हर सास बुरी नहीं होती – बीना शर्मा : Moral Stories in Hindi

रात के 2:30 बजने वाले थे लेकिन नंदिनी की आंखों से नींद कोसों दूर थी बार-बार आने वाली हिचकी ने उसे परेशान कर रखा था जैसे ही वह सोने की कोशिश करती तभी उसे हिचकी आ जाती उसे समझ में नहीं आ रहा था कि कैसे वह इस समस्या से निजात पाएं दिनभर ऑफिस में … Read more

किसी की नज़र ना लगे । – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

रावी , कल छोटी बहू के मम्मी- पापा आ रहे हैं, नाश्ते – पानी का अच्छे से इंतज़ाम करके रखना ।  माँजी , क्या मेघा से पूछ लूँ कि आँटी- अंकल को क्या पसंद है, उन्हीं की पसंद का बना लूँगी । अरे वो बड़े लोग हैं । उनकी पसंद के चक्कर में  सामान भी … Read more

हम तो बेटी बनाकर लाएँ है – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

समधिन जी , आप क्यों इतना रो रही है? जब चाहें बुला लिया करना मानवी को या खुद चली आया करना , दूर ही कितना है , एक- डेढ़ घंटा बस ……देखना , कैसे बेटी बनाकर रखेंगे हम ।  मानवी के कानों में अक्सर विदाई के समय कहे गए अपनी सास अंजू के स्वर गूँजते … Read more

घुटन – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

अपने आप तो बाबूजी और माँजी चले गए , इस रूपा को सारी ज़िंदगी हम झेलें , पैंतालीस की हो चुकी …. अब तो शादी होने से रही ……तुम्हारा छोटा भाई परिवार को लेकर नौकरी पर चला गया । एक मैं और मेरे बच्चे, हम निभाते रहे सारे रिश्ते… .  पुष्पा! रूपा  दीदी इस घर … Read more

परिवार- छोटा या बड़ा – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

निम्मी , यार हद कर दी तुमने भी , कल पूरा हफ़्ता हो जाएगा जब लड़के वालों का जवाब आ गया था कि आगे का कार्यक्रम बनाएँ । आख़िर….अब क्या समस्या है? मैं सच्ची कह रही हूँ कि ऐसा घर और वर कभी नहीं मिलेगा । वे तो मम्मी जी की रिश्तेदारी की शर्म करके … Read more

अस्तित्व – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

विद्या , तुझसे कुछ बात करनी है । आज  दोपहर को आएगी क्या?  —-शाम को ही आऊँगी । दोपहर में बड़ी गर्मी होती है फिर तुम लोग भी तो थोड़ा आराम करते हो उस समय , सुबह – शाम तो आने-जाने वाले होते हैं । रात के दस बजे तक कहाँ फ़ुरसत मिलती होगी…. —-तभी … Read more

कद्र – अर्चना सिंह : Moral Stories in Hindi

अपना जीवन मैंने हमेशा दूसरों के लिए जिया है । स्वभाव अच्छा होते हुए भी न जाने मुझे शायद हर वक़्त अच्छा सुनने की आदत  या यूँ कहें लत लग गयी थी । नाती – नातिन, पोते – पोतियों से भरा घर, बेटी- बहुएँ, जेठानी – देवरानी । कहने को घर में अथाह लोग लेकिन मेरा … Read more

आदमी औलाद से हारता है – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

बारात आ गई…..बारात आ गई….. राधा के कानों में आवाज़ पड़ी, उसने तुरंत पास बैठी सहेली से कहा —- कम्मो, ज़रा झांक के देख तो सही , दुल्हा कैसा है ? और अगर अच्छा न हुआ तो तू क्या मना कर देंगी ब्याह से ? तूने आज तक किसी से नहीं पूछा वो कैसा है … Read more

गिरह – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

सौरभ तुम्हारी मम्मी का फ़ोन है पर ये मुझे फ़ोन क्यों कर रही है? कहीं तुमने बता तो नहीं दिया कि मैं तुमसे दो हफ़्ते पहले इंडिया जा रही हूँ । फ़ोन तो उठा लो, मैंने कुछ नहीं बताया….क्या मम्मी तुम्हें फ़ोन नहीं कर सकती…..लो फ़ोन कट गया । अच्छा हुआ, कट गया । मैंने … Read more

संदूक खुलाई – करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

स्वाति ,मैं सुबह से कह रही थी कि  संदूक खोलने की रस्म कर लो …. रह गई  ना रस्म , और  बहू मायके चल पड़ी …. बता , रुकेगी क्या हफ़्ता-दस  दिन? नहीं तो रस्म अभी घर चलकर करवा देती हूँ । कल से पंचक लग रहे हैं, अब तो बहू सोमवार को आएगी । … Read more

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