पड़ गई कलेजे में ठंडक – मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

डाक्टर सुमोना ने लेबर रूम से बाहर आकर बोली सात्विक जी हम आपके बच्चे को नहीं बचा पाए ।पेट के बल गिरने से बच्चे के सिर में चोट लग गई थी और बच्चा पेट में ही मर गया था। इतना सुनते ही सात्विक की मम्मी शालिनी जी बिफर पड़ी बेटे पर ।पड़ गई तुम दोनों … Read more

चाय पानी हो गई – कंचन श्रीवास्तव आरज़ू : Moral Stories in Hindi

———————– फोन की घंटी बजाते ही सिंक में बर्तन धो रही शोभा ने झट आंचल में हाथ पोछ उसकी तरफ लपकती और फूर्ती से उंगलायां चलाते हुए रिसीब करते हुए बोली – हेलो बेटा जय श्री राधे कैसी हो ।उधर से आवाज आई ठीक हूँ मां और तुम  कैसी हो। अच्छी आदत हो गई है … Read more

जैसी करनी वैसी भरनी – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“ सुना तुमने वो शेखर जी के बेटे बहू ने उन्हें घर से निकाल दिया… एक साल पहले तो बीबी चल बसी अब बेटे बहू ने भी मुँह फेर लिया… भगवान जाने अब वो कहाँ जाएगा ?” चिंतित स्वर में रमाकान्त जी ने पत्नी उमा से कहा  “ये बात अब साफ़ हो गई है कि … Read more

नया उगता सूरज – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

 आज मास्टर जी का बिस्तर से उठने का मन ही नही कर रहा था,पूरा शरीर टूट सा रहा था।अंदर से लग रहा था बुखार आ गया है।वे लेटे रहे।सामान्यतः मास्टर जी सुबह जल्द ही उठ जाते हैं, पर आज सूरज चढ़े तक भी बिस्तर से उठ ही नही पाये।तभी रसोई घर से खटर पटर की … Read more

पहला जन्मदिन – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

माँ, मैं इतवार को सुबह आ रही हूँ… वो पिछली बार कांता मौसी हरिद्वार से कुछ लाने के लिए कह रही थी …पूछकर बता देना , ले आऊँगी । मंगला ! सब ठीक है ना … यूँ अचानक?  सब ठीक है । क्या मैं आप सब से मिलने नहीं आ सकती ? धत्त ! तेरा … Read more

एक्सपायरी – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

माँ, आपके बिना घर बड़ा सूना हो गया था । पापा भी एकदम अकेले से हो गए थे । आगे से जाओ तो दोनों साथ  जाना । अच्छा… अभी तो कह रही थी कि घर सूना हो गया,अब कह रही है कि पापा को भी साथ ले जाना । अरे…. माँ! मेरे शब्दों पर मत … Read more

बड़ा दिल – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

नीलम ! कल जब तू यहाँ से उठ के चली गई थी तो तुम्हारी मम्मी का फ़ोन था ना ? सब ठीक- ठाक तो है? हाँ माँ…. सब ठीक है, मैंने सोचा कि शायद मम्मी मकर- संक्रांति की कोथली के बारे में बात करेंगी …इसलिए उठकर बाहर चली गई पर वे तो वैसे ही फ़ोन … Read more

ईश्वर अपने बंदों के साथ कभी बेइंसाफ़ी नहीं होने देता – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

मेरी आँखों के सामने से दूर हो जा सुरभि! ससुराल से शिकायत और ऐसी कि मेरी परवरिश पर ही उँगली उठ गई , क्या यही संस्कार दिए थे मैंने कि कल को कोई ये कहें कि आपकी बेटी में तो इंसानियत ही नहीं है , पर तेरा भी क्या क़सूर है… हमारे दिए संस्कारों में … Read more

अपमान बना वरदान – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

ये कैसी बात कर रही हो सुजाता! नंदिनी की शादी तुम्हारे भाई के साथ, वैसे क्या जोड़ है …. हाँ…मेरे हिसाब से तो ठीक है दोनों का जोड़ … फिर समीर को नंदिनी बहुत पसंद आई थी । तुम्हारी सगाई के दिन उसे देखकर मेरा भाई लट्टू हो गया था उस पर …. छह महीने … Read more

करियर – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

माँ , कल ग़ाज़ियाबाद जाना है तो आरती के लिए गाजर का हलवा बना दो , ले जाऊँगा । कुणाल ट्यूशन से आता ही होगा , सामान ले आएगा ।  बता ! एक- आध दिन पहले बता देता तो तिल के लड्डू भी बना देती । अब कल जाना है और अब बता रहा है … Read more

error: Content is protected !!