दूसरी पारी – गीता वाधवानी
अविनाश ने अपने पापा जगन्नाथ जी से कहा-” पापा, परसों तो आप रिटायर हो रहे हैं, फिर तो आप फ्री रहेंगे हर समय, आपके तो मजे हैं। घर पर सारा दिन आराम करेंगे, गरमा गरम खाना खाएंगे और चैन की बंसी बजाएंगे। ” पापा-” क्यों भई अविनाश, रिटायर होने का मतलब यह तो नहीं होता … Read more