश्ती का अखाड़ा बना रहता है ।चाय तैयार हो गई ।कप … Read more

“बाबा,आपको बेसहारा कैसे कर दूं!” – अमिता कुचया

रजनी आज सुबह ही बाबा के कमरे में झाड़ू लगा रही थी ।तभी उसने देखा कि बाबा के चश्मे से ग्लासेस टूट चुके हैं।तब उसने सोचा, चलो जब बाबा उठेंगे ,तब उनसे बात करुंगी और वह दूसरे काम में लग गई। बाबा को डर था कहीं रजनी बहू को पता न चल जाए कि चश्मे … Read more

error: Content is protected !!