दूसरी पारी – गीता वाधवानी

 अविनाश ने अपने पापा जगन्नाथ जी से कहा-” पापा, परसों तो आप रिटायर हो रहे हैं, फिर तो आप फ्री रहेंगे हर समय, आपके तो मजे हैं। घर पर सारा दिन आराम करेंगे, गरमा गरम खाना खाएंगे और चैन की बंसी बजाएंगे। ”   पापा-” क्यों भई अविनाश, रिटायर होने का मतलब यह तो नहीं होता … Read more

लोगों का काम है – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

 58 वर्षीय विधुर भाई प्रकाश की बातें सुनकर सभी हैरान और गुस्से में थे। उसका अपनी दूसरी शादी के बारे में सोचना सभी को नागवार गुजरा। बड़े भाई नवीन ने कहा-” यह भी कोई उम्र है विवाह की, चार-पांच साल बाद बेटे का विवाह करके बहू ले आना, दो बेटियों का विवाह कर चुके हो, … Read more

लता – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

 22 वर्षीय पल्लवी घर में घुसते समय आंगन में किसी से टकरा गई, अंधेरा होने के कारण उसे पता नहीं चला, तभी अंदर से उसकी मां ने लाइट जला दी, तो पल्लवी ने देखा कि आंगन में रखे बड़े-बड़े गमलों के पीछे कोई छुपा हुआ है।वह डर गई मां को बुलाया और जोर से पूछने … Read more

अलविदा – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

 निधि की बेटी शिप्रा बहुत बीमार थी। 6 वर्ष की छोटी सी आयु में दिल की बीमारी, डॉक्टर साहब ने कहा कि ऑपरेशन करना पड़ेगा, 7 8 लाख रुपए का खर्च आएगा।      निधि ने अपने ऑफिस में बात की, काम नहीं बना। बॉस ने साफ इनकार कर दिया। रिश्तेदारों का तो कहना ही क्या, मायके … Read more

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