कब तक सहूं – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

 आज अचानक रात में अपनी तीनों बेटियों और दामादों को देखकर उमा देवी की आंखों में आंसू भर आए, और कमजोर आवाज में बोली-” आप लोग अचानक रात में कैसे आ गए, चलो अच्छा ही हुआ आप सब एक साथ आ गए, मुझे अब शमशान घाट छोड़कर ही वापस जाना। ”       उन सब लोगों ने … Read more

सचमुच शुभ – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

 आज पायल के घर में सब बहुत खुश थे।उसकी बेटी प्रिया,पति अजय और बेटा नितिन। 18 वर्षीय प्रिया तो खुशी से चहक रही थी।भैया,भाभी कितनी सुंदर और प्यारी है ना, अपने भाई नितिन से कह रही थी।        नितिन ने मुस्कुराते हुए कहा-” ओ हेलो! सिस्टर   अभी सिर्फ हम नंदिनी को देखकर आए हैं और तुम … Read more

 ” बहुत छोटा प्रायश्चित” – गीता वाधवानी  : Moral Stories in Hindi

 आज जब रेखा आंटी ने फिर से उसका आभार माना और धन्यवाद दिया, तो मनीषा की आंखें भर आई। आंटी जब कमरे से चली गई तो वह कमरे का दरवाजा बंद करके खूब फूट-फूट कर रोई और काजल की फोटो को सीने से लगाकर उससे माफी मांगने लगी। पिछले 5 वर्षों में वह न जाने … Read more

 घर मिल गया – गीता वाधवानी  : Moral Stories in Hindi

 आज तो साक्षी ने हद ही कर दी थी। इतनी बेइज्जती इतना अपमान अपनी सास का। कल्याणी तो जार-जार रो रही थी अपने कमरे में। तभी उसके पति गिरधर जी ने कमरे में प्रवेश किया और अपनी पत्नी कल्याणी को रोता हुआ देखकर आश्चर्य चकित रह गए और चिंतित होकर पूछने लगे,” क्या हुआ कल्याणी … Read more

दिल बोलता है – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

 आज जब मिस्टर अनिल सुबह की सैर करके पार्क से वापस घर आए तो उन्हें यह देखकर बहुत हैरानी हुई कि उनकी पत्नी शुभ्रा अभी तक सो रही है। वैसे तो वह उसे सोता हुआ देख कर एकदम चिढ़ जाते थे, लेकिन आज उन्होंने सोचा कि चलो थोड़ा सोने देता हूं थोड़ी देर बाद जगा … Read more

कितनी बार समझौता – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

 आज अविनाश के माता-पिता, अविनाश के साथ अंकिता को देखने उसके घर गए थे। उन्हें अपने बेटे अविनाश के लिए अंकिता बहुत ज्यादा पसंद आई। अंकिता एक पढ़ी-लिखी,मधुर व्यवहार वाली और सुंदर लड़की थी।   अपना एम बी ए पूरा करने के बाद, वह नौकरी  देख रही थी, कि तभी उसके लिए अविनाश का रिश्ता आ … Read more

 संयुक्त परिवार का साथ – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

 अशोक और आशा जी अपनी बेटी शगुन की शादी के लिए बहुत चिंतित थे। अब तक जो भी रिश्ते आए थे वह उन्हें जँच नहीं रहे थे। अबकी बार जो रिश्ता आया था उसे परिवार में सब कुछ अच्छा था और लड़का शुभम तो बहुत ही बढ़िया था।अशोक जी जब से उससे मिलकर आए थे … Read more

स्वार्थी पड़ोसन – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

 दोस्तों आज मैं आपको एक बहुत ही मजेदार वाक्या सुनाने जा रही हूं। वैसे तो मैं उस समय बहुत परेशान हुई थी। पर अब सो कर बड़ा अजीब लगता है। तो हुआ यूं कि हमारे बिल्कुल सामने वाला घर बिल्कुल खाली पड़ा था। हमें लगता था कि वहां कोई रहने आ जाए तो रौनक हो … Read more

दिखावे से दूर – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

 शिल्पी, मोनिका  को फोन करके बोली, “मोनिका चल आज शाम को साथ में कॉफी पीने चलते हैं और तुझसे एक जरूरी बात भी करनी है। तो मिल रही है ना शाम को ”   मोनिका -” शिल्पी, आज तो नहीं मिल पाऊंगी कल आ सकती हूं कल मैं बिल्कुल फ्री हूं। आज शाम को मेरे पति … Read more

कड़वी जुबान- नफरत की दुकान – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

 दिल्ली के आदर्श नगर के एक मोहल्ले में आज बहुत हलचल थी क्योंकि उसे मोहल्ले के एक घर में रहने वाली सितारा, जो की पांच  भाई बहनों में सबसे छोटी थी,वह विवाह के तीन वर्ष बाद ही विधवा हो गई थी।        उसके पति केशव का हार्ट फेल हो गया था। सितारा की उम्र का अभी … Read more

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