जीवन का मूल मन्त्र – एम पी सिंह

मि. और मिसिस गुप्ता कि शादी को 10 साल हो गए थे। इन 10 सालों मे शायद ही कोई दिन ऐसा होता हो कि दोनों झगड़ते न हो। झगड़े कि वजह कोई बड़ी नहीं होती थी, गुप्ता जी बस यही शिकायत करते कि चाय ठंडी है, चाय अब तक क्यों नहीं मिली, दाल में नमक … Read more

क्रोध – एम पी सिंह

रामलाल एक माध्यम परिवार से था और पढ़ने मैं बहुत तेज। रामलाल के पिताजी सोहनलाल जी प्राइवेट बैंक मे क्लर्क थे और माताजी गृहणी। रामलाल को पढ़ाई के आलावा कोई शौक नहीं था, किसी से भी ज्यादा बातें नहीं करता था, बस अपनी मॉ से लगाव था। वैसे तो सोहनलाल एक नेक इंसान था पर … Read more

विश्वास – एम पी सिंह

मां , एक बार कहा न कि मुझे अंदर नहीं जाना मतलब नहीं जाना, तुम अंदर जाओ। राहुल की मां, राहुल को भोले बाबा के मंदिर में आने के लिए बोल रही थीं, पर वो स्कूटी पर ही बैठा रहा और बोला मैं यहीं इंतजार करता हूँ। तभी एक बड़ी सी कार से साधारण से … Read more

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