गुड फॉर नथिंग – श्वेता अग्रवाल : Moral stories in hindi

निधि आज बहुत ज्यादा खुश थी और खुश होती भी क्यों नहीं,उसकी प्यारी ननद मीनल जो उसके पास रहने आ रही थी। वह सुबह से ही उसके पसंद के पकवानों को बनाने में लगी हुई थी।तभी अचानक डोरबेल बजने लगी। “अरे! इस वक्त कौन आ गया?” सोचते हुए अपने आटा सने हाथों से निधि ने … Read more

सिर्फ बस यादें…! – सीमा प्रियदर्शिनी सहाय : Moral stories in hindi

ऐसा लगता है कि वह कल की ही बात हो…। वह समय पंख बन जाए और उसके ऊपर ही बैठकर  मैं उस हसीन दुनिया में लौट जाऊं जिसे बचपन कहा जाता था। वह हमारा गांव और गांव का वह घर, जहां हम सभी का बचपन बीता था और जवानी भी। हम सब भाई बहन साथ-साथ … Read more

मजबूरी या मक्कारी – लतिका श्रीवास्तव : Moral stories in hindi

जमाने की हवा ही खराब हो गई है…. कल रास्ते में बाजार जाते हुए एक बिचारी सी स्त्री दिख गई उसके दो छोटे छोटे बच्चे थे भीख मांग रही थी..  मुझे दया आ गई मैं उसके पास गया …. कुछ रुपए भी दिए फिर पूछा कुछ काम क्यों नहीं कर लेती तुम इन बच्चों को … Read more

जो मेरे साथ हुआ वह तुम्हारे साथ नहीं होगा – मनु सिंह: Moral stories in hindi

रीमा देवी बाहर बगीचे में बैठी सर्दियों की धूप का आनंद ले रही थी । अभी उन्हें अपनी 12 वर्षीय पोती ने आवाज दी दादी दादी कहां हो आप का हुआ बिटिया काहे को आवाज दिए जा रही हो इतनी देर से ,दादी आपको पता है  वृद्धि आजकल क्लास में बहुत चुप चुप रहती है … Read more

क्या जमाना आ गया है – आशा झा सखी : Moral stories in hindi

आज विद्यालय में हंगामा सा मचा हुआ है। दबी आवाज में  हर जगह एक ही  कानाफूसी हो रही है । क्या जमाना आ गया है,बताओ जरा।लड़कियों से होती हुई ये बात शिक्षिकाओं  के स्टाफरूम तक पहुंच  कर  हॉट गॉसिप  का  अंश बन गयी।हर व्यक्ति बात की सच्चाई जानने को आतुर लग रहा। लता मेडम  रंजना … Read more

पापा कब आओगे? – गीता वाधवानी   : Moral stories in hindi

एक खूबसूरत शहर चंडीगढ़ ,चार लोगों का सुंदर, सुखी , हंसता खेलता मध्यम वर्गीय परिवार। पति सुबोध, पत्नी मीना, 6 वर्षीय पुत्री ख्याति और 4 वर्षीय पुत्र यश।  सुबोध की किरयाने की छोटी सी दुकान थी घर के बाहर वाले कमरे में और उसकी पत्नी मीना घर संभालती थी। जब सुबोध दुकान के लिए सामान … Read more

मां की बरसी – पूजा शर्मा   : Moral stories in hindi

देखो मोहन बेटा! अब तुम भैया को अपने पास लेकर चले जाओ यहां गांव में अकेले कैसे रहेंगे?  भाभी के जाने के बाद बहुत खोये खोये से रहने लगे हैं। अब मेरे हाथ पैर भी कमजोर पड़ गए हैं बेटा  और तुम्हारी चाची की तबीयत भी ठीक नहीं रहती।अब मैं  और तुम्हारी चाची शहर में … Read more

जब जागो तभी सवेरा – शिव कुमारी शुक्ल : Moral stories in hindi

दादी अम्मा आ गईं दादी अम्मा आगईं  की आवाज सुन कर शुभा अपने कमरे से बाहर सिर पर पल्ला रखते हुए आई और उसने सास-ससुर के पैर छुए। दोनों बच्चे दादा-दादी से लिपट कर खुश हो रहे थे। शुभा अम्मा का पर्स उनके हाथ से लेकर बोली आइए। वे अन्दर जाकर सोफे पर बैठ गए। … Read more

महत्व और समर्पण – बालेश्वर गुप्ता : Moral stories in hindi

    अरे भागवान, नौकर है तो, मेरा सब कुछ करता तो है,फिर क्यूँ मेरे पास ही बैठी रहती हो?मेरा क्या है,मैं तो बुझता चिराग हूँ।      ऐसा क्यूँ बोलते हो,क्यूँ मेरा हक समाप्त करते हो?मेरे जीवन मे तो तुम ही हो,कैसे तुम्हे छोड़ दूं अकेले।           दोनो के विवाह को पचास वर्ष इसी माह पूरे होने वाले थे।उनका … Read more

अहमियत औरत की पसंद की – संगीता अग्रवाल : Moral stories in hindi

” मम्मी जी आज खाने में कटहल की सब्जी बना लेती हूं आप जरा बाहर सब्जी वाले से ला दे !” पंद्रह दिन पहले ब्याह कर आई रुचि ने अपनी सास नलिनी जी से कहा। ” नही नही कटहल की सब्जी हमारे यहां कोई नही खाता तुम ऐसा करो अपने पापा जी की पसंद की … Read more

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